रचनात्मक लेखन » स्ववृत लेखन

इस लेख में स्ववृत के विषय में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी। पहले हम स्ववृत के विषय में जानेंगे, उसके बाद स्ववृत के उदाहरण देखेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं –

प्रश्न :- स्ववृत्त किसे कहते हैं?

उत्तर :- स्ववृत्त किसी व्यक्ति व्यक्ति का संक्षिप्त और सारगर्भित विवरण है जिसमें व्यक्ति/आवेदक का वैयक्तिक विवरण, शैक्षणिक योग्यता, अंक प्रतिशत, कार्य अनुभव आदि सभी समाहित होते हैं। अंग्रेजी में इसे बायोडाटा कहा जाता है।

प्रश्न :- स्ववृत्त को कब प्रस्तुत किया जाता है?

उत्तर :-  स्ववृत को किसी नौकरी, पद आदि के आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जाता है।

प्रश्न :- स्ववृत्त किस प्रकार उम्मीदवारों के चयन में सहायक होता है?

उत्तर :-  व्यक्ति के संक्षिप्त मूल्यांकन का सर्वश्रेष्ठ आधार स्ववृत्त को माना जाता है। स्ववृत के माध्यम से उम्मीदवारों की योग्यता का मूल्यांकन किया जा सकता है।

प्रश्न :- आवेदन पत्र के साथ ‘स्ववृत्त’ संलग्न करना क्यों आवश्यक है?

उत्तर :-

  1.  एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धाारणा उत्पन्न करता है।
  2. नौकरी में सफ़लता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।
  3. स्ववृत्त में किसी विशेष प्रयोजन को धयान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएँ संकलित की जाती है।

प्रश्न :- एक अच्छे स्ववृत्त में क्या-क्या विशेषताएँ होती है?

उत्तर :-

  1. स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिश्योक्ति से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए। यह मत भूलो कि नियोक्ता को उम्मीदवारों के चयन का अच्छा खासा अनुभव होता है। गलत या बढ़ा-चढ़ा कर किए गए दावों से उन्हें धोखा देने की कोशिश खतरनाक बन सकती है। अगर साक्षात्कार के लिए बुला भी लिया गया तो उस दौरान कलई खुलने का पूरा अंदेशा रहता है।
  2. अपने व्यक्तित्व, ज्ञान और अनुभव के सबल पहलुओं पर जोर देना चाहिए।
  3. स्ववृत्त का आकार अति संक्षिप्त अथवा जरूरत से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
  4. स्ववृत्त साफ़-सुथरे ढंग से टंकित या कम्प्यूटर-मुद्रित अथवा सुंदर-लेखन में होना चाहिए । स्ववृत्त में सूचनाओं को अनुशासित क्रम में लिखना चाहिए तथा व्यक्ति -परिचय, शैक्षिक योग्यता, अनुभव, प्रशिक्षण, उपलब्धियाँ, कार्येत्तर गतिविधिायाँ इत्यादि।
  5. परिचय में नाम, जन्मतिथि, उम्र, पत्र-व्यवहार का पता, टेलीफ़ोन नंबर ई-मेल इत्यादि लिखे जाते हैं।
  6. शैक्षिक योग्यता में विद्यालय का नाम, बोर्ड या विश्वविद्यालय का नाम, परीक्षा का वर्ष, प्राप्तांक, प्रतिशत तथा श्रेणी का उल्लेख करना आवश्यक है।
  7. कार्येत्तर गतिविधियों का उल्लेख अन्य उम्मीदवारों से अलग पहचान दिलाने में समर्थ होता है।
  8. स्ववृत्त में विज्ञापन में वर्णित योग्यताओं और आवश्यकताओं को धयान में रखते हुए थोड़ा-बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।
  9. किसी भी व्यक्ति से संबंधित सूचनाओं का तो कोई अंत ही नहीं है। लेकिन हर सूचना नियोक्ता के काम की नहीं हो सकती। इसीलिए स्ववृत्त में वही सूचनाएँ डाली जा सकती हैं जिनमें दूसरे पक्ष यानी नियोक्ता की दिलचस्पी हो।
  10. स्ववृत्त में आलंकारिक भाषा की गुंजाइश नहीं है। इसीलिए इसकी शैली-सरल, सीधी, सटीक और साफ़ होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाले को सारी बातें एक ही नजर में स्पष्ट हो जाएँ और अर्थ निकालने के लिए दिमाग पर जोर न डालना पड़े।
  11. यह ध्यान रखना चाहिए कि स्ववृत्त न तो जरूरत से अधिक लंबा हो न ही ज़्यादा छोटा। अगर बहुत संक्षिप्त हुआ तो इसमें अनेक जरूरी चीजें आने से रह जाएँगी। दूसरी ओर यदि बहुत लंबा हुआ तो पढ़ने वाला अनेक पहलुओं को नजरअंदाज कर सकता है।
  12. बात-स्ववृत्त साफ़-सुथरे ढगं से टंकित या कंप्यटूर-मुद्रित होना चाहिए। व्याकरण संबंधी भूलों को भी दूर कर लेना चाहिए। ये बातें छोटी लग सकती हैं मगर उम्मीदवार के प्रति विपरीत धारणा उत्पन्न करती हैं। नियोक्ता को ऐसा लग सकता है कि उम्मीदवार या तो लापरवाहहै या फिर उसकी शिक्षा-दीक्षा ढंग से नहीं हुई है।

प्रश्न :- स्ववृत्त निर्माण में निपुणता क्यों आवश्यक है?

