अपठित बोध » कक्षा 11 से 12 अपठित गद्यांश

2

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि सभी सरकारी विभागों को धूल रोधी प्रकोष्ठ बनाने और धूल रोधी संयुक्त कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के साथ समन्वय में काम करना होगा। दुनिया देख रही है, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्मॉग की समस्या और बढ़ गई है। कई जगह ऐसी स्थिति है कि 200 मीटर के बाद कोई चीज दिख नहीं रही है। राजधानी में नवंबर की शुरुआत से ही प्रदूषण के स्तर में वृद्धि से लोगों को परेशानी हो रही है। बीमारियों के संक्रमण के दौर में प्रदूषण से खासकर बुजुर्गों और सांस की तकलीफ वाले लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल है। सब जानते हैं, हर साल 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच दिल्ली में लोगों को बेहद दूषित हवा में सांस लेनी पड़ती है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 के भी ऊपर चला जाता है। प्रदूषण कारक कण पीएम 2.5 की मात्रा 350 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच जाती है। मतलब, हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण अपनी सामान्य सीमा से करीब छह गुना ज्यादा हो जाता है। और तो और, इस मौसम में हवा भी धीमी रफ्तार से बहती है या लगभग ठहर सी जाती है, तो शहर में भर आया प्रदूषण बाहर नहीं निकल पाता है। लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है।  इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रदूषण निवारण के लिए सरकारों को सख्ती बरतते हुए आगे आना चाहिए। दिल्ली सरकार ने एक कदम उठाया है, लेकिन क्या यही एक कदम पर्याप्त है? बड़े पैमाने पर उन लोगों और संस्थानों पर जुर्माना लगाने की जरूरत है, जो तय मानकों का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं। सरकारों को अपने सभी विभागों को निर्देश देना चाहिए कि सब अपने-अपने स्तर पर प्रदूषण में कमी लाने की पहल करें। जो लोग समझ नहीं रहे हैं, उन पर सख्ती ही बेहतर विकल्प है। तरह-तरह से प्रयास हुए हैं, सरकारों ने भी अपनी ओर से अभियान चलाए हैं, लेकिन उनमें कहीं न कहीं ईमानदारी की कमी है, दिखावा भी खूब हुआ है। वक्त आ गया है कि प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाए।

प्रश्न – प्रदूषण से विशेषकर किस वर्ग को साँस लेना मुश्किल हो जाता है?

उत्तर- बुजुर्गों और सांस की तकलीफ वाले लोगों के लिए।

प्रश्न – एक से पंद्रह नवम्बर के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक कितना चला जाता है?

उत्तर- चार सौ पचास के ऊपर।

प्रश्न – प्रदूषण फैलाने वाले लोगों और संस्थानों से कैसे निपटा जाना चाहिए?

उत्तर- बड़े पैमाने पर उन लोगों और संस्थानों पर जुर्माना लगाने की जरूरत है।

प्रश्न – प्रदूषण कम करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों का व्यापक असर क्यों नहीं हुआ?

उत्तर- ईमानदारी की कमी और दिखावे के कारण.

प्रश्न – ‘दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्मॉग की समस्या और बढ़ गई है’ – इस वाक्य में रेखांकित शब्द की संज्ञा का भेद बताइए।

उत्तर- व्यक्तिवाचक संज्ञा।

प्रश्न – दिल्ली के पर्यावरण मंत्री सरकारी विभागों को क्या बनाने के लिए कहा?

उत्तर- धूल रोधी प्रकोष्ठ।

प्रश्न – दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के अनुसार धूल रोधी संयुक्त कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए किसके साथ समन्वय में काम करना होगा?

उत्तर- दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति।

प्रश्न – प्रदूषण के कारण दिल्ली में कितने मीटर के बाद कोई चीज दिखनी बंद हो गई?

उत्तर- दो सौ मीटर।

प्रश्न – एक से पंद्रह नवम्बर के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण अपनी सामान्य सीमा से लगभग कितना ज्यादा हो जाता है। ?

उत्तर- छह गुना अधिक।

Pages: 1 2