छायावाद
छायावाद से संबन्धित महत्वपूर्ण बिन्दु |
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जयशंकर प्रसाद
(30-01-1890 से 14-01-1937) |
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काव्य | प्रेमपथिक (1909 ब्रज तथा 1914 खड़ीबोली), कानन कुसुम (1912 खड़ी बोली), चित्रधार (1918, ब्रजनाथ प्रथम इसमें 10 ग्रंथ यह प्रसाद का पहला काव्य संग्रह है), करूणालय, महाराणा का महत्व, झरना (1918), ऑंसू (1925, इसका दूसरा संस्मरणकरण कुछ परिवर्धन के साथ 1933 में निकला। आँसू को कुछ लोग खंडकाव्य कहते हैं, परन्तु वास्तव में यह एक लम्बा गीत है। यह मानवीय विरह का काव्य है। इसमें सखी छंद का प्रयोग किया गया।), लहर (1935, यह श्रेष्ठ प्रगीतों का संकलन है, शेरसिंह का शस्त्र संमर्पण, पेशोला की प्रतिध्वनि, प्रलय की छाया और अशोक की चिंता ये सभी लहर में संकलित हैं।), कामायनी (1937, 15 सर्ग) कामायनी पर नन्ददुलारे वाजपेयी ने ‘जयशंकर प्रसाद’, मुक्तिबोध ने ‘कामायनी: एक पुनर्विचार’, रामस्वरूप चतुर्वेदी ने ‘कामायनी: एक पुनर्मूल्यांकन’ समीक्षात्मक कृतिया लिखीं। कामायनी पर मंगला प्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ। |
नाटक | करूणालय (हिंदी का पहला काव्यनाटक), राज्यश्री, सज्जन, कल्याणी-परिणय, प्रायश्चित, विशाख, अजातशत्रु (1922), कामना (अन्यापेदशिक नाटक या महानाटक), जनमेजय का नागयज्ञ, स्कंदगुप्त (1928), चंद्रगुप्त (1931), चार अंक, ध्रुवस्वामिनी (1933), एक घॅूंट (हिंदी का पहला एकांकी) अग्निमित्र (1980) |
उपन्यास | कंकाल (1929, पात्र-निरंजन, वाद्यम-धार्मिक विसंगति और वासना), तितली (1934 पात्र मधुआ, इंद्रदेव शैला, नंदरानी), इरावती (अपूर्ण,1940) |
कहानी संग्रह | छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, ऑंधी, इंद्रधनुष |
कहानियॉं | ग्राम(1911, प्रसाद की पहली कहानी), पुरस्कार, आकाशदीप, कछुआ, गुंडा, सालवती, देवदासी, रसिया बालम, ममता, आँधी, इंद्रजाल |
निबंध-संग्रह | काव्य और कला तथा अन्य निबंध(1939) |
संपादन | इंदु (काशी) |
जयशंकर प्रसाद विशेष
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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ 21 फरवरी 1899 मैदिनीपुर, पश्चिम बंगाल 15 अक्टूबर 1961 इलाहाबाद उत्तर प्रदेश |
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काव्य-संग्रह | अनामिका (1923 प्राचीन), परिमल(1929), गीतिका(1936), तुलसीदास(1938), अनामिका (1938 नवीन), कुकुरमुता(1942), अणिमा(1943), बेला(1946), नये पत्ते(1946), अर्चना(1950), आराधाना(1953), गीतकुंज(1954), सांध्यकाकली(1969) |
कविताएॅं | जूही की कली (1916 परिमल काव्य-संग्रह में) (यह इनकी पहली कविता है।), विधवा (1919) परिमल में संकलित, बादल राग (1920) परिमल में संकलित, भिक्षुक (1921) परिमल में संकलित, सरोज स्मृति (1935), स्नेह निर्झर बह गया, मैंने मैं शैली अपनाई |
उपन्यास | अप्सरा(1931), अलका(1933), प्रभावती(1936), निरूपमा(1937), चोटी की पकड़(1946), काले कारनामे(1950) |
कहानी संग्रह | लिली, चतुरी चमार |
कहानियॉं | लिली(1930), सुकुल की बीबी(1941) |
निबंध-संग्रह | प्रबंध प्रतिमा, प्रबंध पद्म, चयन, चाबुक |
जीवनी | कुल्लीभाट (अज्ञेय पर, 1939), बिल्लेसुर बकरिहा (अज्ञेय पर, 1942) |
संस्मरण | कुल्लीभाट (अज्ञेय पर, 1939), बिल्लेसुर बकरिहा (अज्ञेय पर, 1942) |
आलोचना | रवींद्र कविता कानन, पंत और पल्लव(1928) |
संपादन | मतवाला, समन्वय |
निराला विशेष
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सुमित्रनंदन पंत (गौंसाई दत्त) (20 मई 1900 – 28 सितंबर 1977) |
