कक्षा 9 » इस जल प्रलय में (रेणु)

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इस जल प्रलय में (प्रतिपाद्य)

‘इस जल प्रलय में’ ऋणजल-धनजल नाम से रेणु ने सूखा और बाढ़ पर कुछ अत्यंत मर्मस्पर्शी रिपोर्ताज लिखे हैं, जिसका एक सुंदर उदाहरण है इस जल प्रलय में। इस पाठ में उन्होंने सन् 1975 की पटना की प्रलयंकारी बाढ़ का अत्यंत रोमांचक वर्णन किया है, जिसके वे स्वयं भुक्तभोगी रहे। उस कठिन आपदा के समय की मानवीय विवशताऔर यातना को रेणु ने शब्दों के माध्यम से साकार किया है। उन्होंने ऋणजल-धनजल पुस्तक में कुत्ते की आवाज शीर्षक से पटना की बाढ़ का जो वर्णन किया है उसे जाबिर हुसैन ने संपादित कर साक्ष्य पत्रिका के ‘नदियों की आग’ विशेषांक में इस जल प्रलय में शीर्षक से संकलित किया है। प्रस्तुत पाठ वहीं से लिया गया है।

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इस जल प्रलय में (प्रश्न-उत्तर)

प्रश्न :- बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?

उत्तर :- बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपनी सुरक्षा के लिए अत्यावश्यक सामान को जुटाने में लग गए। उन्होंने ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कंपोज की गोलियाँ इकट्ठी कर लीं ताकि बाढ़ से घिर जाने पर कुछ दिनों तक गुजारा हो सके।

प्रश्न :- बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?

उत्तर :- लेखक उस क्षेत्र का निवासी था जहाँ बाढ़ से पीड़ित लोग शरण लेते थे। वह बाढ़ पीड़ितों की मदद कर चुका था। उसने बाढ़ तो देखी थी लेकिन बाढ़ में घिरने, बहने या भोगने का अनुभव नहीं किया था। वह का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए बेचैन था। वह अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए उत्सुक था।

प्रश्न :- सबकी जबान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’-इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?

उत्तर :- ‘पानी कहाँ तक आ गया है’ –  सब अपनी जबान से यही शब्द कह रहे थे। इससे जनसमूह की उत्सुकता, सुरक्षा तथा कौतुहल की भावना प्रकट होती है। सब लोग नया अनुभव करने को उत्सुक थे।

प्रश्न :- ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?

उत्तर :- बाढ़ को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा गया है क्योंकि ऐसा पानी जन-धन की अपार हानि करता है। गेरुआ-झाग-फेन वाला पानी जो मोटी डोरी की शक्ल में निरंतर बढ़ता आ रहा था। वह लोगों के मन में भय उत्पन्न कर रहा था और सब कुछ धीरे-धीरे डुबोता हुआ आ रहा था।

प्रश्न :- आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ़ से कुछ सुझाव दीजिए।

उत्तर :-

  • स्वयंसेवी संस्थाओं को उत्साहपूर्वक आपदा से निपटने के लिए आगे आना चाहिए।
  • सरकार को सभी प्रकार के संभावित खतरों से निपटने के लिए साधन तैयार रखने चाहिए।
  • सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के बीच गहरा तालमेल बिठाने के प्रयास होने चाहिए।
  • उत्साही लोगों को सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के योजनाबद्ध कार्य में जुड़कर सहयोग करना चाहिए।

प्रश्न :- ‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए—अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?

उत्तर :- ‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए—अब बूझो!’- यह कथन द्वारा लोगों की दूसरों को दुखी देखकर आनंदित होने की प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है। इसके द्वारा संकुचित, स्वार्थी मानसिकता, संवेदनहीनता की स्थिति पर चोट की गई है। एक समय जब दानापुर डूब रहा था तब पटना के लोगों ने उनकी मदद नहीं की थी। स्वयं बाढ़ में फँसे हैं तो बाढ़ की पीड़ा महसूस कर रहे हैं।

प्रश्न :- खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?

उत्तर :- लोग बाढ़ को देखने के लिए बहुत बड़ी संख्या में इकट्टे हो गए थे। खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक इसलिए बढ़ गई थी क्योंकि ऐसे समय में पान उनके लिए समय गुजारने का सबसे अच्छा साधन था।

प्रश्न :- जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?

उत्तर :- जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने सबसे पहले गैस के बारे में अपनी पत्नी से पूछा। उसने कोयला,  कैरोसीन आयल, आलू, प्याज, मोमबत्ती, माचिस, सिगरेट कांपोज की गोलियाँ आदि का प्रबंध किया। एक सप्ताह तक पढ़ने के लिए हिंदी, बाँग्ला और अंग्रेज़ी की फ़िल्मी पत्रिकाएँ खरीद ली ताकि बाढ़ के समय अपना समय बिता सके।

प्रश्न :- बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?

उत्तर :- बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में अकसर पकाही घाव हो जाता है। बाढ़ के गंदे-सड़े जल के कारण लोगों के पाँवों की ‘तियाँ सड़ जाती हैं और तलवों में घाव हो जाते हैं।

प्रश्न :- नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?

उत्तर :- कुत्ते ने ऐसा अपने मालिक के प्रति अगाध लगाव रखने की भावना के कारण किया। कुत्ता और नवयुवक एक-दूसरे से भावनात्मक संबंधों के अलावा मित्रता और सुख-दुख में साथ न छोड़ने के अलावा स्नेहपूर्ण संबंध रखते थे।

प्रश्न :- ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?

उत्तर :- यदि उसके पास मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर या कलम होती तो वह बाढ़ का निरीक्षण करने की बजाय उसका चित्रण करने में लग जाता। तब घटना को साक्षात भोगने का अवसर उसके हाथ से निकल जाता। लेखक बाढ़ के अनुभव को पूरी तरह जीना और भोगना चाहता है।

प्रश्न :- आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।

उत्तर :- जहाँ मिडिया समाज को जागृत करने का प्रयास करता वही कई बार समस्याओं को बढ़ा भी देता है । उदाहरण स्वरुप बाबरी मस्जिद काण्ड। इस घटना को इतना बढ़ा- चढ़ाकर मिडिया में दिखाया गया कि जिसके कारण पूरा देश सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आ गया। कई बार मीडिया लाइव प्रसारण के रूप में आतंकवादी घटना को दिखाता है जिसके कारण आतंकवादी संगठनो को हमारे वीर जवानों और सेना की गतिविधियों का पता चलता रहता है और वे भारतीय सेना एवं पुलिस के लिए खतरा बन सकते हैं।

प्रश्न :- अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- हमने जुलाई 2005 की एक आपदा के विषय में सुना है। पूरा मुंबई शहर बाढ़ में डूब गया था। उस समय जब वर्षा ने अपना जो प्रलयंकारी रूप धरा तो लगभग एक सप्ताह तकर जारी रहा। लोग दफ्तरों दुकानों और काम के स्थानों में फँसे के फँसे रह गए। बच्चे विद्यालय में बिना बिजली के पूरी रात काटने के लिए मजबूर हो गए। इस भयंकर त्रासदी में अनेक लोगों ने अपनी जान गंवाई और देश की इस आर्थिक राजधानी मुंबई को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा ।

टेस्ट/क्विज

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