पत्र लेखन » आवेदन पत्र

प्रार्थना पत्र/आवेदन पत्र

(1) अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विषय परिवर्तन के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।

457, शालीमार बाग,
दिल्ली।

दिनांक 8 जून, 20XX

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
राजकीय इण्टर कॉलिज,
मोदीनगर,
गाजियाबाद।

विषय- विषय परिवर्तन हेतु।

महोदय,
सादर निवेदन यह हैं कि मैं आपके विद्यालय की ग्यारहवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैंने इसी विद्यालय से दसवीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हैं। परीक्षा पास करने के बाद मैं असमंजसता की स्थिति में यह निर्णय नहीं कर पाया था कि मेरे लिए कला, विज्ञान अथवा गणित वर्ग में से कौन-सा वर्ग ठीक रहेगा। मैंने अपने साथियों के आग्रह और अनुकरण से कला वर्ग चुन लिया हैं।

लेकिन पिछले सप्ताह से मुझे यह अनुभव हो रहा हैं कि मैंने अपनी योग्यता के अनुकूल विषय का चयन नहीं किया हैं। मुझे गणित विषय में 98 अंक प्राप्त हुए हैं। अतः गणित वर्ग विषय होना मेरी प्रतिभा के विकास के लिए अधिक उपयुक्त रहेगा।

आशा हैं आप मेरी कला संकाय से गणित संकाय में स्थानान्तरण की प्रार्थना स्वीकार करेंगे। मैं इसके लिए सदा आपका आभारी रहूँगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
उमाशंकर
कक्षा- ग्यारहवीं ‘अ’
अनुक्रमांक-26

(2) अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति प्राप्त कराने का आग्रह करते हुए प्रार्थना-पत्र लिखिए।

424, शालीमार बाग,
दिल्ली।

दिनांक 18 जुलाई, 20XX

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य,
आदर्श माध्यमिक विद्यालय,
सिद्धार्थ नगर,
आगरा।

विषय- छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए प्रार्थना-पत्र।

मान्यवर,
सविनय निवेदन यह हैं कि मैं दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं सदा विद्यालय में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होता हूँ। पिछले कई वर्षों से मैं लगातार प्रथम आ रहा हूँ। इसके अतिरिक्त मैं भाषण-प्रतियोगिताओं, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में कई बार विद्यालय के लिए जोनल एवं राष्ट्रीय स्तर पर इनाम जीत कर लाया हूँ। खेल-कूद में भी मेरी गहन रुचि हैं। मैं स्कूल की क्रिकेट टीम का कप्तान भी हूँ। सभी अध्यापक मेरी प्रशंसा करते हैं।

मुझे अत्यन्त दुःख के साथ आपको बताना पड़ रहा हैं कि मेरे पिताजी को एक असाध्य रोग ने आ घेरा हैं जिसके कारण घर की आर्थिक दशा डगमगा गई हैं। पिताजी स्कूल से मेरा नाम कटवाना चाहते हैं। वे मेरा मासिक-शुल्क देने में असमर्थ हैं। मैंने अपनी पाठ्य-पुस्तकें तो जैसे-तैसे खरीद ली हैं, लेकिन शेष व्यय के लिए आपसे नम्र निवेदन हैं कि मुझे तीन सौ रुपये मासिक की छात्रवृत्ति देने की कृपा करें, ताकि मैं अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से चला सकूँ। यह छात्रवृत्ति आपकी मेरे प्रति विशेष कृपा होगी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं खूब मेहनत से पढ़ूँगा और इस स्कूल का नाम रोशन करूँगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
विशाल
कक्षा-दसवीं
अनुक्रमांक-15

(3) अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए, जिसमें कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए प्रार्थना की गई हो।

642, मुखर्जी नगर,
दिल्ली।

दिनांक 21 जुलाई, 20XX

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य,
रा.उ.मा. बाल विद्यालय,
गणेशपुर,
रुड़की।

विषय- कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था हेतु प्रार्थना-पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन हैं कि हम दसवीं कक्षा के छात्र यह अनुभव करते हैं कि आज के कम्प्यूटर युग में प्रत्येक व्यक्ति को कम्प्यूटर की जानकारी होनी चाहिए। हम देख भी रहे हैं कि दिनोंदिन कम्प्यूटर शिक्षा की माँग बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में हमारे उज्ज्वल भविष्य के लिए भी कम्प्यूटर का ज्ञान होना अपरिहार्य हैं।

अतः आपसे प्रार्थना हैं कि कृपा करके हमारे विद्यालय में कम्प्यूटर शिक्षा आरम्भ करें। हम आपके प्रति कृतज्ञ होंगे। आशा हैं, आप हमारे अनुरोध को स्वीकार करेंगे।

धन्यवाद।

प्रार्थी
क.ख.ग.
कक्षा- दसवीं ‘अ’

(4) अपने विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य को चरित्र प्रमाण-पत्र लेने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

424, कीर्ति नगर
दिल्ली।

दिनांक 26 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य,
रामजस कॉलेज,
दिल्ली विश्वविद्यालय,
नई दिल्ली।

