व्याकरण » क्रियाविशेषण

जो अव्यय किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं, क्रिया विशेषण कहलाते हैं।

(i) वह धीरे -धीरे चलता है।
(ii) खरगोश तेज दौड़ता है।
(iii) मेज के ऊपर किताब रखी है।
(iv) कुत्ता फुर्ति से भागता है।
(v) संगीता रोज पढती है।
(vi) वह यहाँ रहता है।
(vii) हम प्रतिदिन टहलने जाते हैं।

क्रियाविशेषण का वर्गीकरण
अर्थ के आधार पर रूप के आधार पर प्रयोग के आधार पर
रीतिवाचक मूल साधारण
परिमाणवाचक यौगिक संयोजक
कालवाचक स्थानीय अनुबद्ध
स्थानवाचक

 

 

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण

(क) रीतिवाचक क्रिया विशेषण – इसमें क्रिया के होने के ढंग का पता चलता है। जैसे:- ध्यानपूर्वक, धीरे-धीरे, भली-भाँति, जोर से, फूट-फूटकर आदि।

  • रमेश तेजी से दौड़ा।
  • रेखा फूट-फूटकर रोती है।
  • तुम्हें ध्यानपूर्वक कार्य करना चाहिए।
  • हाथी धीरे-धीरे चलता है।
  • तुम भली-भाँति सोच लो।

(ख) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण – जहॉं क्रिया के परिमाण/मात्रा की विशेषता का बोध हो। जैसे:- जरा, थोड़ा, उतना ही, बहुत, अधिक, अधिकाधिक पूर्णतया, सर्वथा, कुछ, काफ़ी, केवल, यथेष्ट, इतना, उतना, कितना, थोड़ा-थोड़ा, तिल-तिल, एक-एक करके, कम  बहुत , अधिक , पूर्णतया , सर्वथा , कुछ , थोडा , काफी , केवल , यथेष्ट , इतना , उतना , कितना , थोडा-थोडा , तिल-तिल , एक-एक करके , पर्याप्त , खूब , बिलकुल , थोडा , ज्यादा , अल्प , केवल, तनिक , बड़ा , भारी , अत्यंत , लगभग , क्रमशः , सर्वथा , अतिशय , निपट , टुक , किंचित् , बराबर , अस्तु , यथाक्रम इत्यादि।

  • कमल बिल्कुल थक गया है।
  • उसने उतना ही खाया था।
  • मैं जरा ही चल सकूँगा।
  • वह थोड़ा खेला।
  • वह अधिक बोलता है।
  • मेरे पास कम पैसे हैं।
  • अशोक बहुत घूमता है।

(ग) कालवाचक क्रिया विशेषण जिन शब्दों से कालसंबंधी क्रिया की विशेषता का बोध हो। जैसे:- आज, कल, अब, जब, कभी, सायं, प्रातः, सदैव, दिनभर, आजकल, नित्य, प्रतिदिन, परसों, पहले, पीछे, कभी, अब तक, अभी-अभी, बार-बार, परसों , लगातार, अक्सर , बाद में, तब , अभी, कभी, सदा , तुरंत, आजकल , कई बार , हर बार आदि।

  • तुम सब दिनभर खेलते रहते हो।
  • आज बरसात होगी।
  • राम कल मेरे घर आएगा।
  • वह कल आया था।
  • तुम अब जा सकते हो।
  • आजकल मैं स्कूल जा रहा हूँ।
  • रमा परसो आई थी।
  • मेरा मित्र अभी आ जायेगा।

(घ) स्थानवाचक क्रिया विशेषण – जिन शब्दों से स्थान संबंधी विशेषता का बोध हो। जैसे:- आगे, पीछे, ऊपर, नीचे, दूर, आर-पार, भीतर, बाहर, यहाँ, वहाँ, सर्वत्र, दाएँ, बाएँ इत्यादि।

  • बच्चे ऊपर खेलते हैं।
  • वहाँ अकेला मजदूर बैठा था।
  • तुम बाहर बैठो।
  • वह ऊपर बैठा है।
  • नीमा बाहर जा रही है।
  • शशि मेरे पास बैठी है।
  • सुधा बाहर गई है।

