हिन्दी साहित्य का इतिहास » आदिकाल

आदिकालीन नाथ साहित्य

  1. नाथों की संख्या 9 मानी जाती है।
  2. गोरक्षसिद्धांत (संपादक – गोपीनाथ कविराज) में नवनाथ गिनाए हैं ’
    • नागार्जुन
    • जडभरत
    • हरिश्चंद्र
    • सत्यनाथ
    • भीमनाथ
    • गोरक्षनाथ
    • चर्पट
    • जलंधर
    • मलयार्जुन
  3. नाथ साहित्य के प्रारंभकर्ता गोरखनाथ हैं।
    • राहुल व हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार गोरखनाथ का समय 10 वीं सदी का है।
    • शुक्ल के अनुसाद गोरखनाथ का समय 13 वीं सदी का है।
    • हजारी प्रदास द्विवेदी के अनुसार – ‘गोरखनाथ अपने युग के सबसे बड़े नेता हैं’
    • गोरखनाथ के गुरू थे – मछंदरनाथ (मत्स्येन्द्रनाथ)। जो एक सिद्ध थे।
    • गोरखनाथ ने पतंजलि के योग को आधार बनाकर ‘हठयोग’ का प्रवर्तन किया।
    • गोरखनाथ वज्रयान संप्रदाय में दीक्षित थे।
    • शुक्ल के अनुसार गोरखनाथ की 10 रचनाएॅ हैं।
    • डॉ- पीतांबर दत्त बडथ्वाल ने गोरखनाथ की 40 रचनाएॅं मानी हैं। जिनमें प्रमुख हैं – सबदी, पद, प्राणसंकल
      संस्कृत पुस्तकें – सिद्ध-सिद्धांत पद्धति, विवेक मार्तंड, शक्ति-संगम-तंत्र, निरंजन पुराण, वैराट पुराण
    • डॉ- पीतांबर दत्त बडथ्वाल ने सर्वप्रथम गोरखनाथ की बानियों का संग्रह ‘गोरखबानी’ (1930) नाम से छपवाया।
    • गोरखनाथ की महत्वपूर्ण पंक्तियॉं –
      1. जोइ-जोइ पिण्डे सोई ब्रह्मण्डे
      2. गोरख जगायो जोग, भगति भगायो लोग – (तुलसीदास ने कहा)
आदिकालीन अन्य तथ्य
1. आदिकाल का नामकरण 2. पुरानी हिन्दी/पहला कवि
3. प्राकृत/अपभ्रंश साहित्य 4. आदिकाल सिद्ध साहित्य
5. आदिकाल नाथ साहित्य 6. आदिकाल जैन साहित्य
7. आदिकाल रासो साहित्य 8. आदिकाल लोक साहित्य
9. गद्य साहित्य तथा अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

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