आदिकालीन लौकिक साहित्य
लेखक | समय | रचना |
कल्लोल कवि (कुशललाभ) |
(1) ढोला मारू रा दूहा-(पुरानी राजस्थानी) – छंद दोहा यह शंृगार ग्रंथ है।कुछ लोग इसे आदि का की समय सीमा 11 वीं सदी में रचित मानते हैं, कुछ भक्तिकाल में।इसमें नरवर देश के राजकुमार ढोला (दूल्हा) और पूगल देश की राजकुमारी मारवाणी के विवाहोत्तर प्रेम व विरह की कथा है। | |
अज्ञात | (1) बसंत विलास – 84 दोहों में प्रकृति और नारी पर बंसत के मादक प्रभाव का मनोहारी चित्रण है।सर्वप्रथम 1952 में हाजी मुहम्मद स्मारक से प्रकाशित। प्रथम संपादक – केशवलाल हर्षदराय | |
भट्ट केदार | (1) जयचंद प्रकाश – रचना अप्राप्त हैं। इसका उल्लेख सिंघायच दयाल दास कृत ‘राठौडा री ख्यात’ मे है। इसमें पृथ्वीराज के शत्रु राजा जयचंद की महिमा का वर्णन है। | |
मधुकर कवि | (1) जयमयंक जसचंद्रिका – रचना अप्राप्त हैं। इसका उल्लेख सिंघायच दयाल दास कृत ‘राठौडा री ख्यात’ मे है। इसमें पृथ्वीराज के शत्रु राजा जयचंद की महिमा का वर्णन है। | |
अमीर खुसरो
ये खड़ी बोली हिंदी के प्रथम कवि है। अमीर खुसरो के गुरू निजामुद्दीन ओलिया थे अमीर खुसरो ने फारसी और खड़ी बोली दोनों में रचना की। |
1253-1325 | (1) खालिकबारी
(2) पहेलियॉं (3) मुकरिया (4) गजल (5) दो सुखने
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विद्यापति
विद्यापति का जन्म – मिथिला के जिला दरभंगा (गॉव बिपसी) ये तिरहत के राजा शिवसिंह के आश्रय में रहे।इन्होंने जयदेव व चंडीदास की परंपरा में राधा-कृष्ण प्रेम की सरस अवतारणा की। |
1360-1448 | (1) कीर्तिलता (देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश)
‘‘बालचंद विज्जवाई भाषा। दुहु नहिं लग्गइ दुज्जन हासा।।’’ (2) कीर्तिपताका (देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश) (3) पदावली (मैथिली) (4) लिखनावली (मैथिली) (5) शैवसर्वस्वर (संस्कृत) (6) गंगावाक्यावली (संस्कृत) (7) भूपरिक्रमा (संस्कृत) (8) पुरूषपरीक्षा (संस्कृत) (9) विभागसार (संस्कृत) (10) गोरक्षविजय (नाटक, संस्कृत) |