व्याकरण » कारक

संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताने वाले शब्द कारक कहलाते हैं। कारक के आठ भेद है- कर्त्ता कारक, कर्म कारक, करण कारक, संप्रदान कारक, अपादान कारक, संबंध कारक, अधिकरण कारक, संबोधन कारक।

1- कर्त्ता कारक (विभक्ति ने, को, से) क्रिया को करने वाला (क्रिया के साथ प्रश्न – कौन)

जैसे –

             लड़का खेल रहा है।

             सूरज चमक रहा है।

             पत्थर लुढ़क रहा है।

             राम ने पुस्तक पढ़ ली।

             मोहन को कल दिल्ली जाना है।

             राकेश से मारे दर्द के चला नहीं जा रहा।

 

2- कर्म कारक (विभक्ति को) – जिस पर क्रिया का फल या प्रभाव पड़े (क्रिया के साथ प्रश्न – क्या)

जैसे –

             मोहन दूध पी रहा है।

             श्याम किताब पढ़ रहा है।

             गोविन्द गेंद खेल रहा है।

             उस किताब को उठा दो।

             राम ने रावण को मार डाला।

 

3- करण कारक (विभक्त – से, के द्वारा) जिस साधन से क्रिया संपन्न हो (क्रिया के साथ प्रश्न – कैसे, किससे)

जैसे –

             मैं कलम से लिखता हॅूं।

             उसने किताब नौकर के द्वारा भिजवाई।

             वह बस से आया है।

 

4- संप्रदान कारक (विभक्ति – को, के लिए) जिसकी हितपूर्ति क्रिया से हो (क्रिया के साथ प्रश्न – किसके लिए, किसको)

जैसे –

             मोहन ने सोहन को अपनी पुस्तक दे दी (द्विकर्मक क्रिया में ‘को’ संप्रदान में होगा)।

             मैं अपनी माताजी के लिए दवाई ले आया।

             वह इलाज के लिए दिल्ली आ रहा है।

 

5- अपादान कारक (विभक्ति – से, अलग होना) जिससे अलगाव हो ।

जैसे –

             पेड़ से पत्ता गिरा।

             वह मकान छोड़ कर चला गया।

             वह बस से नीचे उतरा।

             मोहन दिल्ली से आज ही आया है।

             गंगा हिमालय से निकलती है।

             पवन पंजाब से रेलगाड़ी से आया।

 

6- संबंध कारक (विभक्ति – का, के, की, रा, रे, री) जहॉं संज्ञा या सर्वनाम का संज्ञा या सर्वनाम से संबंध हो।

जैसे –

             यह पुस्तक मेरी है।

             यह राम की पतंग है।

 

7- अधिकरण कारक (विभक्ति – के ऊपर, के भीतर, में, पर, के बाद, के पहले) स्थान संबंधी या काल संबंधी आधार (क्रिया के साथ प्रश्न – कहॉं, कब)

जैसे –

             मेज पर किताब रखी है।

             पिताजी कमरे में हैं।

             चारपाई पर चादर बिछा दो।

             मैं शाम को जाऊँगा।

             परीक्षा मार्च में होगी।

             गाड़ी दस बजे छूटती है।

 

8- संबोधन कारक (विभक्ति – हे, अरे)

जैसे –

             अरे मोहन ! यहाँ आना।

             ओ लड़के ! इधर आ।

             सज्जनो और देवियों! हम फिर मिलेंगे।