विषय- चरित्र प्रमाण-पत्र लेने हेतु आवेदन-पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन हैं कि मैंने आपके विश्वविद्यालय से वर्ष 20XX में बी.ए.हिन्दी (ऑनर्स) की परीक्षा उत्तीर्ण की हैं। अब मैं महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक, हरियाणा से बी.एड. करने जा रहा हूँ। चूँकि मेरी काउन्सलिंग हो गई हैं, मुझे मेरे पसन्दीदा कॉलेज में प्रवेश के लिए पंजीकरण पर्ची भी दे दी गई हैं। मैंने सम्बन्धित कॉलेज से सम्पर्क किया, तो पता चला कि मुझे यहाँ स्नातक तक के प्रमाण-पत्रों सहित चरित्र-प्रमाण-पत्र भी जमा कराना होगा।

अतः आप से निवेदन हैं कि आप मुझे जल्द से जल्द मेरा चरित्र प्रमाण-पत्र प्रदान करने की कृपा करें, ताकि मैं समय रहते बी.एड में प्रवेश ले सकूँ।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर……
भवेश कुमार

उत्तर के रूप में प्राप्त चरित्र प्रमाण-पत्र

……………………दिनांक 28 अप्रैल, 20XX

रामजस कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय

प्रमाणित किया जाता हैं कि श्री सुनील कुमार सुपुत्र श्री विवेकानन्द, जो कि वर्ष 20XX से इस विश्वविद्यालय में बी.ए.हिन्दी (ऑनर्स) में अध्ययनरत् हैं, का अपने अध्यापकों, सहपाठियों एवं अन्य के प्रति व्यवहार अच्छा रहा हैं। उनके चरित्र में किसी प्रकार का दोष नहीं हैं।

हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

हस्ताक्षर……
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(प्रधानाचार्य)

कर्मचारियों के आवेदन-पत्र

इसके अन्तर्गत निम्न पत्रों को सम्मिलित किया गया हैं-
(1) अनुभव प्रमाण-पत्र प्राप्त करने सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(2) स्थानान्तरण सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(3) त्याग पत्र सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(4) कर्मचारी सम्बन्धी अन्य पत्र (अवकाश लेने के सम्बन्ध में, पदोन्नति के सम्बन्ध में, सम्पादक के पद हेतु, संवाददाता के पद हेतु, सेल्समैन के पद हेतु।)

(1) अनुभव प्रमाण-पत्र प्राप्त करने सम्बन्धी आवेदन-पत्र

जब आप एक कम्पनी अथवा संस्था को छोड़कर किसी दूसरी कम्पनी में नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तब यह नई कम्पनी आपसे पूर्व अनुभवों के प्रमाण-पत्र की माँग करती हैं। यह अनुभव प्रमाण-पत्र आपको वह कम्पनी अथवा संस्था देती हैं, जहाँ आपने पूर्व में अपनी सेवाएँ दी हैं। अनुभव प्रमाण-पत्र को प्राप्त करने के लिए कम्पनी/संस्था के किसी मुख्य कार्यकर्ता या मैनेजर को पत्र लिखा जाता हैं।

(1) आप अपने कार्यालय में प्रूफ रीडर के पद पर कार्यरत हैं, वहाँ से अनुभव प्रमाण-पत्र लेने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

452, सुभाष नगर,
मेरठ।

दिनांक 8 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
श्रीमान व्यवस्थापक महोदय,
दैनिक जागरण,
मोहकमपुर,
मेरठ।

विषय- अनुभव प्रमाण-पत्र लेने हेतु आवेदन-पत्र।

महोदय,
मैं आपके प्रतिष्ठित संस्थान में प्रूफ रीडर के पद पर मार्च 20XX से कार्यरत हूँ। मैंने गत दिनों साहित्य अकादमी, दिल्ली में प्रूफ रीडर के पद हेतु आवेदन किया था। कल मेरे पास वहाँ से ‘निमन्त्रण-पत्र’ (कॉल लैटर) आया हैं। पत्र में मुझसे मेरी शैक्षिक योग्यताओं के प्रमाण-पत्रों की मूल प्रति एवं पिछले कार्यों का अनुभव प्रमाण-पत्र लेकर 15 अप्रैल, 20XX को साहित्य अकादमी के दफ्तर में रिपोर्ट करने को कहा गया हैं।

मैंने अपनी शैक्षिक योग्यताओं की मूल प्रति तो सँभाल कर रख ली, किन्तु मेरे पास अनुभव प्रमाण-पत्र नहीं हैं। अतः आपसे निवेदन हैं कि आप मुझे 15 अप्रैल, 20XX से पहले मेरा अनुभव प्रमाण-पत्र देकर मुझे अनुगृहीत करें।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर ……
अरुण कुमार
कार्ड नं. 1244

  • प्रूफ रीडर के पद पर कार्यरत अरुण कुमार को अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कीजिए।

अनुभव प्रमाण-पत्र का नमूना

…………….. दिनांक 12 अप्रैल, 20XX

दैनिक जागरण

राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र

प्रमाणित किया जाता हैं कि श्री अरुण कुमार पुत्र श्री हरिलाल, पता-एच 503, जहाँगीरपुरी, दिल्ली, इस संस्था में मार्च, 20XX से प्रूफ रीडर के पद पर कार्यरत हैं।

श्री अरुण कुमार एक परिश्रमी एवं आत्मविश्वासी युवक हैं। कार्यकाल के दौरान उनका कार्य सन्तोषजनक रहा हैं।

