कक्षा 6 » टिकट-अलबम (कहानी)

JOIN WHATSAPP CHANNEL JOIN TELEGRAM CHANNEL

टिकट-अलबम

सुंदरा रामस्वामी

शब्दार्थ :- जमघट – आदमियों की भीड़, जमाव। टोली – मंडली, झुंड। उत्सुक – इच्छुक। चबेना – चबाकर खाने वाली खाद्य सामग्री । पगडंडी – खेत या मैदान में पैदल चलने वालों के लिए बना पतला रास्ता। फिसड्डी – काम में पीछे रह जाने वाला। टीपना – हू-ब-हू उतारना, नकल करके लिखना। बघारना – पांडित्य दिखाने के लिए किसी विषय की चर्चा करना। कोरस – एक साथ मिलकर गाना। मशहूर – प्रसिद्ध, जाना-माना। खलना – अखरना। टरकाना – खिसका देना, टाल देना। हेकड़ी – जबरदस्ती, बलात कुछ करने की प्रवृत्ति। भेड़ लेना – भिड़ा देना, सटा देना, बंद करना। साँकल – दरवाजा बंद करने के लिए लगाई जाने वाली लोहे की कड़ी।

पाठ का सार

मूल रूप से तमिल भाषा में लिखित कहानी “टिकट अलबम” दो मित्रों की कहानी है। राजप्पा और नागराजन दोनों सहपाठी थे। राजप्पा के पास डाक-टिकटों का एक सुन्दर अलबम था। उसके अलबम की लड़कों में काफ़ी तारीफ़ रही थी। परन्तु जब से नागराजन के मामा ने सिंगापुर से उसके लिए अलबम भेज था तब से राजप्पा के अलबम को कोई नहीं पूछता था। नागराजन अपना अलबम सबको दिखाता था पर किसी को छूने नहीं देता। लड़कियों द्वारा माँगे जाने पर नागराजन ने अलबम पर कवर चढ़ाकर दिया। काफ़ी मेहनत से तैयार की गई राजप्पा के अलबम के कोई तारीफ़ नहीं करता। कई सहपाठी उसके अलबम की तुलना नागराजन के अलबम से कर राजप्पा के अलबम को फिसड्डी बताते। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को देखने की कभी इच्छा प्रकट नहीं की।

उसे नागराजन के अलबम से चिढ़ होने लगी थी। वह नागराजन के घर की तरफ़ चल पड़ा। राजप्पा ने सोच लिया था कि वह अपने फ़ालतू टिकट से नागराजन के अच्छे टिकट बदल लेगा।  वह नागराजन के घर पहुँचकर ऊपर चला गया। थोड़ी देर बाद नागराजन की बहन कामाक्षी ऊपर आई। उसने बताया नागराजन शहर गया है। राजप्पा ने नागराजन के अलबम को चुरा लिया और अपने घर में जाकर अलमारी की पीछे छुपा दिया। रात को एक अन्य साथी अपू ने उसे उसे बताया कि नागराजन का अलबम चोरी हो गया। उस रात उसे नींद नहीं आयी।

सुबह राजप्पा के पापा दफ़्तर चले गए। राजप्पा बिस्तर पर बैठा था। दरवाजे पर दस्तक हुई। राजप्पा घबरा गया, उसे लगा पुलिस आयी है। पकड़े जाने के डर से उसने नागराजन के अलबम को अँगीठी में डाल कर जला दिया। तभी अम्मा की आवाज़ आयी कि नागराजन उससे मिलने आया है। नागराजन ने राजप्पा को बताया कि उसका अलबम चोरी हो गया है। नागराजन बहुत मायूस था। राजप्पा ने उसे अपना अलबम देकर कहा कि वह उसे रख ले। नागराजन ने सोचा वह मज़ाक कर रहा है परन्तु राजप्पा बार-बार वही बात कर रहा था। जब नागराजन राजप्पा का अलबम ले जाने लगा तब राजप्पा ने कहा कि वह उसे रातभर देखना चाहता है, सुबह वह उसे लौटा देगा।

 

JOIN WHATSAPP CHANNEL JOIN TELEGRAM CHANNEL

प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न:- अलबम पर किसने और क्यों लिखा? इसका असर क्लास के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?

