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दो बैलों की कथा (प्रतिपाद्य)
यह कहानी दो बैलों हीरा और मोती की है। उनका मालिक झूरी नामक व्यक्ति होता है। हीरा और मोती को झूरी ने बड़े ही प्यार से पाला था। एक बार झूरी उन बैलों को अपने ससुराल गया के पास छोड़ देता है। हीरा और मोती को लगता है कि उनके मालिक ने उन्हें बेच दिया है इसलिए वे जल्दी से उसके चंगुल से छूट कर अपने घर जाना चाहते थे। रात को जब गया उन्हें चारा देके सो गया होता है तब से दोनों रस्सी तोड़ के झूरी के पास आ जाते है। उन्हें देख के झुरी बहुत खुश होता है लेकिन उसकी पत्नी को बहुत गुस्सा आता है और वह उन्हें कामचोर समझती है। दूसरी बार जब गया उन्हें फिर ले जाता है तो न तो वे ढंग से खाना खाते है और न ही हल चलाते हैं। उस घर में एक छोटी बच्ची जो उन्हें कुछ रोटियां खिलाती थी एक रात उनको खोल देती है ताकि वो दोनो उस कैद से भाग जाएं। वे दोनों काफ़ी देर दौड़ने के बाद एक अनजान जगह पहुंच जाते है। वहाँ मटर के खेत से हरे भरे मटर खाने लगते है। तभी कुछ लोग उन्हें घेर लेते है और कांझीहौस में कैद कर देते है। काफी दिन वहाँ भी अनेक यातनाओं को सहने के बाद उनको एक कसाई के हाथों बेच दिया जाता है। उसके साथ चलते चलते जब वे अपने घर के रास्ते को पहचान लेते है और अपने घर की राह पकड़ लेते हैं। रास्ते में एक साँड के द्वारा आक्रमण किए जाने पर दोनों डटकर उसका सामना करते हैं और उसे परास्त कर देते हैं। इसके बाद वे दौड़ते हुए झूरी के पास पहुंचते है। झूरी उनको देखकर बहुत खुश होता है और गाँव के बालक भी झूरी के प्रति उनके प्रेम की तारीफ करते हैं। उनको कामचोर मानने वाली झूरी की पत्नी भी उन्हें प्यार से चूम लेती हैं। कहानी के माध्यम से कई नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं। हमें अपने अधिकारों के लिए सदैव संघर्षरत रहना चाहिए। आज़ादी को पाने के लिए हमें बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए। समाज के संपन्न लोगों को भी आजादी की लड़ाई में योगदान देना चाहिए। विचारों की भिन्नता होते हुए भी हमें एक रहकर मुसीबतों का सामना करना चाहिए। स्त्रियों का सदैव सम्मान करना चाहिए।
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दो बैलों की कथा (प्रश्न-उत्तर)
प्रश्न 1. कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी?
उत्तर- कांजीहौस में आवारा पशुओं को कैद करके रखते हैं। कांजीहौस के मालिक का यह दायित्व होता था कि वह उन्हें कांजीहौस में सुरक्षित रखे तथा भागने न दे। इसलिए प्रतिदिन उनकी हाजिरी ली जाती होगी।
प्रश्न 2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?