हम उनके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं।

हस्ताक्षर ……
व्यवस्थापक

(2) स्थानान्तरण सम्बन्धी आवेदन-पत्र

अत्यधिक परिश्रम एवं कोशिशों के बाद नौकरी मिल तो जाती हैं, किन्तु संस्थान यदि मन-मुताबिक दूरी से ज्यादा दूर हैं, आने-जाने में परेशानी होती हैं, या फिर परिवार से दूर रहकर नौकरी करनी पड़ रही हैं, तब इस नौकरी से स्थानान्तरण की बाबत सोचा जाता हैं। नौकरी से ट्रान्सफर (स्थानान्तर) लेने के लिए जो पत्र लिखा जाता हैं, वही स्थानान्तरण सम्बन्धी आवेदन-पत्र कहलाता हैं।

(1) शारीरिक रूप से स्वस्थ न होने की स्थिति से अवगत कराते हुए शिक्षा निर्देशक को स्थानान्तरण कराने हेतु पत्र लिखिए।

ए-210, प्रीतमपुरा,
कुण्डली,
सोनीपत।

दिनांक 26 मई, 20XX

सेवा में,
श्रीमान निदेशक,
शिक्षा निदेशालय,
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र,
दिल्ली सरकार
नई दिल्ली।

विषय- स्थानान्तरण सम्बन्धी आवेदन-पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन यह हैं कि मैं रा.उ.मा. बालिका विद्यालय, करोलबाग, दिल्ली में टी.जी.टी. अंग्रेजी के पद पर कार्यरत हूँ। मैं सोनीपत, हरियाणा में रहती हूँ एवं एक पैर से विकलांग हूँ। अपने घर से करोलबाग स्थित स्कूल पहुँचने में मेरा काफी समय नष्ट हो जाता हैं। कई बार स्कूल पहुँचने में देरी भी हो जाती हैं। यह देरी कभी ट्रेन के समय पर न आने के कारण होती हैं, तो कभी भीड़ के कारण ट्रेन छूट जाने से।

अतः मैं आपसे निवेदन करती हूँ कि मेरा स्थानान्तरणसोनीपत के पास नरेला, दिल्ली के किसी स्कूल में कर दिया जाए। मैंने वहाँ के एक स्कूल में पता किया हैं, टी.जी.टी. अंग्रेजी का पद रिक्त भी हैं। चूँकि नरेला मेरे घर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, अतः स्कूल पहुँचने में मुझे आसानी होगी।

आशा करती हूँ कि आप मेरी मजबूरियों को ध्यान में रखकर मेरा स्थानान्तरण कर मुझे अनुगृहीत करेंगे।

धन्यवाद।

भवदीया
हस्ताक्षर ……
रीना कुमारी
(टी.जी.टी. अंग्रेजी)

(3) त्याग पत्र सम्बन्धी आवेदन-पत्र

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में जहाँ एक नौकरी मिल पाना मुश्किल हैं, वहीं बहुत-से लोग एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी के लिए कोशिश करते रहते हैं। जब यह दूसरी नौकरी मिल जाती हैं, तब इसे ग्रहण करने से पूर्व एक व्यक्ति को अपनी पहली कम्पनी अथवा संस्थान में एक त्याग-पत्र, जिसे अंग्रेजी में ‘रेजिगनेशन लैटर’ कहा जाता हैं, देना पड़ता हैं। इस पत्र में सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा उन बातों का उल्लेख किया जाता हैं, जिस कारण से वह नौकरी छोड़ रहा होता हैं।

त्याग-पत्र सम्बन्धी आवेदन पत्रों के उदाहरण निम्नलिखित हैं-

(1) महाविद्यालय में स्थायी चयन हो जाने के कारण अपने संस्थान को इस स्थिति से अवगत कराते हुए सेवा-परित्याग पत्र लिखिए।

464, सोनीपत,
हरियाणा।

दिनांक 15 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य,
भगवान महावीर कॉलेज ऑफ एजुकेशन,
सोनीपत,
हरियाणा।

विषय- सेवा-परित्याग सम्बन्धी पत्र।

महोदय,
सविनय निवेदन यह हैं कि मैं आपके संस्थान में ‘तकनीकी शिक्षा’ के मेहमान प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हूँ। किन्तु अब मेरा चयन ‘रामजस कॉलेज ऑफ एजुकेशन’, सोनीपत में स्थायी रूप से हो गया हैं। अतः अब मैं आपके कॉलेज में अपनी सेवाएँ देने में असमर्थ हूँ।

मैं अब अपने पद से इस्तीफा देते हुए, आपको अपना त्याग-पत्र सौंप रहा हूँ। कृपया मुझे शीघ्रातिशीघ्र कार्य-भार से मुक्त करने की कृपा करें, ताकि मैं अपनी नई नौकरी का कार्यभार सँभाल सकूँ।

आपके सहयोग के लिए धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर ……
रामकुमार गुप्ता,

(4) कर्मचारी सम्बन्धी अन्य पत्र

(1) अपनी कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक को पत्र लिखिए, जिसमें आपने अपनी पदोन्नति के लिए प्रार्थना की हैं।

