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कक्षा 9 HINDI MCQ PAPER 1

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1. अपठित गद्यांश

बेरोजगारी के कारण देश की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है। आजादी के बाद से ही भारत में रोजगार सही तरीके से नहीं बढ़े। यह कहा जा सकता है कि जनसंख्या के अनुपात में रोजगार का सृजन नहीं हो पाया। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं और वित्त आयोगों के अंतर्गत इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई। प्रथम पंचवर्षीय योजना को 1951 में शुरू किया गया और योजना आयोग का गठन किया गया। हाल ही में 12वीं पंचवर्षीय योजना का कालखंड समाप्त हुआ है। इसके बाद से सरकार ने ऐसी पंचवर्षीय योजनाएँ बंद कर दी और योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की। सवाल उठता है कि आयोग का नाम बदल देने से रोजगार का सृजन किस प्रकार होगा? क्या सरकारी तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ बेरोजगारी से जूझ रहे युवा वर्र्ग तक पहुँच बना सकेंगी? वर्तमान में सरकार ने अनेक ऐसे कार्यक्रम आरंभ किए हैं जिनके द्वारा युवाओं को स्किल इंडिया की मुहीम का हिस्सा बनाया जा सके। जैसे - प्रबंधन और विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षक का प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य कौशल: सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास, एमएसएमई के लिए ऋण रणनीति आदि। इन कार्यक्रमों को देखकर लगता है कि जल्द ही युवा वर्ग की बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

प्रश्न - 1951 में किस पंचवर्षीय योजना की शुरुआत हुई थी?

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2. अपठित गद्यांश

बेरोजगारी के कारण देश की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है। आजादी के बाद से ही भारत में रोजगार सही तरीके से नहीं बढ़े। यह कहा जा सकता है कि जनसंख्या के अनुपात में रोजगार का सृजन नहीं हो पाया। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं और वित्त आयोगों के अंतर्गत इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई। प्रथम पंचवर्षीय योजना को 1951 में शुरू किया गया और योजना आयोग का गठन किया गया। हाल ही में 12वीं पंचवर्षीय योजना का कालखंड समाप्त हुआ है। इसके बाद से सरकार ने ऐसी पंचवर्षीय योजनाएँ बंद कर दी और योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की। सवाल उठता है कि आयोग का नाम बदल देने से रोजगार का सृजन किस प्रकार होगा? क्या सरकारी तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ बेरोजगारी से जूझ रहे युवा वर्ग तक पहुँच बना सकेंगी? वर्तमान में सरकार ने अनेक ऐसे कार्यक्रम आरंभ किए हैं जिनके द्वारा युवाओं को स्किल इंडिया की मुहीम का हिस्सा बनाया जा सके। जैसे - प्रबंधन और विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षक का प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य कौशल: सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास, एमएसएमई के लिए ऋण रणनीति आदि। इन कार्यक्रमों को देखकर लगता है कि जल्द ही युवा वर्ग की बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

प्रश्न - आजादी के पश्चात किस अनुपात में रोजगार का सृजन नहीं हो सका?

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3. अपठित गद्यांश

बेरोजगारी के कारण देश की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है। आजादी के बाद से ही भारत में रोजगार सही तरीके से नहीं बढ़े। यह कहा जा सकता है कि जनसंख्या के अनुपात में रोजगार का सृजन नहीं हो पाया। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं और वित्त आयोगों के अंतर्गत इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई। प्रथम पंचवर्षीय योजना को 1951 में शुरू किया गया और योजना आयोग का गठन किया गया। हाल ही में 12वीं पंचवर्षीय योजना का कालखंड समाप्त हुआ है। इसके बाद से सरकार ने ऐसी पंचवर्षीय योजनाएँ बंद कर दी और योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की। सवाल उठता है कि आयोग का नाम बदल देने से रोजगार का सृजन किस प्रकार होगा? क्या सरकारी तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ बेरोजगारी से जूझ रहे युवा वर्ग तक पहुँच बना सकेंगी? वर्तमान में सरकार ने अनेक ऐसे कार्यक्रम आरंभ किए हैं जिनके द्वारा युवाओं को स्किल इंडिया की मुहीम का हिस्सा बनाया जा सके। जैसे - प्रबंधन और विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षक का प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य कौशल: सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास, एमएसएमई के लिए ऋण रणनीति आदि। इन कार्यक्रमों को देखकर लगता है कि जल्द ही युवा वर्ग की बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

प्रश्न - सरकार ने योजना आयोग का नाम बदलकर क्या कर दिया?

