व्याकरण » शुद्ध वर्तनी

अतिशयोक्ति अनुयायी
अभ्युत्थान अंतर्ध्यान
अंधा अँधेरा
अपराह्न अभ्यस्त
अग्न्यस्त्र अत्यधिक
आह्वान आँगन
अट्टहास अणुवीक्षण
अथर्ववेद ओजस्वी
अन्यमनस्क अत्युक्ति
अस्पृश्यता अनधिकृत
औदार्य अनूदित
आहुति अभिरुचि
अंतरात्मा अहर्निश
अनध्याय आप्लावित
अन्त्याक्षरी औत्सुक्य
आशीर्वाद आह्लाद
औपन्यासिक अंतःसाक्ष्य
अंतःकरण आध्यात्मिक
आँधी आँचल
इकट्ठा उच्छिष्ट
उज्ज्वल उपलक्ष्य
उल्लंघन उत्तीर्ण
उपर्युक्त उद्धृत
ऊर्ध्व उद्दण्ड
उन्नतिशील उच्छृंखल
एकत्र ऐश्वर्य
कृतघ्न कामायनी
कृपया कालिदास
कन्हैया कैलाश
किंवदन्ती किंकर्तव्यविमूढ़
कैकेयी कौटुम्बिक
कार्यक्रम कुआँ
कृपा कवयित्री
कश्मीर क्लिष्ट
गार्हस्थ्य गरिष्ठ
गांधी
गरुड़ गृहीत
गृहिणी गर्विष्ट
गृहकार्य घनिष्ठ
चैतन्य चिन्त्य
चिह्न चातुर्य
चौकन्ना चाँदनी
जितेन्द्रिय जिजीविषा
जात्याभिमान ज्योत्स्ना
ज्योति जागृति
जाग्रत जूठा
तदनुसार तरुण
त्योहार तद्धित
ताण्डव तादात्म्य
तात्कालिक तत्कालीन
तदुपरांत तुष्टीकरण
दुरवस्था
दुधमुहाँ दवाइयाँ
द्वन्द्व दुःशासन
दुगुना दुष्प्राप्य
दिग्दर्शन दुर्भिक्ष
दुर्व्यवस्था दुर्दमनीय
दाम्पत्य दंडसंहिता
दूरवीक्षण दौरात्म्य
दृश्यमान दुश्चरित्र
दिग्भ्रांत द्रष्टव्य
धनाढ्य धराशायी
धुआँ न्यायाधिकरण
न्योछावर निरभिमान
निर्भर नैसर्गिक
निरभ्र निहत्था
निरस्त्रीकरण निर्वसन
निर्लोभ निकृष्ट
निष्काम निःशुल्क
निर्जीव नीरोग
निर्दोष निरपराध
नदियाँ नैतिक
निर्दय निष्ठुर
निःस्वार्थ निष्फल
पुरुषत्व परिस्थिति
पारितोषिक पौर्वात्य
पृथक पुनर्गठन
पुनरुक्ति पश्चात्ताप
पार्श्व पैतृक
प्रशस्ति पराङ्मुख
प्रादुर्भाव पाश्चात्य
प्राक्कथन प्रबंधकर्त्री
प्रत्युत्पन्नमति पाण्डव
प्रतिद्वन्द्वी प्रतिष्ठित
प्रत्यभियोग पुनर्विवाह
पूज्य पौरुष
प्रशंसा पूजनीय
परिणति प्रसन्न
पश्चिम प्रज्वलित
प्रह्लाद पृष्ठ
पुण्य फुलझड़ी
बेईमान बहिर्मुख
ब्राह्मण ब्रज
बँगला बंगला(भाषा)
बीमारी
भौगोलिक भीरु
भवन भ्रष्ट
मातृभूमि माननीय
मितव्ययिता माहात्म्य
मंत्रिपरिषद मैथिलीशरण
मंत्रिवर मध्याह्न
मधुरता मान्य
माधुर्य मुमूर्षा
यथेष्ट रूप
राज्याभिषेक लहूलुहान
वीणा वैपरीत्य
विशेष विषाक्त
विह्वल व्यभिचार
वधू विश्वस्त
विश्लेषण वयोवृद्ध
वैधव्य शृंगार
शुभ्रोज्ज्वल शृंखला
शहरी शुरुआत
शुरू षाण्मासिक
स्वावलंबन स्वास्थ्य
स्वर्गीय स्मृति
सामर्थ्य स्वामिभक्त
सूर्पनखा सौम्य
सृष्टि समृद्ध
सानिध्य संन्यासी
सायंकाल सेमल
सूक्ष्मदर्शी संध्या
सामाजिक सुरुचि
सुनयना स्रोत
संहार सहस्र
सौजन्य साधु
सदुपदेश सौन्दर्य
सामूहिक सीमातिक्रमण
सौदामिनी सच्चरित्र
संगृहित सम्मुख
हिरण हेतु
हरिण हृदय
श्रीमती

 

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