145, मुखर्जी नगर,
दिल्ली।

दिनांक 12 मार्च, 20XX

सेवा में,
प्रबन्ध निदेशक,
अरिहन्त पब्लिकेशन्स (इण्डिया) लिमिटेड,
दरियागंज,
दिल्ली।

विषय- पदोन्नति के सम्बन्ध में।

महोदय,
सादर निवेदन यह हैं कि मैं आपकी प्रतिष्ठित कम्पनी में एक वर्ष से कार्यरत् हूँ। इस एक वर्ष के कार्य के दौरान मेरे द्वारा किए गए कार्य में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आई। मैं सभी प्रोजेक्ट में समय की मांग के अनुरूप अतिरिक्त समय भी देती हूँ तथा नियमानुसार व प्रतिबद्धता के साथ समय पर कार्य पूर्ण करती हूँ। कम्पनी को मेरे व्यवहार से कभी कोई शिकायत नहीं हुई। मैं अपने कार्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हूँ तथा आगे भी इसी समर्पण के साथ कम्पनी के सभी नियमों का पालन करूँगी एवं अपने कार्य को और अधिक निष्ठापूर्वक करने का प्रयास करूँगी।

अतः आपसे प्रार्थना हैं कि मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए मुझे उचित पदोन्नति प्रदान की जाए जिससे मैं अपना कार्य और अधिक लगन व निष्ठा के साथ कर सकूँ।

धन्यवाद।

भवदीया
ऋतिका

नौकरी प्राप्त करने सम्बन्धी आवेदन-पत्र

आज प्रत्येक व्यक्ति एक प्रतिष्ठित नौकरी चाहता हैं। नौकरी प्राप्त करने के लिए उसे कई परीक्षाओं व साक्षात्कार का सामना करना पड़ता हैं। विभिन्न अख़बारों, इन्टरनेट आदि पर दी जाने वाली सूचनाओं अथवा विज्ञापन के माध्यम से नौकरी प्राप्त करने के लिए उस कार्यालय अथवा विभाग के नाम व्यक्ति आवेदन-पत्र भेजता हैं, जिसके अन्तर्गत सम्बन्धित व्यक्ति के जीवन का ब्यौरा; जैसे- नाम, पता, जन्म-तिथि, प्राप्त की गई शिक्षा का विवरण अर्थात् शैक्षिक योग्यता, कार्यानुभव आदि तमाम जानकारियों को आवेदन-पत्र में वर्णित किया जाता हैं।

साथ ही अपने समस्त प्रमाण-पत्र व कार्यानुभव आदि की एक प्रति आवेदन-पत्र के साथ संलनित की जाती हैं। विभिन्न सरकारी नौकरियों; जैसे- कर्मचारी चयन आयोग, दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड आदि में आवेदन-पत्र का प्रारूप पूर्व-निर्धारित होता हैं; जिसमें व्यक्ति को आवेदन-पत्र में पूछी गई सभी जानकारियों को भरना होता हैं।

नौकरी प्राप्त करने के दौरान लिखे जाने वाले आवेदन-पत्र के कुछ उदाहरण दिए गए हैं।

(1) दैनिक हिन्दुस्तान में संवाददाता के पद के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

53, निरंकारी कालोनी,
दिल्ली।

दिनांक 21 अप्रैल, 20XX

सेवा में,
श्रीमान सम्पादक,
दैनिक हिन्दुस्तान,
के.जी. मार्ग,
नई दिल्ली।

विषय- संवाददाता के पद हेतु आवेदन-पत्र।

महोदय,
दिनांक 20 अप्रैल, 20XX को प्रकाशित दैनिक हिन्दुस्तान के अंक में आपके द्वारा संवाददाता के पद हेतु विज्ञापन दिया गया था। मैं इस पद के लिए आवेदन कर रहा हूँ। मेरी शैक्षणिक योग्यताओं तथा कार्यानुभवों का विवरण इस प्रकार हैं-

शैक्षणिक योग्यताएँ-
(1) बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से वर्ष 20XX में हिन्दी साहित्य में स्नातक की उपाधि।

(2) जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली से वर्ष 20XX में पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिप्लोमा।

अन्य विवरण-
अपने विद्यार्थी जीवन में मैंने सांस्कृतिक-साहित्यिक गतिविधियों व खेल-कूद में सक्रिय भाग लिया हैं। मैंने संस्कृति, कला व सामाजिक विषयों पर अनेक लेख भी लिखे हैं। विभिन्न समाचार-पत्रों व पत्रिकाओं में मेरे ये लेख छपे हैं, जिनमें से कुछ की फोटो प्रतियाँ आवेदन-पत्र के साथ संलग्न हैं।

मैं आपके प्रतिष्ठित व लोकप्रिय समाचार-पत्र में कार्य करना चाहता हूँ। मुझे पूर्ण विश्वास हैं कि अवसर मिलने पर मैं परिश्रम, लगन और निष्ठा के साथ कार्य करते हुए समाचार-पत्र को और जनोपयोगी बनाने में योगदान दे सकूँगा।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर……
मणिशंकर ओझा

(2) शहनाज हर्बल कॉस्मैटिक्स प्रा. लि., में सेल्समैन के पद के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