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4. अपठित गद्यांश

बेरोजगारी के कारण देश की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है। आजादी के बाद से ही भारत में रोजगार सही तरीके से नहीं बढ़े। यह कहा जा सकता है कि जनसंख्या के अनुपात में रोजगार का सृजन नहीं हो पाया। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं और वित्त आयोगों के अंतर्गत इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई। प्रथम पंचवर्षीय योजना को 1951 में शुरू किया गया और योजना आयोग का गठन किया गया। हाल ही में 12वीं पंचवर्षीय योजना का कालखंड समाप्त हुआ है। इसके बाद से सरकार ने ऐसी पंचवर्षीय योजनाएँ बंद कर दी और योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की। सवाल उठता है कि आयोग का नाम बदल देने से रोजगार का सृजन किस प्रकार होगा? क्या सरकारी तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ बेरोजगारी से जूझ रहे युवा वर्ग तक पहुँच बना सकेंगी? वर्तमान में सरकार ने अनेक ऐसे कार्यक्रम आरंभ किए हैं जिनके द्वारा युवाओं को स्किल इंडिया की मुहीम का हिस्सा बनाया जा सके। जैसे - प्रबंधन और विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षक का प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य कौशल: सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास, एमएसएमई के लिए ऋण रणनीति आदि। इन कार्यक्रमों को देखकर लगता है कि जल्द ही युवा वर्ग की बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

प्रश्न - निम्न में से कौन-सा कार्यक्रम सरकार द्वारा आरंभ स्किल इंडिया प्रोग्राम का हिस्सा नहीं है?

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5. अपठित गद्यांश

बेरोजगारी के कारण देश की अधिकतर आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर है। आजादी के बाद से ही भारत में रोजगार सही तरीके से नहीं बढ़े। यह कहा जा सकता है कि जनसंख्या के अनुपात में रोजगार का सृजन नहीं हो पाया। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं और वित्त आयोगों के अंतर्गत इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई। प्रथम पंचवर्षीय योजना को 1951 में शुरू किया गया और योजना आयोग का गठन किया गया। हाल ही में 12वीं पंचवर्षीय योजना का कालखंड समाप्त हुआ है। इसके बाद से सरकार ने ऐसी पंचवर्षीय योजनाएँ बंद कर दी और योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की। सवाल उठता है कि आयोग का नाम बदल देने से रोजगार का सृजन किस प्रकार होगा? क्या सरकारी तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा जिससे सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ बेरोजगारी से जूझ रहे युवा वर्ग तक पहुँच बना सकेंगी? वर्तमान में सरकार ने अनेक ऐसे कार्यक्रम आरंभ किए हैं जिनके द्वारा युवाओं को स्किल इंडिया की मुहीम का हिस्सा बनाया जा सके। जैसे - प्रबंधन और विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षक का प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य कौशल: सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास, एमएसएमई के लिए ऋण रणनीति आदि। इन कार्यक्रमों को देखकर लगता है कि जल्द ही युवा वर्ग की बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

प्रश्न - निम्न में से किस शब्द में उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है?

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6. अपठित पद्यांश

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी?

देव!! मेरे भाग्य में क्या है बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में?
या जलूँगी फिर अंगारे पर किसी,
चू पडूँगी या कमल के फूल में?

बह गयी उस काल एक ऐसी हवा
वह समुन्दर ओर आई अनमनी
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।

लोग यों ही हैं झिझकते, सोचते
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।

प्रश्न - बादलों की गोद से निकलकर बूँद क्या सोचने लगी?

