कक्षा 6 » बाल रामकथा

लंका विजय

शब्दार्थ :- उद्यत – तैयार, बेचैन। कूच – निकलना। अनभिज्ञ – अनजान। कातरता बेचैनी, अधीरता। विस्मय – अचंभा। विकल्प – उपाय। क्षत-विक्षत – घायल, कटे-फटे। अंक – गोद। शस्त्रागार – जहाँ शस्त्र रखे होते हैं। अचेत – बेहोश। तुमुलनाद – रणभेरी। अधीर – बेचैन। 

पाठ का सार

सुग्रीव ने वानर सेना को युद्ध के विषय में संबोधित किया- “युद्ध भयानक होगा। इसमें केवल वही सैनिकजाएँगे जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों। जो दुर्बल हैं, यहीं रुक जाएँ।”

वानरों की सेना का नेतृत्व नल कर रहा था। सेना की रणनीति के अनुसार सेना के पीछे हनुमान और जामवंत चल रहा थे। वानर सेना ने महेंद्र पर्वत पर अपना डेरा डाला। रावण को समझाने विभीषण गया। विभीषण ने रावण को  समझाया- आप सीता को लौटा दें। सबका कल्याण इसी में है। सीता मिल जाएँगी तो वे आक्रमण नहीं करेंगे।

रावण ने विभीषण की बात रावण विभीषण पर क्रोधित हो गया और उसे सभा से निकाल दिया।  रावण द्वारा सभा से निकाले जाने पर विभीषण राम के पास गए। राम ने बात सुनी और कहा, “हमें विभीषण को स्वीकार करना चाहिए। मैं शरण में आए व्यक्ति को कभी निराश नहीं करता। यह मेरी नीति है। विभीषण को आदर से अंदर लाइए।”

विभीषण ने राम को रावण और लंका की बहुत सी जानकारी दी। रावण और उसके योद्धाओं की शक्ति के बारे में बताया। कहा – “रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए बल और बुद्धि दोनों की आवश्यकता है।”

विभीषण की बात सुनकर राम ने कहा – “विभीषण! तुम चिंता मत करो। राक्षस मारे जाएँगे। लंका की राजगद्दी तुम्हारी होगी। भविष्य तुम्हारा है।”

राम ने समुद्र पार करने के लिए पहले समुद्र से तीन दिन तक विनती की।

राम के द्वारा विनती किए जाने पर समुद्र ने रास्ता नहीं दिया, तो राम राम क्रोध में आ गए। राम को क्रोध में देखकर समुद्र ने राम को सलाह दी- आपकी सेना में नल नाम का एक वानर है। वह पुल बना सकता है। उससे वानर सेना पार उतर जाएगी।

समुद्र पर पुल बनाने का काम नल को दिया गया। पाँच दिन में पल बनकर तैयार हो गया था। सबसे पहले विभीषण ने पुल पार किया। समुद्र पर पुल बनने का समाचार सुनकर रावण क्रोध से चीख उठा। समुद्र पर पुल कैसे बन सकता है? इस समाचार से रावण को विस्मय हुआ। भय भी। समुद्र पर पुल बनने का समाचार सुनकर रावण ने आदेश दिया, “सेना तैयार की जाए। युद्ध का समय आ पहुँचा है।”

राम ने अपनी सेना को  चार भागों में विभक्त किया था। लंका के चार द्वार थे। चौतरफ़ा आक्रमण होना था। हर टुकड़ी को एक द्वार सौंपा गया। राम ने पर्वत शिखर पर चढ़कर स्वयं लंका का निरीक्षण किया।राम लंका का वैभव देखकर चकित हो गए।  राम ने अंतिम सुलह के लिए अंगद को दूत बनाकर लंका भेजा। ताकि युद्ध टल जाए। रावण से कहा कि सीता को लौटा दे। अन्यथा उसका अंत होगा।

अंगद के मुख से राम का संदेश सुनकर रावण क्रोधित हुआ। कुछ राक्षसों ने अंगद पर आक्रमण किया। अंगद वहाँ से बचकर राम के पास पहुँचे। रावण के द्वारा सुलह का प्रस्ताव ठुकरा दिए जाने पर राम ने सेना को लंका पर आक्रमण का आदेश दे दिया।