उत्तर- छोटी बच्ची की माँ के मरने के बाद सौतेली माँ उसे मारती रहती थी। इधर गया बैलों को दिनभर खेत में जोतता, मारता-पीटता और शाम को सूखा भूसा डालता। बैलों के साथ अपने जैसा अन्याय होता देख बच्ची के मन में बैलों के प्रति प्रेम उमड़ आया।
प्रश्न 3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर- कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं
- हमें अपने अधिकारों के लिए सदैव संघर्षरत रहना चाहिए।
- आज़ादी को पाने के लिए हमें बड़े-से-बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए।
- समाज के संपन्न लोगों को भी आजादी की लड़ाई में योगदान देना चाहिए।
- विचारों की भिन्नता होते हुए भी हमें एक रहकर मुसीबतों का सामना करना चाहिए।
- स्त्रियों का सदैव सम्मान करना चाहिए।
प्रश्न 4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्ख’ प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर- लेखक ने ‘गधे’ का नए अर्थ ‘ऋषि-मुनि’ की ओर संकेत किया है।समाज में गधा ‘मूर्ख’ के अर्थ में रुढ़ हो गया है। लेखक ने इसे सही नहीं माना क्योंकि गधा अपने सीधेपन और सहनशीलता से किसी को हानि नहीं पहुँचाता है। गाय, कुत्ता और बैल जैसे जानवर कभी-कभी क्रोध कर देते हैं पर गधा ऐसा नहीं करता है। गुणों के विषय में वह ऋषियों-मुनियों से कम नहीं है।
प्रश्न 5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?
उत्तर- इस कहानी में अनेक घटनाएँ ऐसी हैं जिनसे पता चलता है कि मोती और हीरा में गहरी दोस्ती थी।
- दोनों एक-साथ गाड़ी में जोते जाते थे तो यह कोशिश करते थे कि गाड़ी का अधिक भार दूसरे साथी के कंधे पर न आकर उसके अपने कंधे पर आए।
- गया ने हीरा के नाक पर डंडा मारा तो मोती से सहा न गया।
- जब उनके सामने विशालकाय साँड आ खड़ा हुआ तो उन्होंने योजनापूर्वक एक-दूसरे का साथ देते हुए उसका मुकाबला किया।
- मोती मटर के खेत में मटर खाते-खाते पकड़ा गया। हीरा उसे अकेला विपत्ति में देखकर वापस आ गया।
प्रश्न 6. लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’-हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- हीरा के इस कथन के माध्यम से पता चलता है कि प्रेमचंद स्त्री जाति के प्रति सम्मान का भाव रखते थे। नारी त्याग, दया, ममता, सहनशीलता का जीता जागता उदाहरण है। इस कथन के माध्यम से लेखक का आशय यह भी है कि जब पशु भी नारी जाति का सम्मान करते हैं तो मनुष्य को नारी जाति का सम्मान हर स्थिति में करना चाहिए।
प्रश्न 7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है ?
उत्तर- किसान जीवन वाले समाज में वे पशुओं को घर के सदस्य की तरह मानते हैं। पशु भी अपने स्वामी के लिए जी-जान देने को तैयार रहे हैं। झूरी हीरा और मोती को अपने बच्चों की तरह प्रेम करता था। वह उन्हें अपनी आँखों से दूर नहीं करना चाहता था। जब हीरा-मोती गया के पास से भागकर वापिस लौटते हैं तो उसका हृदय आनंद से भर जाता है। इससे पता चलता है कि किसान अपने पशुओं के साथ मानवीय व्यवहार करते हैं।
प्रश्न 8. इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’-मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- मोती के इस कथन से पता चलता है कि वह परोपकारी है। वह बाड़े की कच्ची दीवार को तोड़कर नौ-दस प्राणियों को भगाता है ताकि उनकी जान बच जाए।
मोती सच्चा मित्र भी है। वह कांजीहौस में हीरा को अकेला छोड़कर नहीं जाता है। वह आशावादी भी है। उसे विश्वास है कि ईश्वर उनकी जान अवश्य बचाएँगे।
प्रश्न 9. आशय स्पष्ट कीजिए
(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
आशय – हीरा और मोती बिना कोई वचन कहे एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। प्रायः वे एक-दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे। इसी संदर्भ में लेखक ने यह बात कही है कि मनुष्य स्वयं को सब प्राणियों से श्रेष्ठ मानता है किंतु उसमें भी यह शक्ति नहीं होती।
(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
आशय – गया ने हीरा और मोती के साथ अपमानपूर्ण व्यवहार किया था। इसलिए वे क्षुब्ध थे। परंतु तभी एक छोटी बच्ची ने आकर उन्हें एक रोटी खिला दी। उस रोटी से उनका पेट तो नहीं भर सकता था। परंतु उसे खाकर उनका हृदय जरूर तृप्त हो गया। उन्होंने बालिका के प्रेम का अनुभव कर लिया और प्रसन्न हो उठे।
