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वे शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़ने पर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैंः-
1- तद्धित प्रत्यय 2- कृत प्रत्यय या कृदन्त 3- हिन्दी के प्रत्यय
1- तद्धित प्रत्यय
संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के साथ लगने वाले प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। इनसे भाववाचक प्रत्यय, संबंधवाचक प्रत्यय, कर्तृवाचक प्रत्यय, लघुता सूचक प्रत्यय, गुणवाचक प्रत्यय, गणनावाचक प्रत्यय, सादृश्यवाचक प्रत्यय व परिमाणवाचक प्रत्यय बनते हैं।
(क) भाववचाक तद्धित प्रत्यय- जो प्रत्यय भाव का बोध कराते हैं, भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। जैसेः-
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञाः-शत्रुता, मित्रता, पशुता, मानवता, देवत्व, ब्राह्मणत्व, गुरुत्व, पौरुष, गौरव, मौन (मुनि), पांडित्य, पूज्य, खेती आदि।
विशेषण से भाववाचक संज्ञाः- मूर्खता, बुद्धिमत्ता, सभ्यता, शिष्टता, वीरता, वीरत्व, लघुता, लाघव, चातुर्य, चतुराई, चतुरता, माधुर्य, मधुरता, प्रचुरता, कालिमा, कालापन, पीतिमा, लालिमा, बुढ़ापा, मोटापा, बुराई, बड़ाई, भलाई, उॅफ़चाई, गरीबी, गर्मी, सर्दी, खुशी, मिठास, खटास।
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञाः- ममता, ममत्व, निजता, निजत्व, अहंकार, अपनत्व, अपनापन।
(ख) संबंधवाचक तद्धित प्रत्ययः- जो प्रत्यय संबंध का बोध कराते हैं, संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। जैसेः- वसुदेव – वासुदेव, पृथु – पार्थ, पाण्डु – पाण्डव, मनु – मानव, कुरू – कौरव, पश्चिम – पाश्चात्य, पूर्व – पौर्वात्य, पिता$आमह – पितामह, ममेरा, चचेरा, फुफेरा, भतीजा, भानजा, राधेय।
(ग) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय – इनसे कर्तासूचक शब्द बनते हैं। जेसे – सुनार, लुहार, भिखारी, पुजारी, दुखिया, मुखिया, रसोइया, तेली।
(घ) लघुता सूचक तद्धित प्रत्ययः- खटिया, लुटिया, बिटिया, चुटिया, पहाड़ी, टोकरी, ढोलकी, छतरी, लंगोटी, टुकड़ी।
(ड-) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय:- इनसे गुणवाचक विशेषण बनते हैैैं। जैसे
इक | वार्षिक, मासिक, साप्ताहिक, दैनिक, षाण्मासिक, धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, वैज्ञानिक, नैतिक। |
इत | हर्षित, पुष्पित, पल्लवित, आनंदित, अंकित, दुखित, शोभित, मंडित, खंडित, |
इल | पंकिल, फेनिल, जटिल |
मत्, मान | श्रीमान, धीमान, बुद्धिमान |
वत्, वान | धनवान, बलवान, गुणवान, रूपवान |
विन | तेजस्वी, मनस्वी, वर्चस्वी, मायावी, मेधावी |
र | मधुर, मुखर |
ल | वत्सल, शीतल, श्यामल, मंजुल, मांसल |
लु | श्रद्धालु, दयालु, कृपालु |
ईय | भारतीय, शास्त्रीय |
नीय | पूज्यनीय, आदरणीय, माननीय, दंडनीय |
ऐला | विषैला, कसैला |
आ | प्यासा, भूखा, मैला, प्यारा, ठंडा, घना |
ई | भारी, देशी, गुलाबी, ऊनी, जंगली, पंजाबी |
ईला |
चमकीला, शर्मीला, रंगीला, भड़कीला, रसीला, जोशीला |
ऊ | पेटू, ढालू, बाजारू। |
(च) गणनावाचक तद्धित प्रत्यय