रावण की सेना को मनोबल गिरने पर मेघनाथ ने मोर्चा संभाला। मेघनाथ छिपकर युद्ध करता था। मायावी था। किसी को दिखाई नहीं पड़ता था। उसके बाण राम और लक्ष्मण को लगे। दोनों वहीं मूर्च्छित होकर गिर पड़े। राम-लक्ष्मण की मूर्च्छा का उपचार विभीषण ने कराया।

धूम्राक्ष मारा गया। वज्रद्रष्ट धरती पर गिर पड़ा। अकंपन कुचल कर मर गया। प्रहस्त को नील ने ध्वस्त कर दिया। रावण को इसकी सूचनाएँ मिलती रहीं। वह घबरा गया। वह हड़बड़ाकर उठा और स्वयं कमान सँभाल ली।

पहली मुठभेड़ में रावण लक्ष्मण पर भरी पड़ा। राम के प्रहार से रावण का मुकुट धरती पर गिर पड़ा। मुकुट के धरती पर गिरने से रावण लज्जित होकर लौट गया। राम की शक्ति का अनुमान होने पर रावण ने कुंभकर्ण को जगाया।

कुंभकर्ण रावण का भाई था। कुंभकर्ण छ्ह महीने महीने सोता था। कुंभकर्ण ने हनुमान और अंगद को घायल कर दिया था। दोनों भाइयों ने बाणों की वर्षा कर कुंभकर्ण को मार दिया।

कुंभकर्ण के मरने पर रावण निराश हो गया। कुंभकर्ण पर उसे गर्व था। वह उसे अपना दाहिना हाथ मानता था। उसे लगा कि अब लंका में वीर नहीं हैं। वह अनाथ हो गई। कुंभकर्ण के मरने पर रावण को मेघनाथ ने सहारा दिया।

लक्ष्मण के बाणों से बचने के लिए मेघनाथ महल में छिप गया। महल की संरचना के विषय में विभीषण ने लक्ष्मण को बताया। मेघनाथ का वध लक्ष्मण ने किया।अपने ज्येष्ठ पुत्र की मृत्यु से रावण एकदम टूट गया। विलाप करने लगा। मूर्च्छित हो गया। होश आया तो उसकी दशा पागलों जैसी थी। क्रोध से बिलबिलाता हुआ।

मेघनाथ के मारे जाने पर रावण ने स्वयं रणक्षेत्र में जाने का इरादा किया। हनुमान नेनिकुंभ, देवांतक और त्रिशिरा को मौत की नींद सुला दिया। अंगद ने नरांतक का काम तमाम कर दिया। लक्ष्मण ने अतिकाय का सिर काट डाला?

विभीषण को रावण के बाण से लक्ष्मण ने बचाया। विभीषण को रावण के बाण से बचाने के लिए लक्ष्मण विभीषण को पीछे करके स्वयं बाण के सामने आ गए। रावण का बाण लगने पर लक्ष्मण लक्ष्मण अचेत हो गए।

लक्ष्मण के अचेत होने पर राम की आँखें क्रोध से लाल हो गईं। आग बरसने लगी। उन्होंने लक्ष्मण को सुग्रीव की निगरानी में छोड़ा और रावण को चुनौती दी।

वैद्य सुषेण ने लक्ष्मण का उपचार किया। वैद्य सुषेण ने लक्ष्मण का उपचार संजीवनी बूटी से किया। लक्ष्मण के उपचार के हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आए।

रावण का अंत राम के द्वारा द्वारा हुआ। रावण के मरने पर विभीषण दुखी थे।रावण के मरने पर दुखी विभीषण को राम ने समझाया। रावण के मरने पर विभीषण लंका का राजा बना। सीता तक विजय का समाचार पहुँचाने के लिए हनुमान को भेजा गया।

सीता लंका विजय का समाचार सुनकर प्रसन्न हुईं। वे राम से मिलने के लिए अधीर थी। सीता आईं तो सबको अपनी कल्पनाओं से अधिक लगीं। सुंदर, सौम्य, शांत। उस सुंदरता में एक वर्ष बाद पति से मिलन की प्रसन्नता शामिल थी।

पाठ पर आधारित अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न :- सुग्रीव ने किस प्रकार वानर सेना को युद्ध के विषय में संबोधित किया?

