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अप्रत्याशित शब्द अ+प्रति+आशित से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है जिसकी आशा या अपेक्षा न की गई हो। जो आशा के विपरीत बिल्कुल नया हो। किसी दिए गए नए विषय पर कम समय में अपने विचार, भावों और कल्पनाओं को संकलित करके उन्हें सुंदर और सुघड़ ढंग से अभिव्यक्त करना अप्रत्याशित विषयों पर लेखन कहलाता है।
(ख) रचनात्मक लेखन का अर्थ
लेखन दो तरह का होता है-
- किसी विषय को याद करके लेखन करना।
- अपनी कल्पना और पूर्वज्ञान के आधार पर किसी विषय पर विचार करना और उस विचार को मौलिक रूप में सुंदर शैली में लिखना।
इस रचनात्मक लेखन का अर्थ है कल्पना और पूर्वज्ञान के आधार पर किसी नए विषय पर मनन करना और लेखन के रूप में सृजन करना है। मौलिकता रचनात्मक लेखन की एक विशेषता है।
(ग) मौलिक शब्द का अर्थ
मौलिक शब्द ‘मूल’ शब्द से बना है। जिसका अर्थ है बिना नकल का, असली अथवा वास्तविक।
(घ) नए और अप्रत्याशित विषयों का महत्व
- ये विषय रोचक होते है।
- हमारे वर्तमान से जुडे़ होने के कारण सहज और सरल होते हैं।
- ये विषय हमें नया सोचने की प्रेरणा देते हैं।
- ये विषय हमें अपनी भाषा में अभिव्यक्ति की प्रेरणा देते हैं।
(ड-) नये और अप्रत्याशित विषयों पर लिखते समय ध्यान देने वाली बातें-
- रचनात्मक लेखन लिखने से पहले विषय या उससे जुड़े परिवेश के आकार, रंग, बनावट, इतिहास, उपयोगिता आदि के बारे में रूपरेखा बनानी चाहिए।
- रचनात्मक लेखन में बातें सुसंगत होनी चाहिए अर्थात् एक बात दूसरी बात का खंडन न करती हो।
- रचनात्मक लेखन में विचारों को सुसंबद्ध तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए।
- रचनात्मक लेखन में बातों को बार-बार दोहराना नहीं चाहिए।
- रचनात्मक लेखन की शुरुआत आकर्षक तरीके से करनी चाहिए। शुरुआत ऐसी होनी चाहिए जिसे आसानी से आगे बढ़ाया जा सके।
- रचनात्मक लेखन में छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए।
- रचनात्मक लेखन में शुद्ध और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
- रचनात्मक लेखन में मुहावरों, कहावतों व उदाहरणों का प्रयोग करना चाहिए।
- अपने लिखे हुए रचनात्मक लेखन को दोबारा अवश्य पढ़ना चाहिए।
- अपने आसपास के परिवेश, समाज और पर्यावरण पर नजर रखनी चाहिए।
- अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत बनानी चाहिए।
- रचनात्मक लेखन में तथ्यों के साथ-साथ कल्पना का भी समावेश होना चाहिए।
- रचात्मक लेखन में आवश्यकतानुसार सूक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।
(च) रचनात्मक लेखन में प्रयोग की जाने योग्य कुछ उक्तियाँ
- परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।
- पराए धन को ढेले के समान मानना चाहिए।
- मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।
- स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता हैं।
- करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
- सब दिन होत ना एक समान।
- पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।
- काबिल बनो कामयाबी आपके कदम चूमेगी।
- दुनिया में सब हों समान, सब भाषाएँ बनेें महान।
- कल कभी नहीं आता।
रचनात्मक लेखन हेतु कुछ विषय
- मोबाइल के कारण बदलते संबंध।
- ऑनलाइन कक्षा के लाभ और हानियाँ।
- लॉकडाउन: जीवन का नया अवसर।
- करोना काल में जीवन।
- करोना काल : मेरे देश की चुनौतियाँ।
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