205, सुभाष बाजार,
कोलकाता।

दिनांक 31 जून,

सेवा में,
श्रीमान प्रबन्धक,
शहनाज हर्बल कॉस्मैटिक्स प्रा. लि.,
वॉल स्ट्रीट,
कोलकाता।

विषय- सेल्समैन के पद के लिए आवेदन-पत्र।

महोदय,
मुझे दिनांक 30 जून, 20XX के अंग्रेजी दैनिक ‘टाइम्स ऑफ इण्डिया’ में प्रकाशित विज्ञापन द्वारा ज्ञात हुआ कि आपकी फर्म में सेल्समैन के कई पद रिक्त हैं। मैं इस पद के लिए आवेदन करना चाहता हूँ। मेरी शैक्षिक योग्यताओं एवं कार्यानुभवों का विवरण इस प्रकार हैं-
(1) बी.एस-सी (बायोलॉजी)।
(2) सेल्स एवं मार्केटिंग में एक वर्षीय डिप्लोमा।
(3) ‘केयर योरसेल्फ’ फर्म में कॉस्मैटिक उत्पादों की बिक्री का डेढ़ वर्ष का अनुभव।
मेरे हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर मजबूत पकड़ हैं। अपने ग्राहक के साथ किस तरह पेश आना हैं, यह मैं बाखूबी जानता हूँ। मुझे विश्वास हैं कि आप मुझे सेवा का एक अवसर अवश्य देंगे।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर……
मुकेश कुमार

(1) जनसाधारण सम्बन्धी आवेदन-पत्र

इसके अन्तर्गत निम्न पत्रों को सम्मिलित किया गया हैं-

(1) प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ. आई. आर.) सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(2) सूचना का अधिकार (आर. टी. आई.) सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(3) टेलीफोन/मोबाइल फोन कनेक्शन एवं टेलीफ़ोन सही कराने सम्बन्धी आवेदन-पत्र
(4) जनसाधारण सम्बन्धी अन्य पत्र (मोहल्ले में सफाई के लिए, पेयजल की आपूर्ति के लिए, इलाके में डाक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए, ग्रहकर बिल ठीक करने हेतु, आयकर से पूर्ण मुक्ति हेतु, मुख्यमन्त्री से तात्कालिक सहायता हेतु आदि)

(1) प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) सम्बन्धी आवेदन-पत्र

प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ. आई. आर.) की जरूरत तब पड़ती हैं, जब मामला ‘पुलिस केस’ से सम्बन्धित हो। दीवानी एवं फौजदारी एवं अन्य आपराधिक मामलों में पुलिस स्टेशन में जो रिपोर्ट लिखवाई जाती हैं, वह एफ. आई. आर. की ही श्रेणी में आती हैं।

हालाँकि पुलिस थाने में एफ. आई. आर दर्ज करवाना आसान नहीं होता। कई बार पुलिस निर्धारित प्रारूप में एफ. आई. आर. दर्ज करने की बजाय एक अतिरिक्त कागज पर पीड़ित की समस्याएँ लिखकर अथवा लिखवाकर उसकी प्रति पर थाने की मोहर लगाकर, फरियादी को दे देती हैं।

इस तरह के अधिकांश उदाहरण मोबाइल, कैमरा, बैग अथवा पर्स चोरी के मामलों में पेश आते हैं। यदि, कुछ छोटी वारदातों को छोड़ दें, तो अधिकांश घटनाओं में पुलिस एफ. आई. आर. दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करती हैं। क्योंकि एफ. आई. आर. दर्ज होने के बाद यह बताना पुलिस की क़ानूनी जवाबदेही बन जाती हैं कि सम्बन्धित मामले में क्या प्रगति हुई अथवा हो रही हैं।

एफ. आई. आर. दर्ज करवाने के लिए यह जानना जरूरी होता हैं कि मामला अथवा घटना किस थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आता हैं।

एफ. आई. आर. दर्ज करवाने सम्बन्धी आवेदन-पत्रों के उदाहरण आगे दिए गए हैं-

(1) बस स्टैण्ड के पास आवारा लड़कों के व्यवहार को बताते हुए तथा उनके खिलाफ छेड़खानी के विरुद्ध एफ. आई. आर. दर्ज करवाने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

108, भवानी जंक्शन,
कोलकाता।

दिनांक 28 जून, 20XX

सेवा में,
श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय,
भवानी जंक्शन,
कोलकाता।

विषय- छेड़खानी के विरुद्ध एफ. आई. आर. दर्ज करवाने के सम्बन्ध में।

महोदय,
सविनय निवेदन यह हैं कि मैं भवानी जंक्शन में रहने वाली एक कॉंलेज छात्रा हूँ। जब भी मैं घर से कॉलेज के लिए निकलती हूँ, अक्सर बस स्टैण्ड के पास कुछ आवारा किस्म के लड़के मुझ पर कमेंट करते हैं। एक-दो बार मैंने उन्हें ऐसा न करने को कहा, किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ।

मैंने इस बारे में अपने माता-पिता से बात की, तो उन्होंने इसकी लिखित शिकायत थाने में करने की सलाह दी। मैं आपसे निवेदन करती हूँ कि आप उन लड़कों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाकर, मुझे हो रही मानसिक समस्या से निजात दिलाएँ।

आशा हैं, आप मेरी समस्या पर त्वरित कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद।