उत्तर :- एक स्ववृत्त की तुलना हम उम्मीदवार के दूत या प्रतिनिधि से कर सकते हैं। जिस प्रकार एक अच्छा दूत या प्रतिनिधि अपने स्वामी का एक सुंदर और आकर्षक चित्र प्रस्तुत  करता है, उसी प्रकार एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है। एक अच्छा स्ववृत्त किसी चुंबक की तरह होता है जो नियुक्तिकर्ता को आकर्षित कर लेता है। नौकरी में सफलता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।

स्ववृत्त के उदाहरण

उदाहरण – 1 : पीजीटी (हिन्दी) पद पर आवेदन करने के लिए स्ववृत्त

वैयक्तिक विवरण –

नाम – जगदीश लाल
पिता का नाम – प्रेमलाल
माता का नाम – किशना
जन्मतिथि – 30 जुलाई 1994
वर्तमान पता – 525 ए, गली नंबर 9, गीता कॉलोनी, दिल्ली – 110011
दूरभाष – 011 -12345678
मोबाइल संख्या – 9999999999
ईमेल – jagdishlal123@gmail.com

शैक्षणिक योग्यता –

क्रम संख्या  कक्षा  वर्ष  विद्यालय/बोर्ड   विषय  उत्तीर्ण/प्रतिशत
1 दसवीं 2008 CBSE हिंदी अंग्रेजी सामाजिक विज्ञानं गणित 79%
2 बारहवीं 2010 CBSE हिंदी अंग्रेजी इतिहास अर्थशास्त्र 83 %
3 स्नातक 2013 University of Delhi हिंदी 62 %
4 बी.एड 2015 University of Delhi हिंदी 85 %
5 परास्नातक 2017 University of Delhi हिंदी 76 %

अन्य योग्यताएँ –

  • कंप्यूटर में 1 वर्ष का डिप्लोमा
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 6 माह का डिप्लोमा
  • हिंदी अंग्रेजी जर्मनी स्पेनिश भाषा की जानकारी।
  • योगा के क्षेत्र में 6 माह का प्रशिक्षण।

उपलब्धियाँ –

  • विद्यालय स्तर पर एनसीसी में उच्च प्रशिक्षण।
  • भारत को जानो प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर द्वितीय पुरस्कार।
  • गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने का पुरस्कार।

कार्येत्तर गतिविधियां और अभी रुचियाँ –

  • योगाभ्यास क्रिकेट शास्त्रीय संगीत गायन वादन में विशेष रूचि।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम को आयोजन करने का अनुभव तथा रुचि
  • आधुनिक तकनीकों का प्रयोग सीखना तथा समाज के लिए उपयोगी बनाना।

 

उदाहरण – 2 : क्लर्क के पद पर आवेदन करने के लिए स्ववृत्त।

वैयक्तिक विवरण –

नाम – गीतांजली शर्मा
पिता का नाम – कृष्णलाल शर्मा
माता का नाम – मीना शर्मा
जन्मतिथि – 15 अगस्त 1990
वर्तमान पता – 256/16 गोपाल गंज, भोपाल, मध्य प्रदेश। 
दूरभाष – 011 -12345678
मोबाइल संख्या – 9999999999
ईमेल – geeta_sharma@gmail.com

शैक्षणिक योग्यता –

क्रम संख्या  कक्षा  वर्ष  विद्यालय/बोर्ड   विषय  उत्तीर्ण/प्रतिशत
1 दसवीं 2005 CBSE हिंदी अंग्रेजी सामाजिक विज्ञानं गणित 65%
2 बारहवीं 2007 CBSE हिंदी अंग्रेजी इतिहास अर्थशास्त्र 69 %
3 डिप्लोमा   2009 आईटीआई हिन्दी शॉर्टहैंड  77%

अन्य योग्यताएँ –

  • कंप्यूटर में एक वर्ष का डिप्लोमा।
  • हिंदी, अंग्रेजी भाषा की जानकारी।
  • हिन्दी टाइपिंग गति 30 शब्द प्रति मिनट।
  • अंग्रेजी टाइपिंग गति 40 शब्द प्रति मिनट।

उपलब्धियाँ –

  • ‘मेरे हाथ का हुनर’ प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार।

कार्येत्तर गतिविधियां और अभी रुचियाँ –

  • शास्त्रीय संगीत, गायन, वादन में विशेष रूचि।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम को आयोजन करने का अनुभव तथा रुचि।
  • आधुनिक तकनीकों का प्रयोग सीखना तथा समाज के लिए उपयोगी बनाना।

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