उत्तर :- “युद्ध भयानक होगा। इसमें केवल वही सैनिक जाएँगे जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों। जो दुर्बल हैं, यहीं रुक जाएँ।”

प्रश्न :- वानरों की सेना का नेतृत्व कौन कर रहा था?

उत्तर :- नल।

प्रश्न :- सेना की रणनीति के अनुसार सेना के पीछे कौन चल रहा था?

उत्तर :- हनुमान और जामवंत।

प्रश्न :- वानर सेना ने कहाँ अपना डेरा डाला?

उत्तर :- महेंद्र पर्वत पर।

प्रश्न :- रावण को समझाने कौन गया?

उत्तर :- विभीषण।

प्रश्न :- विभीषण ने रावण को क्या समझाया?

उत्तर :- आप सीता को लौटा दें। सबका कल्याण इसी में है। सीता मिल जाएँगी तो वे आक्रमण नहीं करेंगे।

प्रश्न :- रावण ने विभीषण की बात सुनकर क्या किया?

उत्तर :- रावण विभीषण पर क्रोधित हो गया और उसे सभा से निकाल दिया?

प्रश्न :- रावण द्वारा सभा से निकाले जाने पर विभीषण किसके पास गए?

उत्तर :- राम के पास।

प्रश्न :- राम ने विभीषण के साथ क्या किया?

उत्तर :- राम ने बात सुनी और कहा, “हमें विभीषण को स्वीकार करना चाहिए। मैं शरण में आए व्यक्ति को कभी निराश नहीं करता। यह मेरी नीति है। विभीषण को आदर से अंदर लाइए।”

प्रश्न :- विभीषण ने राम को रावण के बारे में क्या-क्या बताया?

उत्तर :- उन्होंने लंका की बहुत सी जानकारी राम को दी। रावण और उसके योद्धाओं की शक्ति के बारे में बताया। कहा – “रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए बल और बुद्धि दोनों की आवश्यकता है।”

प्रश्न :- विभीषण की बात सुनकर राम ने क्या कहा?

उत्तर :- “विभीषण! तुम चिंता मत करो। राक्षस मारे जाएँगे। लंका की राजगद्दी तुम्हारी होगी। भविष्य तुम्हारा है।”

प्रश्न :- राम ने समुद्र पार करने के लिए पहले क्या किया?

उत्तर :- राम ने समुद्र से विनती की।

प्रश्न :- राम कितने दिन तक समुद्र से विनती करते रहे?

उत्तर :- तीन दिन।

प्रश्न :- राम के द्वारा विनती किए जाने पर समुद्र ने रास्ता नहीं दिया, तो राम ने क्या किया?

उत्तर :- राम क्रोध में आ गए।

प्रश्न :- राम को क्रोध में देखकर समुद्र ने राम को क्या सलाह दी?

उत्तर :- आपकी सेना में नल नाम का एक वानर है। वह पुल बना सकता है। उससे वानर सेना पार उतर जाएगी।

प्रश्न :- समुद्र पर पुल बनाने का काम किसे दिया गया?

उत्तर :- नल को।

प्रश्न :- कितने दिन में पल बनकर तैयार हो गया था?

उत्तर :- पाँच दिन में।

प्रश्न :- सबसे पहले किसने पुल पार किया?

उत्तर :- विभीषण ने।

प्रश्न :- समुद्र पर पुल बनने का समाचार सुनकर रावण को कैसा लगा?

उत्तर :- रावण क्रोध से चीख उठा। समुद्र पर पुल कैसे बन सकता है? इस समाचार से रावण को विस्मय हुआ। भय भी।

प्रश्न :- समुद्र पर पुल बनने का समाचार सुनकर रावण ने क्या किया?

उत्तर :- उसने आदेश दिया, “सेना तैयार की जाए। युद्ध का समय आ पहुँचा है।”

प्रश्न :- राम ने अपनी सेना को कितने भागों में विभक्त किया था?