प्रार्थी
हस्ताक्षर……
निशा

(2) घर में चोरी हो जाने की एफ.आई.आर. दर्ज करवाने सम्बन्धी आवेदन-पत्र लिखिए।

42/1, शालीमार बाग,
दिल्ली।

दिनांक 17 जून, 20XX

सेवा में
श्रीमान थानाध्यक्ष महोदय,
शालीमार बाग,
दिल्ली।

विषय- घर में हुई चोरी की रिपोर्ट लिखवाने हेतु।

महोदय,
कल रात मेर घर में चोरी हो गई। चोर मेरे मकान का ताला तोड़कर घर में रखा हजारों रुपये का सामान उठा ले गए। जिस समय यह वारदात हुई, मैं अपने परिवार के साथ एक शादी-समारोह में शामिल होने गया था। देर रात को जब हम सभी घर वापस लौटे, तो देखा मकान का ताला टूटा हुआ था। हम दौड़कर घर में गए तब वहाँ देखा कि सारा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। आलमारी का ताला टूटा हुआ था, आलमारी में रखी माँ की सोने की अँगूठी गायब थी। घर में रखा टेलीविजन और बाहर खड़ी मेरी साइकिल भी चोर उठा ले गए हैं।

चोरी की इस वारदात से हमें हजारों रुपयों का नुकसान हुआ है। मेरा पूरा परिवार सदमे में हैं। आपसे निवेदन है कि आप मेरी चोरी की इस रिपोर्ट को दर्ज कर जल्द से जल्द चोरों को पकड़ हमें हमारा चोरी हो गया सामान वापस दिलवाएँ।

धन्यवाद।

प्रार्थी
हस्ताक्षर ……
रमेश चौहान

(2) सूचना का अधिकार (आर.टी.आई.) सम्बन्धी आवेदन-पत्र

सूचना का अधिकार अर्थात राइट टू इन्फॉरमेशन (आर.टी.आई.) को लोकतन्त्र का पाँचवाँ स्तम्भ माना जाता है, जिसका प्रयोग आम आदमी देश को शोषण एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में कर सकता है।

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 नागरिकों को किसी ‘लोक प्राधिकरण’ से सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। इस अधिनियम के अनुसार ऐसी सूचना जिसे संसद अथवा राज्य विधानमण्डल को देने से इनकार नहीं किया जा सकता, उसे किसी व्यक्ति को देने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय नागरिकों को सूचना सीडी, फ्लॉपी, टेप, विडियो कैसेट, इलेक्ट्रॉनिक अथवा प्रिंट किसी भी रूप में प्राप्त करने का अधिकार है। सूचना माँगने वाले आवेदक को 10 रुपया का निर्धारित शुल्क, माँग पत्र, बैंकर अथवा भारतीय पोस्टल ऑर्डर के रूप में लोक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी के नाम भेजकर रसीद प्राप्त कर सकते हैं। केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना की प्राप्ति तीस दिनों के भीतर हो जाती है।

निर्धारित समय में सूचना उपलब्ध न होने पर आवेदक प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है।

वर्तमान समय में आम जनता ढेरों सूचनाएँ; जैसे- विभाग द्वारा आम जनता के हित में क्या काम हो रहा है, कहाँ, कितना खर्च हो रहा है, कार्य में कितनी प्रगति हुई है यह सब जानकारी प्राप्त करना आर.टी. आई. की सहायता से ही सम्भव हुआ है।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए लिखे जाने वाले आवेदन-पत्रों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं-

(1) खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन-पत्र लिखिए।

140, प्रताप विहार,
दिल्ली।

दिनांक 12 जून, 20XX

सेवा में,
जन सूचना अधिकारी,
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग,
दिल्ली।

विषय- सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन।

महोदय,
(1) मैंने अपने राशन कार्ड के लिए 30 दिसम्बर, 20XX को विधिवत् आवेदन किया था। कृपया मेरे आवेदन पर अब तक की गई कार्यवाही की दैनिक रिपोर्ट दें।
जैसे- आवेदन कब और किस अधिकारी के पास पहुँचा, कब तक यह उसके पास रहा, उसने क्या कदम उठाए ?
(2) मेरा राशन कार्ड कितने दिन में बन जाना चाहिए था?
(3) उन अफसर-कर्मचारियों के नाम बताएँ, जिन्हें आवेदन पर कार्यवाही करनी चाहिए थी, किन्तु उन्होंने नहीं की।
(4) अपना काम न करने और मुझे मानसिक रूप से परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएँगे?
(5) मेरा कार्ड कब तक बन जाएगा?
(6) कृपया उन रिकॉर्ड्स की छायाप्रति दें, जिनमें इस तरह के आवेदन का ब्यौरा रखा जाता है।
(7) मेरे आवेदन के बाद आए किसी आवेदन पर मुझसे पहले यदि कार्यवाही की गई, तो उसका कारण क्या है?
(8) बारी आने से पहले यदि किसी आवेदन पर कार्यवाही की गई हो, तो क्या उसकी जाँच होगी और कब तक?
मैंने आवेदन-पत्र के साथ सूचना माँगने का निर्धारित शुल्क ‘भारतीय पोस्टल ऑर्डर’ के रूप में संलग्न कर दिया है।

