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किसी भी बात पर अतिरिक्त भार या बल देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात या अवधारक कहते है।
जैसे :- भी, तो, तक, केवल, ही, मात्र, क्या, सा आदि।
उदाहरण
- तुम्हें आज रात रुकना ही पड़ेगा।
- तुमने तो हद कर दी।
- कल मै भी आपके साथ चलूँगा।
- गांधीजी को बच्चे तक जानते है।
- धन कमा लेने मात्र से जीवन सफल नहीं हो जाता।
- नीरव खाने के साथ पानी भी पिता था।
- आप केवल हिंदी गाने ही क्यों पसंद करते हो?
- मैं कल तक इंतजार नहीं कर सकता।
- मैं तो मात्र पापा के कपडे ही लाया था।
निपात ऐसा सहायक शब्द भेद है जिसमें वे शब्द आते हैं जिनके प्रायः अपने शब्दावली संबंधी तथा वस्तुपरक अर्थ नहीं होते हैं।” जैसे – तक, मत, क्या, हाँ, भी, केवल, जी, नहीं, न, काश।
अन्य शब्द भेदों से निपात का इस बात में अन्तर है कि अन्य शब्द भेदों का अर्थात संज्ञाओं, विशेषणों, सर्वनामों, क्रिया-विशेषणों आदि का अपना अर्थ होता है किन्तु निपातों का नहीं। वाक्य को अतिरिक्त भावार्थ प्रदान करने के लिए निपातों का प्रयोग निश्चित शब्द, शब्द-समुदाय या पूरे वाक्य में होता है।
ये सहायक शब्द होते हुए भी निश्चित वाक्य नहीं हो सकते। वाक्य में इनके प्रयोग से उस वाक्य का अर्थ प्रभावित होता है।
निपात के प्रकार
निपात के नौ प्रकार होते हैं-
(1) स्वीकारात्मक निपात- हाँ, जी, जी हाँ। ये सब निपात स्वीकृति को व्यक्त करते हैं तथा सदैव स्वीकारार्थक उत्तर के आरम्भ में आते हैं। जैसे –
प्रश्न- तुम विद्यालय जाते हो?
उत्तर- जी।
प्रश्न- आप घर जा रहे हैं?
उत्तर- जी हाँ।
‘जी’ तथा ‘जी हाँ’ निपात विशेष आदरसूचक स्वीकारार्थक उत्तर के समय प्रयुक्त होते हैं।
(2) नकारात्मक निपात- नहीं, जी नहीं।
प्रश्न: तुम्हारे पास यह कलम है ?
उत्तर- नहीं।
(3) निषेधात्मक निपात- मत।
मत- आज आप मत जाइए।
मुझे अपना मुँह मत दिखाना।
(4) प्रश्नबोधक निपात- क्या, न।
क्या- तुम्हें वहाँ क्या मिलता है?
न- तुम अँग्रेजी पढ़ना नहीं जानते हो न?
(5) तुलनात्मक- सा।
सा- इस लड़के सा पढ़ना कठिन है।
(6) विस्मयार्थक निपात- क्या, काश।
क्या- क्या सुन्दर लड़की है!
काश- काश! वह न गया होता!
(7) बलार्थक या परिसीमक निपात- तक, भर, केवल, मात्र, सिर्फ, तो, भी, ही।
तक- मैंने उसे देखा तक नहीं। हमने उसका, नाम तक नहीं सुना।
भर- मेरे पास पुस्तक भर है। उसको अपनी कॉपी भर दे दो।
केवल- वह केवल सजाकर रखने की वस्तु है।
मात्र- वह मात्र सुन्दर थी, शिक्षित तो नहीं थी।
ही- उसका मरना ही था कि घर-का-घर बर्बाद हो गया।
भी- मैं भी यहीं रहता हूँ।
(8) अवधारणबोधक निपात- ठीक, लगभग, करीब।
ठीक- ठीक समय पर पहुँचा। ठीक पाँच हजार रुपये उसने दिये।
लगभग- लगभग पाँच लाख विद्यार्थी इस वर्ष प्रवेशिका की परीक्षा दे चुके हैं।
करीब- इस समय करीब पाँच बजे हैं।
(9) आदरसूचक निपात- जी।
जी- यह निपात व्यक्तिवाचक या जातिवाचक नाम, उपाधि तथा पद आदि सूचित करने वाले संज्ञा शब्दों के बाद प्रयुक्त होता है। जैसे-
- इन्दिरा जी,
- गुरुजी,
- डॉक्टर जी,
- वर्माजी।
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