लंका में हनुमान
शब्दार्थ :- समर्पण – अर्पित करना, सौंपना। गरिमा – इज्जत। निश्चल – स्थिर। दरक – नीचे हो जाना। क्षितिज – दूर धरती और आकाश जहाँ मिले हुए लगते हैं। अट्टहास – ज़ोर की हँसी। दयनीय – दया करने योग्य। शोकग्रस्त – दुख से परेशान। अस्तित्व – हैसियत। विलाप – रोना। अनुचर – नौकर। कुशल-क्षेम – हालचाल। उद्यत – बेचैन। उत्पात – उधम। व्याकुल – बेचैन। विह्वल – भावुक।
पाठ का सार
जामवंत के द्वारा शक्ति याद दिलाए जाने पर हनुमान ने पूर्व दिशा की ओर मुँह करके अपने पिता को प्रणाम किया और फिर हनुमान महेंद्र पर्वत पर एक छलांग में पहुँच गए। समुद्र यह देखकर डर गया कि उसकी गरिमा नष्ट होने को थी।
हनुमान ने हाथ हवा में उठाए। पर्वत पर झुककर उसे हाथ-पैर से कसकर दबाया और छलाँग लगा दी। अगले ही पल वह आकाश में थे। समुद्र के अंदर स्थित मैनाक पर्वत चाहता था कि हनुमान कुछ पल वहाँ विश्राम कर लें।
हनुमान को समुद्र के रास्ते लंका जाते समय सुरसा और सिंहिका राक्षसी मिली। सुरसा हनुमान को खा जाना चाहती थी। पवन पुत्र ने उसे चकमा दिया। उसके मुँह में घुसकर निकल आए। सिंहिका ने जल में हनुमान की परछाईं पकड़ ली। क्रुद्ध हनुमान ने सिंहिका को मार डाला। आगे बढ़े।
हनुमान लंका पहुँचकर लंका की सुंदरता को देखकर चकित रह गए। हनुमान ने शाम ढलने पर समय लंका नगरी में प्रवेश किया। हनुमान को सीता अशोक वाटिका में दिखी। हनुमान को त्रिजटा राक्षसी सीता की हितैषी लगी। हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे राम-कथा प्रारंभ की। राम का गुणगान। हनुमान ने सीता को विश्वास दिलाने के लिए सीता को राम द्वारा दी गई अँगूठी दी, राम का संदेश दिया और फेंके गई आभूषणों की बात बताई।
सीता ने हनुमान के साथ चलने के लिए मना कर दिया। सीता ने कहा – “यह उचित नहीं होगा, पुत्र। पकड़े गए तो मेरा संदेश भी राम तक नहीं पहुँचेगा।” सीता ने चलते-चलते अपना एक आभूषण दिया।
अशोक वाटिका में हनुमान के साथ लड़ते हुए रावण का पुत्र अक्षकुमार मारा गया।मेघनाथ ने अशोक वाटिका से हनुमान को बंदी बनाया। मेघनाथ रावण का पुत्र था।मेघनाथ का अन्य नाम इंद्रजीत था। उसने एक बार इंद्र को युद्ध में हरा दिया था।
रावण जब हनुमान को मारना चाहता था तो विभीषण ने उसे रोका। विभीषण रावण का भाई था। विभीषण ने कहा – नीति के अनुसार दूत का वध अनुचित है। आप उसे कोई दूसरा दंड दे दें। रावण ने हनुमान की पूँछ में आग लगवा दी और नगर में घुमाने में आदेश दिया। पूँछ में आग लगने के बाद हनुमान ने एक भवन पर चढ़कर उसमें आग लगा दी। एक से दूसरी अटारी पर कूदते उन्होंने सभी भवन जला दिए।
हनुमान द्वारा राम को सीता का आभूषण दिखाए जाने पर राम शोक में डूब गए। भाव विह्नल होकर उन्होंने हनुमान को गले से लगा लिया। आँसू रोक नहीं पाए।
रावण के साथ युद्ध की योजना बनाते समय योग्यता और उपयोगिता के अनुसार सबकी भूमिका तय की गई। सेना मे हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और नील को आगे रखा गया। समुद्र पर चर्चा हुई। उसे कैसे पार करेंगे? सेना का हर वानर हनुमान नहीं था। यह एक चुनौती थी।
पाठ पर आधारित अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न :- जामवंत के द्वारा शक्ति याद दिलाए जाने पर हनुमान किस पर्वत पर एक छलांग में पहुँच गए?
उत्तर :- महेंद्र पर्वत पर।
प्रश्न :- समुद्र क्यों डर गया था?
उत्तर :- समुद्र यह देखकर डर गया कि उसकी गरिमा नष्ट होने को थी।
प्रश्न :- महेंद्र पर्वत पर चढ़कर हनुमान से सबसे पहले क्या किया?
उत्तर :- हनुमान ने पूर्व दिशा की ओर मुँह करके अपने पिता को प्रणाम किया।
प्रश्न :- महेंद्र पर्वत से हनुमान किस प्रकार उड़े?
उत्तर :- हनुमान ने हाथ हवा में उठाए। पर्वत पर झुककर उसे हाथ-पैर से कसकर दबाया और छलाँग लगा दी। अगले ही पल वह आकाश में थे।
प्रश्न :- समुद्र के अंदर स्थित मैनाक पर्वत क्या चाहता था?