क | चार-चौक, सप्तक, इक्का, दुक्का |
जा | दूजा, तीजा |
वाँ | सातवाँ, पाँचवाँ, , ग्यारहवाँ, सौवाँ |
हरा | इकहरा, दुहरा, तिहरा |
(छ) सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय :- समानता सूचक शब्द जैसे:- काला-सा, पीला-सा, छोटा-सा, बड़ा-सा, मोटा-सा
(ज) परिमाणवाचक तद्धित प्रत्यय:- थोड़ा-सा, बहुत-सा।
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2 कृत प्रत्यय या कृदन्त
क्रिया शब्दों में प्रत्यय जुड़ने से बनने वाले प्रत्यय कृत-प्रत्यय या कृदन्त कहलाते हैं। इनके भेद निम्न हैं।
(क) कर्तावाचक कृदंत
अक | गायक, सेवक, चालक, पालक, पोषक |
ता | दाता, भोक्ता, नेता |
उक | भिक्षुक, भावुक, कामुक |
आक | तैराक, उड़ाक |
अक्कड़ | पियक्कड़, भुलक्कड, घुमक्कड, |
वाला | पढ़नेवाला, लिखनेवाला, चलनेवाला |
(ख) कर्मवाचक कृदन्त:- कर्म की तरह प्रयुक्त होने वाली संज्ञाएँ कर्मवाचक कृदन्त कहलाती हैं। जैसे:-
औना | बिछौना, खिलौना |
ना | ओढ़ना |
नी | फ़ूकनी, ओढ़नी |
(ग) करणवाचक कृदन्त
आ | झटका, भटका, झूला, भूला |
ई | फाँसी, बुहारी |
नी, न | बेलनी, बेलन, झाड़न, कतरनी, धॉंकनी |
ऊ | झाड़ू |
(घ) भाववाचक कृदन्त:- जिन प्रत्ययों के क्रिया में जुड़ने से भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे-
अन | पठन, पालन, मनन, गयन, लेखन, चिंतन, रमण, हरण, रक्षण, सहन। |
आ | पीड़ा, रक्षा, प्रशंसा, परीक्षा, शिक्षा, क्रीड़ा, व्यथा, तृषा |
अना | वेदना, घटना, सूचना, वंदना, भावना, प्रार्थना |
(ड-) विशेषण कृदन्त –
र | हिंस्र, नम्र |
वर | ईश्वर, नश्वर, स्थावर |
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3. हिंदी प्रत्यय
आ | घेरा, फेरा, झगड़ा |
नी | करनी, भरनी |
आन | उड़ान, थकान |
आवा | पहनावा, बुलावा, भुलावा, बहकावा, चढ़ावा |
आवट | रुकावट, सजावट, थकावट, बनावट, मिलावट |
आहट | सनसनाहट, घबराहट, चिल्लाहट, जगमगाहट |
आव | बहाव, लगाव, छिपाव, सुझाव, जमाव |
आवना | डरावना, सोहना-सुहावना, लुभावना |
आलू | झगड़ालू |
इयल | अड़ियल, मरियल |
हार | राखनहार, होनहार |
इया | घटिया, बढ़िया |
आऊ | उपजाऊ, बिकाऊ, टिकाऊ |
वैया | गवैया, रखवैया |
अंत | गढ़न्त, रटन्त |
आ | प्रिया, सुता, महोदया, भवदीया |
आना | जुर्माना, घराना, सालाना |
आनी | जेठानी, देवरानी |
इन | लुहारिन, सुनारिन, साँपिन |
इयत | आदमीयत, इन्सानियत, असलियत (विशेषण से भाववाचक) |
ई | घोड़ी, चाची, लड़की, नानी, घमंडी, सफेदी |
कार | चित्रकार, मूर्तिकार, साहित्यकार, नाटककार, जानकार |
खोर | आदमखोर, रिश्वतखोर, सूदखोर, हरामखोर |
ज | जलज, पंकज, वारिज, अनुज, अग्रज, अंडल, स्वेदज |
जीवी | बुद्धिजीवी, दीर्घजीवी, चिरंजीवी, परजीवी, अल्पजीवी |
ज्ञ | विशेषज्ञ, मर्मज्ञ, अल्पज्ञ, अज्ञ, अभिज्ञ, विज्ञ |
तर | सुन्दरतर, अधिकतर, गुरूतर, निम्नतर |
तः | अंशतः, मुख्यतः, स्वभावतः, वस्तुतः, सामान्यतः, साधारणतः |
तया | सामान्यतया, साधारणतया, मुख्यतया |
दार | ईमानदार, दुकानदार, मालदार, खुशबूदार |
नाक | खतरनाक, दर्दनाक, शर्मनाक |
मंद | अक्लमंद, जरूरतमंद, दौलतमंद |
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