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7. अपठित पद्यांश

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी?

देव!! मेरे भाग्य में क्या है बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में?
या जलूँगी फिर अंगारे पर किसी,
चू पडूँगी या कमल के फूल में?

बह गयी उस काल एक ऐसी हवा
वह समुन्दर ओर आई अनमनी
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।

लोग यों ही हैं झिझकते, सोचते
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।

प्रश्न - 'वह समुन्दर ओर आई अनमनी' से कवि का क्या आशय है?

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8. अपठित पद्यांश

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी?

देव!! मेरे भाग्य में क्या है बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में?
या जलूँगी फिर अंगारे पर किसी,
चू पडूँगी या कमल के फूल में?

बह गयी उस काल एक ऐसी हवा
वह समुन्दर ओर आई अनमनी
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।

लोग यों ही हैं झिझकते, सोचते
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।

प्रश्न - समुद्र की ओर आने से बूँद का क्या हुआ?

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9. अपठित पद्यांश

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी?

देव!! मेरे भाग्य में क्या है बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में?
या जलूँगी फिर अंगारे पर किसी,
चू पडूँगी या कमल के फूल में?

बह गयी उस काल एक ऐसी हवा
वह समुन्दर ओर आई अनमनी
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।

लोग यों ही हैं झिझकते, सोचते
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।

प्रश्न - कवि के अनुसार घर का छोड़ना अक्सर क्या कर देता है?

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10. अपठित पद्यांश

ज्यों निकल कर बादलों की गोद से
थी अभी एक बूँद कुछ आगे बढ़ी
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी?

देव!! मेरे भाग्य में क्या है बदा,
मैं बचूँगी या मिलूँगी धूल में?
या जलूँगी फिर अंगारे पर किसी,
चू पडूँगी या कमल के फूल में?

बह गयी उस काल एक ऐसी हवा
वह समुन्दर ओर आई अनमनी
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी।

लोग यों ही हैं झिझकते, सोचते
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूँद लौं कुछ और ही देता है कर।

प्रश्न - चू पडूँगी या कमल के फूल में? - 

रेखांकित शब्द का पर्यायवाची निम्न में से कौन-सा नहीं है?

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11. 'अधोमुख' में उपसर्ग है-

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12. 'स्वयंभू' में उपसर्ग है-

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13. 'प्यारा' में प्रत्यय है-

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14. 'बाजारू' में प्रत्यय है-

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15. निम्न में से समस्तपद 'गिरिधर' के लिए कौन-सा विग्रह और समास का नाम उचित होगा?

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16. निम्न में से समस्तपद 'ठंडा-गर्म' के लिए कौन-सा विग्रह और समास का नाम उचित होगा?

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17. निम्न में से समस्तपद 'त्रिफला' के लिए कौन-सा विग्रह और समास का नाम उचित होगा?

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18. निम्न में से समस्तपद 'अधपका' के लिए कौन-सा विग्रह और समास का नाम उचित होगा?

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19. 'रीमा डॉक्टर है।' इस वाक्य को विस्मयादिबोधक वाक्य में कैसे लिखा जाएगा?

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20. निम्नलिखित वाक्य को निर्देश के बदलें-

वाक्य - वह जोर-जोर से हँस रहा है। (विस्मयादिबोधक वाक्य में)

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21. निम्नलिखित वाक्य को निर्देश के बदलें-

वाक्य - पढ़ाई करने पर अच्छे अंक मिलते हैं। (संकेतवाचक वाक्य में)

22 / 40

22. निम्नलिखित वाक्य को निर्देश के बदलें-

वाक्य - यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी होती। (संदेहवाचक वाक्य में)

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23. निम्न में से किस पंक्ति में उपमा अलंकार नहीं है?

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24. निम्न में किस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है?

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25. निम्न में से किस पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार है?

