हिन्दी साहित्य का इतिहास » आदिकाल

आदिकालीन गद्य साहित्य

लेखक समय रचना
रोडा कवि   राउलवेल (अपभ्रंश) – यह शिलांकित कृति है। यह चंपूकाव्य की प्राचीनतम हिंदी कृति है। इसमें राउल नायिका का नखशिख-वर्णन किया गया है।यह हिंदी का पहला नखशिख वर्णन का काव्य है।इसका पाठ बंबई के प्रिंस ऑफ वेल्स स्रंग्रहालय से उपलब्ध कराकर प्रकाशित कराया गया है।
दामोदर भट्ट (शर्मा)   उक्तिव्यक्ति प्रकरण –(कोसली/अवधी, सुनीति कुमार चटर्जी के अनुसार)
ज्योतिरीश्वर ठाकुर   वर्णरत्नाकर (मैथिली) -यह मैथिली की पहली गद्य रचना है। यह आठ कल्लोलों या अध्यायों मे विभक्त है।

अन्य तथ्य

  1. प्राकृतप्रकाश के रचनाकार वररूचि है।
  2. आंदाल के अधिकतर पद द्राविड भाषा में हैं।
  3. महानुभाव पंथ महाराष्ट्र में विकसित हुआ।
  4. ज्ञानेश्वर और नामदेव वारकारी संप्रदाय से संबंधित थे।
  5. ज्ञानभद्र सूरि की रचना है – बाहुबलिरास (1184 ई-)
  6. आशाधर पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि थे।
  7. कृष्ण कीर्तन काव्य चंडीदास ने लिखा।
  8. रामरासो के रचनाकार -माधवदास हैं।
  9. भरतमुनि का समय है – विक्रम तीसरी शती।

 

आदिकालीन अन्य तथ्य
1. आदिकाल का नामकरण 2. पुरानी हिन्दी/पहला कवि
3. प्राकृत/अपभ्रंश साहित्य 4. आदिकाल सिद्ध साहित्य
5. आदिकाल नाथ साहित्य 6. आदिकाल जैन साहित्य
7. आदिकाल रासो साहित्य 8. आदिकाल लोक साहित्य
9. गद्य साहित्य तथा अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

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