उत्तर:- अलबम के पहले पृष्ठ पर मोती जैसे अक्षरों में उसके मामा ने लिख भेजा था –

ए. एम. नागराजन

‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखें नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।’

इस वाक्य को क्लास के लड़कों ने अपने अलबम में उतार लिया और लड़कियों ने झट कापियों और किताबों में टीप लिया।

प्रश्न:- नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई?

उत्तर:- नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा को लगा, अपने अलबम के बारे में बातें करना फ़ालतू है। उसने कितनी मेहनत और लगन से टिकट बटोरे हैं। सिगापुर से आए इस एक पार्सल ने नागराजन को एक ही दिन में मशहूर कर दिया। पर दोनों में कितना अंतर है! ये लड़के क्या समझेंगे! राजप्पा मन-ही-मन कुढ़ रहा था। स्कूल जाना अब खलने लगा था और लड़कों के सामने जाने में शर्म आने लगी। आमतौर पर शनिवार और रविवार को टिकट की खोज में लगा रहता, परंतु अब घर-घुसा हो गया था। दिन में कई बार अलबम को पलटता रहता। रात को लेट जाता। सहसा जाने क्या सोचकर उठता, ट्रंक खोलकर अलबम निकालता और एक बार पूरा देख जाता। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी। उसे लगा, अलबम वाकई कूड़ा हो गया है।

प्रश्न:- अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?

उत्तर:-  राजप्पा नागराजन के घर पहुँचकर मेज पर बिखरी किताबों को टटोलने लगा। अचानक उसका हाथ दराज के ताले से टकरा गया। मेज पर से उसने चाबी ढूँढ निकाली। सीढ़ियों के पास जाकर उसने एक बार झाँककर देखा। फिर जल्दी में दराज खोली। अलबम ऊपर ही रखा हुआ था। पहला पृष्ठ खोला। उन वाक्यों को उसने दोबारा पढ़ा। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। अलबम को झट कमीज के नीचे खोंस लिया और दराज बंद कर दिया। सीढ़ियाँ उतरकर घर की ओर भागा। घर जाकर सीधा पुस्तक की अलमारी के पास गया और पीछे की ओर अलबम छिपा दिया। उसने बाहर आकर झाँका। पूरा शरीर जैसे जलने लगा था। गला सूख रहा था और चेहरा तमतमाने लगा था।

प्रश्न:- राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया?

उत्तर:- अपू ने राजप्पा को बताया था कि नागराजन के पापा अलबम खो जाने की शिकायत पुलिस को करने वाले हैं। जैसे ही दरवाजा खटखटाने की आवाज आई राजप्पा को लगा कि पुलिस आ पहुँची है। उसे लगा की उसकी चोरी पकड़ी जायेगी और पुलिस उसे पकड़ के ना ले जाए। इसलिए राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में इसलिए डाल दिया।

प्रश्न:-लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?

उत्तर:- जिस तरह मधुमक्खी विभिन्न स्थानों के फूलों से रस इकट्ठा करती है और छत्ता तैयार करती है उसी तरह राज्प्पा ने भी विभिन्न स्थानों और व्यक्तियों से टिकट इकट्ठा कर अपना अलबम तैयार किया है। इसलिए लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से इसलिए की।

कहानी से आगे

प्रश्न:- टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। क्या तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोच सकते हो जिन्हें जमा किया जा सकता है? उनके नाम लिखो।

उत्तर:- निम्न चीज़ों को जमा किया जा सकता है –

  • माचिस के कवर
  • पुराने सिक्के
  • पौधे की पत्तियाँ
  • विभिन्न देशों की मुद्रा/नोट

प्रश्न:- टिकट-अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फ़र्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन-सा तरीका अपनाओगे?

उत्तर:- राजप्पा ने कड़ी मेहनत से और चालाकी से अपना अलबम तैयार किया था, जबकि नागराजन के लिए अलबम उसे मामा ने भेजा था। हम अपना शौक राजप्पा की तरह पूरा करना चाहेंगे। जिसमें चुनौती भी है और आनंद भी।

प्रश्न:- इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है। जैसे, देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।

उत्तर:- इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण निम्न आधार पर भी किया जा सकता है- 

  • देश के आधार पर
  • डिज़ाइन के आधार पर
  • समय के आधार पर
  • आकार के आधार पर
  • मूल्य के आधार पर

प्रश्न:- कई लोग चीजें इकट्ठा कर ‘गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।

उत्तर:- कई लोग चीजें इकट्ठा कर ‘गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे कुछ अलग करके आगे बढ़ने की प्रेरणा हो सकती है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न:- राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फ़र्क पड़ता? कैसे?

