किसी भी व्यक्ति के भाषा बहुत महत्व रखती है। भाषा के क्षेत्र व्यापक होने के साथ-साथ परस्पर अंतःसंबंधित हैं। भाषा विचार विनमय का प्रमुख साधन है।भाषा विचारों के आदान-प्रदान का सर्वाधिक उपयोगी साधन है। परस्पर बातचीत लेकर मानव-समाज की सभी गतिविधियों में भाषा की आवश्यकता पड़ती है। संकेतों से कही गई बात में भ्रांति की संभावना रहती है, किन्तु भाषा के द्वारा हम अपनी बात स्पष्ट तथा निर्भ्रांत रूप में दूसरों तक पहुँचा सकते हैं।भाषा का लिखित रूप भी कम उपयोगी नहीं। पत्र, पुस्तक, समाचार-पत्र आदि का प्रयोग हम दैनिक जीवन में करते हैं। लिखित रूप में होने से पुस्तकें, दस्तावेज आदि लम्बे समय तक सुरक्षित रह सकते हैं। रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ तथा ऐतिहासिक शिलालेख आज तक इसलिए सुरक्षित हैं क्योंकि वे भाषा के लिखित रूप में है।
भाषा के महत्व को निम्न बिन्दुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है-
(1) भाषा भावाभिव्यक्ति का प्रमुख साधन है।
(2) भाषा ज्ञान प्राप्ति का साधन है।
(3) भाषा मानव संस्कृति व सभ्यता के विकास का साधन है।
(4) भाषा मौलिक विचारों को संरक्षित करने का साधन है।
(5) भाषा मानव विकास का मूल आधार है।
(6) भाषा वैज्ञानिक विकास का आधार है।
(7) भाषा आर्थिक विकास का आधार है।
(8) भाषा राष्ट्रीय एकता का आधार है।