धन्यवाद।

आवेदक के हस्ताक्षर……
कृष्ण चन्द्र
कार्ड की पावती संख्या-151/ग,

(3) टेलीफोन/मोबाइल कनेक्शन सम्बन्धी आवेदन-पत्र

लैण्डलाइन फोन हो या मोबाइल फोन, नया कनेक्शन लेने के लिए नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी को एक आवेदन-पत्र लिखा जाता है तथा उसके साथ ही आवेदन-फार्म भी भरा जाता है। इसके अन्तर्गत कभी-कभी खराब टेलीफोन की मरम्मत हेतु प्रबन्धक को पत्र भी लिखे जाते हैं। इस सन्दर्भ में कुछ उदाहरण दिए गए हैं-

(1) टेलीफोन विभाग के प्रबन्धक को मोबाइल फोन का सिम नष्ट हो जाने पर पुनः उसी नम्बर का सिम प्रदान करने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

454, अधोईवाला,
देहरादून (उत्तराखण्ड)।

दिनांक 26 फरवरी, 20XX

सेवा में,
श्रीमान प्रबन्धक,
वोडाफोन,
अधोईवाला,
देहरादून (उत्तराखण्ड)।

विषय- मोबाइल सिम नष्ट हो जाने पर पुनः उसी नम्बर का सिम प्रदान करने हेतु।

महोदय,
मैं कल अपने मोबाइल फोन नम्बर 9567863XXX से किसी मित्र से बात कर रहा था कि अचानक असुविधावश मोबाइल फोन मेरे हाथ से छूटा और पास ही रखी पानी की बाल्टी में जा गिरा।

मैंने तुरन्त हाथ डालकर मोबाइल फोन बाल्टी से बाहर निकाला, किन्तु तब तक वह पानी से पूरी तरह भीग चुका था। मैंने मोबाइल की बैटरी निकालकर उसे धूप में सूखने के लिए रख दिया। थोड़ी देर बाद जब मोबाइल फोन में बैटरी लगाकर उसे पुनः चालू करने की कोशिश की, तब वह नहीं चला। शायद मोबाइल खराब हो चुका था।

यह जानने के लिए की, किन्तु कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। मोबाइल में नेटवर्क सिग्नल नहीं दिखाई दे रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे पानी में गिरने के कारण सिम भी नष्ट हो गया है।

अतः आपसे निवेदन है कि आप मुझे उक्त नम्बर का सिम पुनः आवन्टित करें। ताकि मुझे इस नम्बर की वजह से किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

सधन्यवाद।

प्रार्थी
हस्ताक्षर……
जगन्नाथ

(2) अपनी मोबाइल नेटवर्क कम्पनी को नेटवर्क सम्बन्धी समस्याओं से अवगत करवाते हुए मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी के तहत मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी बदलने के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।

254, आर.के. पुरम
नई दिल्ली।

दिनांक 26 मई, 20XX

सेवा में,
एरिया प्रबन्धक,
….. (मोबाइल कम्पनी का नाम)
नई दिल्ली।

विषय- नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी बदलने हेतु।

महोदय,
मैं…… मोबाइल नेटवर्क प्रदाता कम्पनी का पिछले दो वर्ष से ग्राहक हूँ। मैंने जब से यह कम्पनी चुनी है, तब से मुझे नेटवर्क सम्बन्धी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कभी स्पष्ट आवाज की समस्या, तो कभी बात करते-करते नेटवर्क का गायब हो जाना। सन्देश भी त्वरित गति से नहीं पहुँच पाते।

मैं इस कम्पनी को बहुत पहले ही बदल देना चाहता था, किन्तु मेरा मोबाइल नम्बर इतने ज्यादा लोगों के पास है, कि इस नम्बर को बदल पाना मेरे लिए नामुमकिन है।

किन्तु जब से मैंने मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी यानि बिना नम्बर बदले अपनी मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कम्पनी को बदलने की स्कीम के बारे में सुना है, तभी से मेरा मन अपनी वर्तमान मोबाइल कम्पनी को बदलने को हो रहा है। परन्तु इसे बदलकर किस कम्पनी को ग्रहण करूँ, इसी सोच में था कि मेरे दोस्तों एवं परिचितों ने आपकी कम्पनी को चुनने की सलाह दी।

मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि कृपया मुझे बताएँ कि मुझे बिना नम्बर बदले, आपकी मोबाइल कम्पनी की सेवा लेने के लिए क्या-क्या औपचारिकताएँ पूरी करनी होंगी।

आशा है, आप मुझे शीघ्र ही इस सम्बन्ध में जानकारी प्रेषित कर, मेरी समस्याओं का निदान करेंगे।

सधन्यवाद।

प्रार्थी
हस्ताक्षर……
(कृष्ण कुमार)

(4) जनसाधारण सम्बन्धी अन्य पत्र

(1) आपके मोहल्ले में सफाई की व्यवस्था न होने के कारण स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए, जिसमें सफाई का उचित प्रबन्ध करने की प्रार्थना की गई हो।