प्रश्न 10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-
(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।
(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।
(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।
(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।
(सही उत्तर के आगे (✓) का निराश लगाइए।)
उत्तर-(ग) वह हीरा-मोती के व्यवहार से दुखी था।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 11. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर- हीरा और मोती हर शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाते रहे। उन्होंने झूरी के साले गया का विरोध किया तो सूखी रोटियाँ और मार खाई। फिर कॉजीहौस में अन्याय का विरोध किया तो बंधन में पड़े और भूखे रहना पड़ा।
हमारा विचार है कि हीरा और मोती का यह कदम बिल्कुल ठीक था। यदि वे कोई प्रतिक्रिया न करते तो उनका खूब शोषण होता। परंतु अपना विद्रोह प्रकट करके उन्होंने मालिक को सावधान कर दिया कि उनका अधिक शोषण नहीं किया जा सकता। मार खाने के बदले उन्होंने मालिक के मन में भय तो उत्पन्न कर ही दिया।
प्रश्न 12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
उत्तर- हाँ, यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है। हीरा-मोती ने मुक्ति पाने के लिए अनेक प्रकार की कठिनाइयाँ सहीं और अंततः अपने घर वापस आ गए।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 13. बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।
‘ही’, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर जोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर-
ही-
- दोनों साथ उठते, साथ नाँद में मुँह डालते और रथ ही बैठते थे।
- एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।
- ज्यादा-से-ज्यादा मेरी ही गरदन पर रहे।
- यही उनका आधार था।
- कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है।
भी-
- कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है।
- उसके चेहरे पर असंतोष की छाया भी न दिखाई देती।
- गधे का एक छोटा भाई और भी है।
- एक मुँह हटाता तो दूसरा भी हटा लेता था।
- कभी-कभी अड़ियल बैल भी देखने में आता है।
प्रश्न 14. रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-
(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
वाक्य भेद – मिश्र वाक्य।
उपवाक्य – अधमरे से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।
उपवाक्य भेद – संज्ञा उपवाक्य
(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।
वाक्य भेद – मिश्रवाक्य।
उपवाक्य – जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर।
उपवाक्य भेद – विशेषण उपवाक्य।
(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।
वाक्य भेद – मिश्रवाक्य।
उपवाक्य – गया के घर से नाहक भागे।
उपवाक्य भेद – संज्ञा उपवाक्य।
(घ) मैं बेचूंगा, तो बिकेंगे।
वाक्यभेद – मिश्रवाक्य।
उपवाक्य – तो बिकेंगे।
उपवाक्य भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य।
(ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।
वाक्य भेद – मिश्रवाक्य।
उपवाक्य – तो बे मारे ने छोड़ता।
उपवाक्य भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य।
प्रश्न 15. कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर-
मुहावरा – जी तोड़ काम करना
वाक्य- श्रमिक जी तोड़कर काम करते हैं।
मुहावरा – गम खा जाना
वाक्य – मेरी माँ इतनी स्वाभिमानी है किवे गम खा जाती है।
मुहावरा – ईंट का जवाब पत्थर से देना
वाक्य – भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध में ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
मुहावरा – दाँतों पसीना आना
वाक्य – चोर को पकड़ने के लिए पुलिस को दाँतों पसीना आगया।
मुहावरा – कसर उठाना
वाक्य- अध्यापक के कहने पर छात्र कार्य कर देते हैं कोई कसर नहीं उठा रखते।
क्विज/टेस्ट
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