 

रूप के आधार पर क्रियाविशेषण

(क) मूल क्रियाविशेषण :- जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय लगये बिना बनते हैं अथार्त जो शब्द दूसरे शब्दों से मिलकर नहीं बनते उन्हें मूल क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- पास , दूर , ऊपर , आज , सदा , अचानक , फिर , नहीं , ठीक आदि।

(ख) यौगिक क्रियाविशेषण :- जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं उन्हें यौगिक क्रियाविशेषण कहते हैं।

यौगिक शब्दों का निर्माण

(1) संज्ञा से यौगिक क्रियाविशेषण
जैसे :- सबेरे , सायं , आजन्म , क्रमशः , प्रेमपूर्वक , रातभर , मन से आदि।

(2) सर्वनाम से यौगिक क्रियाविशेषण
जैसे :- यहाँ , वहाँ , अब , कब , इतना , उतना , जहाँ , जिससे आदि।

(3) विशेषण से क्रियाविशेषण
जैसे :- चुपके , पहले , दूसरे , बहुधा , धीरे आदि।

(4) क्रिया से क्रियाविशेषण
जैसे :- खाते , पीते , सोते , उठते , बैठते , जागते आदि।

(5) शब्दों की द्विरुक्ति से क्रियाविशेषण
जैसे :- कभी – कभी , धीरे -धीरे , बार-बार , घर-घर , घड़ी-घड़ी , बीच-बीच , हाथों-हाथ , एक -एक , ठीक-ठीक , साफ-साफ , कब-कब , कहाँ-कहाँ आदि।

(6) विभिन्न शब्दों के मेल से क्रियाविशेषण
जैसे :- रात – दिन , कल -परसो , साँझ- सवेरे , घर-बाहर , देश-विदेश , जहाँ -तहाँ , जब-तब , जब-कभी , आस-पास , जहाँ -कहीं आदि।

(7) संस्कृत के करण कारण से क्रियाविशेषण
जैसे :- कृपया , साधारणतया आदि।

(8) त: प्रत्यय लगाने से क्रियाविशेषण
जैसे :- वस्तुतः , मुख्यत: , विशेषत: आदि।

(9) उपसर्गों से जोड़ने से क्रियाविशेषण
जैसे :- प्रति-प्रतिदिन , प्रत्येक , प्रतिफल आदि।

(10) धातु से क्रियाविशेषण
जैसे :- देखने आते आदि।

(11) अव्यय से क्रियाविशेषण
जैसे :- झट से , यहाँ तक आदि।

(12) दो समान या अलग क्रियाविशेषणों में न लगाकर
जैसे :- कभी -न-कभी , कुछ-न-कुछ आदि।

(13) अनुकरण वाचक की द्विरुक्ति से क्रियाविशेषण
जैसे :- पटपट , तडतड , सटासट , धडाधड आदि।

(14) पूर्वकालिक कृदंत और विशेषण के जोड़ से क्रियाविशेषण
जैसे :- विशेषकर , बहुतकर , मुख्यकर , एक-एककर आदि।

(ग) स्थानीय क्रियाविशेषण :- जो शब्द अन्य शब्द भेद में बिना किसी रूपान्तर के किसी विशेष स्थान पर प्रयोग होते हैं उसे स्थानीय क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- (i) वह अपना सिर पढ़ेगा।
(ii) तुम दौडकर चलते हो।

 

प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण

(क) साधारण क्रियाविशेषण :- जिन क्रियाविशेषणों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से वाक्य में किया जाता है उसे साधारण क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- (i) बेटा ,जल्दी आओ |
(ii) अरे ! साँप कहाँ गया ?

2. संयोजक क्रियाविशेषण :- जिन क्रियाविशेषणों का संबंध किसी उपवाक्य से होता है उसे संयोजक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- जहाँ पर अभी समुन्द्र है , वहाँ पर कभी जंगल था।

 

3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण :- जिन शब्दों का प्रयोग निश्चय के किसी भी शब्द भेद के साथ हो सकता हो उसे अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- (i) यह तो किसी ने धोखा ही दिया है।
(ii) आपके आने भर की देर है।