421, विवेक विहार,
गाजियाबाद।

विषय- मोहल्ले में सफाई के लिए प्रार्थना-पत्र।

महोदय,
मैं आपका ध्यान विवेक विहार स्थित एच ब्लॉक की शोचनीय अवस्था की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। इस ब्लॉक में सफाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण स्थिति अत्यन्त चिन्ताजनक हो गई है। लम्बे समय से यहाँ नगर का कोई भी कर्मचारी सफाई हेतु नहीं आया है। स्थान-स्थान पर कचरे के ढेर लगे हैं, जिनमें सड़न होने से चारों ओर बदबू फैल रही है। नालियाँ भी भरी पड़ी हैं। गन्दा पानी सड़कों पर भी बिखरा हुआ है। कचरे पर भिनभिनाती मक्खियाँ और मच्छर गम्भीर बीमारी को आमन्त्रण दे रहे हैं।

अतः आपसे निवेदन निवेदन है कि जल्द-से-जल्द यहाँ का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था का उचित प्रबन्ध करें। आशा है, आप इस ओर त्वरित कार्यवाही कर, लोगों को होने वाली परेशानी से छुटकारा दिलाएँगे।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर……
(दीपक कुमार)

(2) अपने क्षेत्र में डाक-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अपने क्षेत्र के डाकपाल को प्रार्थना-पत्र लिखिए।

141, साकेत निवासी संघ,
मेरठ।

दिनांक 16 मई, 20XX

सेवा में,
डाकपाल महोदय,
मुख्य डाकघर,
मेरठ कैन्ट,
मेरठ।

विषय- इलाके में डाक व्यवस्था दुरुस्त करने हेतु।

महोदय,
मैं आपका ध्यान साकेत निवासी संघ, मेरठ की ओर केन्द्रित कराना चाहता हूँ, हमारे क्षेत्र का डाकिया अपने कार्य के प्रति अत्यन्त लापरवाही दिखा रहा है। वह हमारे पत्र घर के बाहर फ़ेंक कर चला जाता है, या फिर छोटे बच्चों को पकड़ा देता है। इससे पत्रों के खोने का डर हमेशा बना रहता है। यद्यपि इलाके के अधिकांश घरों के द्वार पर ‘पत्र-पेटिका’ लगी हुई है, परन्तु वह उनमें पत्र नहीं डालता। हमने डाकिये से कई बार हाथ जोड़कर निवेदन भी किया है कि वह पत्रों को सही जगह पर डाले, पर जैसे वह हमारी बात एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देता है।

अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप उसे चेतावनी देते हुए कार्य के प्रति पूरी ईमानदारी बरतने को कहें।

आपकी इस कृपा के लिए हम सदैव आभारी रहेंगे।

भवदीय
हस्ताक्षर……
सचिव
किशोर
साकेत निवासी संघ

(3) आयकर अधिकारी को पत्र लिखिए, जिसमें आयकर से माफी एवं पूर्ण मुक्ति के लिए प्रार्थना की गयी हो।

61, रामबाग,
लखनऊ।

दिनांक 30 मार्च, 20XX

सेवा में,
आयकर अधिकारी,
लखनऊ।

विषय- आयकर से पूर्ण मुक्ति हेतु।

महोदय,
मुझे दिनांक 29 मार्च, 20XX को आपकी ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें वर्ष 20XX-XX के लिए 5,005 आयकर अदा करने को कहा गया है।

उक्त अवधि से मेरी आय आयकर सीमा से निम्न है, लगता है किसी त्रुटिवश मेरी आय पर आयकर का निर्धारण कर दिया गया है।
आपसे प्रार्थना है कि मेरे खातों की जाँच कर मुझे आयकर से पूर्ण मुक्ति हेतु निर्देश जारी करें।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर ……
जितेन्द्र गोयल

(4) भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान से अवगत कराते हुए मुख्यमन्त्री को सहायतार्थ प्रार्थना-पत्र लिखिए।

16/1, रामनगर, नैनीताल
उत्तराखण्ड।

दिनांक 20 अगस्त, 20XX

सेवा में,
माननीय मुख्यमन्त्री महोदय,
उत्तराखण्ड सरकार,
देहरादून।

विषय- मुख्यमन्त्री से तात्कालिक सहायता हेतु।

मान्यवर,
सविनय निवेदन यह है कि मैं रामनगर, नैनीताल क्षेत्र का निवासी हूँ। दुर्भाग्य से इस वर्ष हमारे क्षेत्र में भारी वर्षा हुई, जिसके कारण हमारे खेतों में महीनों पानी जमा रहा। जल का समुचित निकास न होने के कारण वर्षा के इस पानी ने हमारी सारी फसल चौपट कर दी। पशुओं के लिए बोया गया चारा भी गलकर नष्ट हो गया। परिणामस्वरूप मनुष्यों और पशुओं दोनों के लिए अनाज का संकट आन पड़ा है। स्थान-स्थान पर पानी जमा रहने के कारण अनेक बीमारियाँ भी फैल गई हैं। लोग अपने-अपने घरों को छोड़ने के लिए बाध्य हो रहे हैं। स्थिति दयनीय और चिन्ताजनक है।

आपसे अनुरोध है कि शीघ्र ही इस क्षेत्र के निवासियों की समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए उनकी सहायता के लिए जिलाधिकारी को आदेश दें।

आशा है आप शीघ्र ही इस ओर ध्यान देंगे और उचित तात्कालिक सहायता देकर यहाँ के निवासियों को संकट की इस स्थिति से बचाएँगे।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर…..
किशोर कुमार

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