हिन्दी साहित्य का इतिहास » विश्व हिन्दी सम्मेलन

विश्व हिन्दी सम्मेलन

1. प्रथम

वर्ष
10-14 जनवरी 1975

स्थान
नागपुर, भारत
बोधवाक्य
वसुधैव कुटुम्बकम्

यह राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के सहयोग से आयोजित किया गया इसमें विनोबा जी ने संदेश दिया। 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें पारित किये गए प्रस्ताव थे-वर्धा में विश्व हिंदी पीठ की स्थापना हो, संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए और विश्व हिंदी सम्मेलनों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए अत्यंत विचारपूर्वक एक योजना बनाई जाए।

2. द्वितीय

वर्ष
28-30 अगस्त 1976

स्थान
पोर्ट लुई, मारीशस
बोधवाक्य
वसुधैव कुटुम्बकम्
भारत की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्ण सिंह ने 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लिया। 17 देशों के 181 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
3. तृतीय

वर्ष
28-30 अक्टूबर 1983

स्थान
नई दिल्ली, भारत
बोधवाक्य
वसुधैव कुटुम्बकम्
4. चतुर्थ

वर्ष
2-4 दिसंबर 1993

स्थान
पोर्ट लुई, मारीशस
बोधवाक्य
वसुधैव कुटुम्बकम्
5. पंचम

वर्ष
4-8 अप्रैल 1996

स्थान
त्रिनिदाद और टोबैगो, पोर्ट ऑफ स्पेन
बोधवाक्य
अप्रवासी भारतीय और हिंदी
6. षष्ट

वर्ष
14-18 सितंबर 1999

स्थान
लंदन, इंग्लैंड
बोधवाक्य
हिंदी और भावी पीढ़ी
7. सप्तम

वर्ष
5-9 जून 2003

स्थान
पारामरिबा, सूरीनाम
बोधवाक्य
विश्व हिंदी-नई शताब्दी की चुनौतियॉं
8. अष्टम

वर्ष
13-15 जुलाई 07

स्थान
न्यूयार्क, अमेरिका
बोधवाक्य
विश्वमंच पर हिंदी
9. नवम

वर्ष
22-24 दिसंबर 2012

स्थान
जोहांसबर्ग
दक्षिण अफ्रीेका
बोधवाक्य
भाषा की अस्मिता और हिंदी का वैश्विक संदर्भ
10. दशम

वर्ष
10 से 12 सितंबर 2015

स्थान
भोपाल, भारत
बोधवाक्य
जगत: विस्तार और संभावनाएँ
11. एकादश

वर्ष

18-20 अगस्त 2018

स्थान

पोर्ट लुई, मारीशस

बोधवाक्य

हिंदी विश्‍व और भारतीय संस्‍कृति

12. द्वादश (प्रस्तावित)

वर्ष
2021

स्थान
देवास, मध्य प्रदेश, भारत
बोधवाक्य

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