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26. निम्न पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

'आए महंत-वसंत।'

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27. पठित गद्यांश

आज दोनों के सामने फिर वही सूखा भूसा लाया गया। दोनों चुपचाप खड़े रहे। घर के लोग भोजन करने लगे। उस वक्त छोटी-सी लड़की दो रोटियाँ लिए निकली, और दोनों के मुँह में देकर चली गई। उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती ; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया। यहाँ भी किसी सज्जन का वास है। लड़की भैरो की थी। उसकी माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए इन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी।

प्रश्न - जब दोनों बैलों के सामने सूखा भूसा डाला गया, तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?

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28. पठित गद्यांश

आज दोनों के सामने फिर वही सूखा भूसा लाया गया। दोनों चुपचाप खड़े रहे। घर के लोग भोजन करने लगे। उस वक्त छोटी-सी लड़की दो रोटियाँ लिए निकली, और दोनों के मुँह में देकर चली गई। उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती ; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया। यहाँ भी किसी सज्जन का वास है। लड़की भैरो की थी। उसकी माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए इन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी।

प्रश्न - छोटी लड़की ने दोनों बैलों को कितनी-कितनी रोटियाँ दी?

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29. पठित गद्यांश

आज दोनों के सामने फिर वही सूखा भूसा लाया गया। दोनों चुपचाप खड़े रहे। घर के लोग भोजन करने लगे। उस वक्त छोटी-सी लड़की दो रोटियाँ लिए निकली, और दोनों के मुँह में देकर चली गई। उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती ; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया। यहाँ भी किसी सज्जन का वास है। लड़की भैरो की थी। उसकी माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए इन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी।

प्रश्न - छोटी लड़की किस वक्त दोनों बैलों के लिए रोटियाँ लेकर निकली?

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30. पठित गद्यांश

आज दोनों के सामने फिर वही सूखा भूसा लाया गया। दोनों चुपचाप खड़े रहे। घर के लोग भोजन करने लगे। उस वक्त छोटी-सी लड़की दो रोटियाँ लिए निकली, और दोनों के मुँह में देकर चली गई। उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती ; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया। यहाँ भी किसी सज्जन का वास है। लड़की भैरो की थी। उसकी माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए इन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी।

प्रश्न - सौतेली माँ लड़की के साथ कैसा व्यवहार करती थी?

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31. पठित गद्यांश

आज दोनों के सामने फिर वही सूखा भूसा लाया गया। दोनों चुपचाप खड़े रहे। घर के लोग भोजन करने लगे। उस वक्त छोटी-सी लड़की दो रोटियाँ लिए निकली, और दोनों के मुँह में देकर चली गई। उस एक रोटी से इनकी भूख तो क्या शांत होती ; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया। यहाँ भी किसी सज्जन का वास है। लड़की भैरो की थी। उसकी माँ मर चुकी थी। सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए इन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी।

प्रश्न - 'यहाँ भी किसी सज्जन का वास है।' - इस पंक्ति में रेखांकित शब्द का विलोम होगा।

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32.

टॉर्च बनाने वाली कंपनी का नाम था-

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33. 'ल्हासा की ओर' पाठ हिन्दी की कौन-सी गद्य विधा है?

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34. पठित पद्यांश

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।।

प्रश्न - खोजने वाले को ईश्वर कितनी देर में मिल सकता है?

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35. पठित पद्यांश

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।।

प्रश्न - कबीर के अनुसार ईश्वर कहाँ नहीं है?

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36. पठित पद्यांश

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।।

प्रश्न - 'सब स्वाँसों की स्वाँस में।' - पंक्ति का क्या अभिप्राय है?

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37. पठित पद्यांश

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।।

प्रश्न - 'ना तो कौने क्रिया-कर्म में।' - पंक्ति के द्वारा कबीर ने किस क्रिया की ओर इशारा किया है?

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38. पठित पद्यांश

मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौने क्रिया-कर्म में, नहीं योग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहैं कबीर सुनो भई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।।

प्रश्न - 'ना काबे कैलास में।' - पंक्ति में ......... अलंकार है?

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39. कवयित्री ने उतराई किसे माना है?

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40. वाख किसे कहते हैं?

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