उत्तर :- मैनाक चाहता था कि हनुमान कुछ पल वहाँ विश्राम कर लें।
प्रश्न :- हनुमान को समुद्र के रास्ते लंका जाते समय कौन-कौन-सी राक्षसी मिली?
उत्तर :- सुरसा और सिंहिका।
प्रश्न :- सुरसा क्या करना चाहती थी?
उत्तर :- सुरसा हनुमान को खा जाना चाहती थी?
प्रश्न :- हनुमान ने सुरसा का सामना कैसे किया?
उत्तर :- पवन पुत्र ने उसे चकमा दिया। उसके मुँह में घुसकर निकल आए।
प्रश्न :- सिंहिका ने क्या किया?
उत्तर :- उसने जल में हनुमान की परछाईं पकड़ ली।
प्रश्न :- हनुमान ने सिंहिका का सामना कैसे किया?
उत्तर :- क्रुद्ध हनुमान ने सि्ांहिका को मार डाला। आगे बढ़े।
प्रश्न :- हनुमान लंका पहुँचकर चकित क्यों रह गए?
उत्तर :- लंका की सुंदरता को देखकर।
प्रश्न :- हनुमान ने किस समय लंका नगरी में प्रवेश किया?
उत्तर :- शाम ढलने पर।
प्रश्न :- हनुमान को सीता कहाँ पर दिखी?
उत्तर :- अशोक वाटिका में।
प्रश्न :- हनुमान को कौन-सी राक्षसी सीता की हितैषी लगी?
उत्तर :- त्रिजटा।
प्रश्न :- हनुमान ने पेड़ पर बैठे-बैठे क्या किया?
उत्तर :- पेड़ पर बैठे-बैठे उन्होंने राम-कथा प्रारंभ की। राम का गुणगान।
प्रश्न :- हनुमान ने सीता को विश्वास दिलाने के लिए क्या किया?
उत्तर :- हनुमान ने सीता को राम द्वारा दी गई अँगूठी दी, राम का संदेश दिया और फेंके गई आभूषणों की बात बताई।
प्रश्न :- सीता ने हनुमान के साथ चलने के लिए मना क्यों कर दिया?
उत्तर :- सीता ने कहा – “यह उचित नहीं होगा, पुत्र। पकड़े गए तो मेरा संदेश भी राम तक नहीं पहुँचेगा।”
प्रश्न :- सीता ने चलते-चलते क्या दिया?
उत्तर :- अपना एक आभूषण।
प्रश्न :- अशोक वाटिका में हनुमान के साथ लड़ते हुए रावण का कौन-सा पुत्र मारा गया?
उत्तर :- अक्षकुमार।
प्रश्न :- अशोक वाटिका से हनुमान को किसने बंदी बनाया?
उत्तर :- मेघनाथ ने।
प्रश्न :- मेघनाथ कौन था?
उत्तर :- मेघनाथ रावण का पुत्र था।
प्रश्न :- मेघनाथ का अन्य नाम क्या था?
उत्तर :- इंद्रजीत।
प्रश्न :- मेघनाथ को इंद्रजीत क्यों कहा जाता था?
उत्तर :- उसने एक बार इंद्र को युद्ध में हरा दिया था।
प्रश्न :- रावण जब हनुमान को मारना चाहता था तो किसने उसे रोका?
उत्तर :- विभीषण ने।
प्रश्न :- विभीषण कौन था?
उत्तर :- विभीषण रावण का भाई था।
प्रश्न :- विभीषण ने क्या कहकर रावण को हनुमान का वध करने से रोका?
उत्तर :- नीति के अनुसार दूत का वध अनुचित है। आप उसे कोई दूसरा दंड दे दें।
प्रश्न :- रावण ने अनुमान को क्या दंड दिया?
उत्तर :- रावण ने हनुमान की पूँछ में आग लगवा दी और नगर में घुमाने में आदेश दिया।
प्रश्न :- पूँछ में आग लगने के बाद हनुमान ने क्या किया?
उत्तर :- एक भवन पर चढ़कर उसमें आग लगा दी। एक से दूसरी अटारी पर कूदते उन्होंने सभी भवन जला दिए।
प्रश्न :- हनुमान द्वारा राम को सीता का आभूषण दिखाए जाने पर राम की क्या दशा हुई?
उत्तर :- राम शोक में डूब गए। भाव विह्नल होकर उन्होंने हनुमान को गले से लगा लिया। आँसू रोक नहीं पाए।
प्रश्न :- रावण के साथ युद्ध की योजना बनाते समय किस प्रकार सबकी भूमिका तय की गई?
उत्तर :- योग्यता और उपयोगिता के अनुसार।
प्रश्न :- सेना मे किसे सबसे आगे रखा गया?
उत्तर :- हनुमान, अंगद, जामवंत, नल और नील को आगे रखा गया।
प्रश्न :- लंका पर आक्रमण की योजना बनाते समय सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?
उत्तर :- समुद्र पर चर्चा हुई। उसे कैसे पार करेंगे? सेना का हर वानर हनुमान नहीं था। यह एक चुनौती थी।
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