उत्तर:- राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को इसलिए नहीं बता पाता क्योंकि इससे पता चल जाता की अलबम राजप्पा ने चोरी किया है। अगर वह कह देता तो कहानी का अंत बादल सकता था। राजप्पा सबकी नज़रों अपमानित हो जाता।

प्रश्न:-‘ऑस्टेलिया के दो टिकटों के बदले फ़िनलैंड का एक टिकट लेता। दो पाकिस्तान के बदले एक रूस का।’ वह ऐसा क्यों करता था?

उत्तर:- नागराजन अपने अलबम में अधिक से अधिक देशों की टिकट रखना चाहता था। इसलिए वह ऑस्टेलिया के दो टिकटों के बदले फ़िनलैंड का एक टिकट लेता। दो पाकिस्तान के बदले एक रूस का।

प्रश्न:- कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वह राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रह जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।

उत्तर:- प्रत्येक विद्यार्थी की अपनी योग्यता और शौक होता है। हो सकता है बाकी विद्यार्थी कुछ ओर करते होंगे। उन्हें अलबम बनाने से अधिक देखने में ज्यादा मजा आता होगा।

भाषा की बात

प्रश्न:- निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ-

उत्तर:- 
खोंसना – प्रीतम ने पेन को बालों में खोंस लिया।
जमघट – सांडो की लड़ाई देखने के लिए लोगों का जमघट लग गया।
टटोलना – पिता ने अपनी जेब टटोलकर कुछ पैसे निकाले।
कुढ़ना – नागराजन की अलबम देखकर राजप्पा कुढ़ने लगा।
ठहाका – राजा के स्कूल न जाने का बहाना सुनकर पिता ने ठहाका लगाया।
अगुआ – अभिनव कक्षा के छात्रों का अगुआ बना।
पुचकारना – बच्ची बिन माँ की बछिया को पुचकारने लगी।
खलना – नागराजन का अलबम अपनी प्रसिद्धि के कारण राजप्पा को खलने लगा।
हेकड़ी – चोरी पकड़े जाने पर भी चोर की हेकड़ी कम नहीं हुई।
तारीफ़ – अपनी तारीफ़ स्वयं करना अच्छी बात नहीं है।

प्रश्न:- कहानी से व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उल्टा अर्थ देने वाले शब्द
भी लिखो।

उत्तर:-

चिंतित – निश्चिंत
बंद – खुला
फिसड्डी – अव्वल
घमंडी – स्वाभिमानी
ईर्ष्यालु – स्पर्धालु

कुछ करने को

प्रश्न:- मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो जिसमें निम्नलिखित बिंदु हों-
(क) खोई हुई चीज का वर्णन
(ख) कहाँ खोई
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए
(घ) नोटिस लगाने वाले/वाली का नाम और कक्षा

उत्तर:- छात्र स्वयं करें। 

प्रश्न:- डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहते हो तो नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से छपी पुस्तक ‘डाक टिकटों की कहानी’ पढ़ो।

उत्तर:- छात्र स्वयं करें। 

सुनना-सुनाना

प्रश्न:- राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई गंभीर शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।

उत्तर:- छात्र स्वयं करें। 

प्रश्न:- कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुःखांत होती हैं। इस कहानी के अंत को तुम क्या मानोगे? बताओ।

उत्तर:- यह कहानी दुख के रूप में सुख का अहसास कराती है। हालांकि नागराजन का अलबम का दुख है, लेकिन अंत में दोनों मित्र एक हो जाते हैं और राजप्पा को अपनी गलती का अहसास होता है। इसलिए इस कहानी को सुखांत समझना चाहिए।

बोलते चेहरे

􀁺 कुढ़ता चेहरा 􀁺 ईर्ष्यालू चेहरा 􀁺 भूखा चेहरा 􀁺 चालबाज चेहरा
􀁺 घमंडी चेहरा 􀁺 भयभीत चेहरा 􀁺 अपमानित चेहरा 􀁺 रुआँसा चेहरा

इन भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ।


क्विज/टेस्ट

टेस्ट/क्विज के लिए यहाँ क्लिक करें।

JOIN WHATSAPP CHANNEL JOIN TELEGRAM CHANNEL