उत्तर :- चार।

प्रश्न :- राम ने अपनी सेना को चार भागों में विभक्त क्यों किया था?

उत्तर :- लंका के चार द्वार थे। चौतरफ़ा आक्रमण होना था। हर टुकड़ी को एक द्वार सौंपा गया।

प्रश्न :- राम ने स्वयं लंका का निरीक्षण किस प्रकार किया?

उत्तर :- राम ने पर्वत शिखर पर चढ़कर स्वयं लंका का निरीक्षण किया।

प्रश्न :- राम लंका का वैभव देखकर कैसे हो गए?

उत्तर :- चकित।

प्रश्न :- राम ने अंतिम सुलह के लिए किसे दूत बनाकर लंका भेजा?

उत्तर :- अंगद को।

प्रश्न :- राम ने अंगद को दूत बनाकर लंका क्यों भेजा?

प्रश्न :- सुलह का अंतिम प्रयास के रूप में। ताकि युद्ध टल जाए। रावण से कहा कि सीता को लौटा दे। अन्यथा उसका अंत होगा।

प्रश्न :- रावण ने अंगद के मुख से राम संदेश सुनकर क्या किया?

उत्तर :- राम का संदेश सुनकर रावण क्रोधित हुआ।

प्रश्न :- रावण की सभा में राक्षसों के आक्रमण से बचने के लिए अंगद ने क्या किया?

उत्तर :- कुछ राक्षसों ने उन पर आक्रमण किया। अंगद वहाँ से बचकर राम के पास पहुँचे।

प्रश्न :- रावण के द्वारा सुलह का प्रस्ताव ठुकरा दिए जाने पर राम ने क्या किया?

उत्तर :- सेना को लंका पर आक्रमण का आदेश दे दिया।

प्रश्न :- रावण की सेना को मनोबल गिरने पर किसने मोर्चा संभाला?

उत्तर :- मेघनाथ ने।

प्रश्न :- मेघनाथ किस प्रकार युद्ध करता था?

उत्तर :- वह छिपकर युद्ध करता था। मायावी था। किसी को दिखाई नहीं पड़ता था। उसके बाण राम और लक्ष्मण को लगे। दोनों वहीं मूर्च्छित होकर गिर पड़े।

प्रश्न :- राम-लक्ष्मण की मूर्च्छा का उपचार किसने कराया?

उत्तर :- विभीषण ने।

प्रश्न :- रावण के कौन-कौन से महाबली मारे जाने पर स्वयं रावण ने कमान संभाली?

उत्तर :- धूम्राक्ष मारा गया। वज्रद्रष्ट धरती पर गिर पड़ा। अकंपन कुचल कर मर गया। प्रहस्त को नील ने ध्वस्त कर दिया। रावण को इसकी सूचनाएँ मिलती रहीं। वह घबरा गया। वह हड़बड़ाकर उठा और स्वयं कमान सँभाल ली।

प्रश्न :- पहली मुठभेड़ में रावण किस पर भरी पड़ा?

उत्तर :- लक्ष्मण पर।

प्रश्न :- किसके प्रहार से रावण का मुकुट धरती पर गिर पड़ा?

उत्तर :- राम।

प्रश्न :- मुकुट के धरती पर गिरने से रावण ने क्या किया?

उत्तर :- वह लज्जित होकर लौट गया।

प्रश्न :- राम की शक्ति का अनुमान होने पर रावण ने क्या किया?

उत्तर :- कुंभकर्ण को जगाया।

प्रश्न :- कुंभकर्ण कौन था?

उत्तर :- रावण का भाई।

प्रश्न :- कुंभकर्ण कितने महीने सोता था?

उत्तर :- छ्ह महीने।

प्रश्न :- कुंभकर्ण ने किसे घायल कर दिया था?

उत्तर :- हनुमान और अंगद को।

प्रश्न :- कुंभकर्ण को किसने मारा?

उत्तर :- दोनों भाइयों ने बाणों की वर्षा कर उसे मार दिया।

प्रश्न :- कुंभकर्ण के मरने का रावण पर क्या असर हुआ?

उत्तर :- रावण निराश हो गया। कुंभकर्ण पर उसे गर्व था। वह उसे अपना दाहिना हाथ मानता था। उसे लगा कि अब लंका में वीर नहीं हैं। वह अनाथ हो गई।

प्रश्न :- कुंभकर्ण के मरने पर रावण को किसने सहारा दिया?

उत्तर :- मेघनाथ ने।

प्रश्न :- लक्ष्मण के बाणों से बचने के लिए मेघनाथ कहाँ छिप गया?

उत्तर :- महल में।

प्रश्न :- महल की संरचना के विषय में किसने लक्ष्मण को बताया?

उत्तर :- विभीषण ने।

प्रश्न :- मेघनाथ का वध किसने किया?

उत्तर :- लक्ष्मण ने ।

प्रश्न :- मेघनाथ के मारे जाने पर रावण की क्या दशा हुई?

उत्तर :- अपने ज्येष्ठ पुत्र की मृत्यु से रावण एकदम टूट गया। विलाप करने लगा। मूर्च्छित हो गया। होश आया तो उसकी दशा पागलों जैसी थी। क्रोध से बिलबिलाता हुआ।

प्रश्न :- मेघनाथ के मारे जाने पर रावण ने क्या किया?

उत्तर :- उसने स्वयं रणक्षेत्र में जाने का इरादा किया।

प्रश्न :- किसने निकुंभ, देवांतक और त्रिशिरा को मौत की नींद सुला दिया?

उत्तर :- हनुमान ने।

प्रश्न :- किसने नरांतक का काम तमाम कर दिया?

उत्तर :- अंगद ने।

प्रश्न :- किसने अतिकाय का सिर काट डाला?

उत्तर :- लक्ष्मण ने।

प्रश्न :- विभीषण को रावण के बाण से किसने बचाया?

उत्तर :- लक्ष्मण ने।

प्रश्न :- विभीषण को रावण के बाण से बचाने के लिए लक्ष्मण ने क्या किया?

उत्तर :- विभीषण को पीछे करके स्वयं बाण के सामने आ गए।

प्रश्न :- रावण का बाण लगने पर लक्ष्मण की क्या दशा हुई?

उत्तर :- लक्ष्मण अचेत हो गए।

प्रश्न :- लक्ष्मण के अचेत होने पर राम ने क्या किया?

उत्तर :- राम ने यह देखा। उनकी आँखें क्रोध से लाल हो गईं। आग बरसने लगी। उन्होंने लक्ष्मण को सुग्रीव की निगरानी में छोड़ा और रावण को चुनौती दी।

प्रश्न :- किसने लक्ष्मण का उपचार किया?

उत्तर :- वैद्य सुषेण ने।

प्रश्न :- वैद्य सुषेण ने लक्ष्मण का उपचार कैसे किया?

उत्तर :- संजीवनी बूटी से।

प्रश्न :- लक्ष्मण के उपचार के कौन संजीवनी बूटी लेकर आया?

उत्तर :- हनुमान।

प्रश्न :- रावण का अंत किसके द्वारा हुआ?

उत्तर :- राम के द्वारा।

प्रश्न :- रावण के मरने पर कौन दुखी था?

उत्तर :- विभीषण।

प्रश्न :- रावण के मरने पर दुखी विभीषण को किसने समझाया?

उत्तर :- राम ने।

प्रश्न :- रावण के मरने पर कौन लंका का राजा बना?

उत्तर :- विभीषण।

प्रश्न :- सीता तक विजय का समाचार पहुँचाने के लिए किसे भेजा गया?

उत्तर :- हनुमान को।

प्रश्न :- लंका विजय का समाचार सुनकर सीता की कैसी दशा हुई?

उत्तर :- सीता लंका विजय का समाचार सुनकर प्रसन्न हुईं। वे राम से मिलने के लिए अधीर थी।

प्रश्न :- सीता को देखकर वानर सेना को कैसा लगा?

उत्तर :- सीता आईं तो सबको अपनी कल्पनाओं से अधिक लगीं। सुंदर, सौम्य, शांत। उस सुंदरता में एक वर्ष बाद पति से मिलन की प्रसन्नता शामिल थी।

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