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काव्य-संग्रह | उच्छवास, पल्लव(1926), वीणा(1927), ग्रंथि(1929), गुंजन(1932), युगांत(1933), युगांतर, युगवाणी(1939), ग्राम्या(1940), स्वर्ण किरण(1947), स्वर्ण धूलि(1947), युगपथ(1949 संग्रह, उत्तरा(1949), अणिमा(1955), वाणी(1958), पतझर, कला ओर बूढ़ा चॉंद(1959), चिदंबरा(संग्रह), लोकायतन(1964 महाकाव्य), सत्यकाम(1975), मुक्तियज्ञ, तारापथ, मानसी, अवगुंठित, मेघनाद वध, स्वच्छंद(2000, संग्रह), मधुज्वाल (उमर खैयाम की रूबाइयों का फारसी से हिंदी में अनुवाद), खादी के फूल (बच्चन के साथ संयुक्त संग्रह) |
कविताएॅं- | गिरजे का घंटा(1916 मे पंत की पहली कविता), उच्छ्वास, आँसू की बालिका, पर्वत प्रदेश में पावस, बादल, छाया, परिवर्तन, एक तारा, संध्या के बाद, नौकाविहार, ताज, मधुस्मिति, भावी पत्नी के प्रति, अनंग, चाँदनी, अप्सरा, वे आँखें (प्रगतिशील कविता) |
नाटक | रजत शिखर(1932 काव्य नाटक), ज्योत्स्ना(1934 काव्य नाटक ), शिल्पी(1952 काव्य नाटक), सौवर्ण (काव्य नाटक) |
उपन्यास | हार (1960) |
आत्मकथा | साठ वर्ष एक रेखांकन(1960) |
आलोचना | गद्यपथ(1953), छायावादः पुनर्मूल्यांकन(1955) शिल्प और दर्शन(1961) |
संपादन | हिमालय, बालक मतवाला, रूपाभ (1938) |
सुमित्रानन्दन पंत विशेष
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महादेवी वर्मा 26 मार्च 1907 – 11 सितंबर 1987 |
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काव्य-संग्रह | नीहार(1930), रश्मि(1932), नीरजा(1934), सांध्यगीत(1936), यामा(1940, चारोें का संग्रह), दीपशिखा(1942), हिमालय(1963 रेखाचित्र, संस्मरणमरण और निबंधों का संग्रह), प्रथम आयाम (1980), दीपगीत (1983), नीलाम्बरा (1983), आत्मिका (1983), अग्निरेखा (1988), सप्तवर्णा, परिक्रमा, संधिनी |
निबंध-संग्रह | शृंखला की कड़ियॉं(1942), आपदा, विवेचनात्मक गद्य(1942), साहित्यकार की आस्था और अन्य निबंध(1962), संकल्पिता (1969), भारतीय संस्कृति के स्वर |
निबंध | क्षणदा (1950 ललित निबंध) |
कहानी संग्रह | गिल्लू |
संस्मरण | अतीत के चलचित्र(1941), स्मृति की रेखाएॅं(1943), स्मरिका |
रेखाचित्र | पथ के साथी(1956), मेरा परिवार(1972) |
आलोचना | साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंधा (1962,संपादक गंगा प्रसाद पांडेय) |
संपादन | चॉंद (प्रयाग), साहित्यकार (मासिक) |
विश्वंभरनाथ कौशिक | |
नाटक | भीष्म |
उपन्यास | भिखारिणी(1929), मॉं(1929) |
कहानी संग्रह | चित्र”ााला, मणिमाला, कल्पमंदिर, कल्लोल |
कहानियॉं | रक्षाबंधन (1916, सरस्वती में छपी), ताई, पगली, उद्धार |
पाण्डेय बेचैन शर्मा उग्र | |
नाटक | गंगा का बेटा, माधाव महाराज, महात्मा ईसा, चार बेचारे (एंकाकी नाटक संग्रह), ध्रवधारण (खंड काव्य) |
उपन्यास | चंद हसीनों के खतूत (1927, पत्रात्मक शैली का पहला उपन्यास), दिल्ली का दलाल(1927), बुधुआ की बेटी या मनुष्यानंद (1928 पात्र-बुधुआ, रधिया, अघोरी, मनुष्यानंद), शराबी (1930), घंटा, सरकार तुम्हारी ऑंखों में, कढ़ी में कोयला, फागुन के चार दिन, जीजी जी |
कहानी संग्रह | चिनगारियॉं, शैतान मंडली, इंद्रधानुष, चाकलेट, दोजख की आग, निर्लज्जा पंजाब की महारानी, रेशमी पोली इमारत, चित्र-विचित्र, कंचन की माया काल कोठरी, ऐसी होली खेलो लला, कला का पुरस्कार |
कहानियॉं | देशभक्त, बलात्कार, उसी मां, शाप, कला का पुरस्कार, जल्लाद |
आत्मकथा | अपनी खबर |
ऋषभचरण जैन | |
उपन्यास | भाई, मंदिरदीप, सत्याग्रह, दिल्ली का कलंक, दिल्ली का व्याभिचार, वेश्यापुत्र, रहस्यमयी |
राधिकारमण प्रसाद सिंह | |
नाटक | धर्म की धुरी, अपना पराया |
उपन्यास | नव जीवन वा प्रेमलहरी, पुरूष और नारी(1934), राम-रहीम(1936), सूरदास, संस्मरणकार, पूरब और पश्चिम |
कहानियॉं | दरिद्रनारायण, पैसे की घुघनी |
संस्मरण | मौलवी साहब, देवी बाबा |
चतुरसेन शास्त्री (ऐतिहासिक उपन्यासकार) | |
नाटक | उत्सर्ग, अमर राठौर, मेघनाद, श्रीराम, अजीत सिंह, पग धवनि, छत्रसाल, गांधारी, शशि गुप्त, संतोष कहॉं |
उपन्यास | वैशाली की नगरवधू (दो भाग, पात्रःअंबपाली, बिम्बसार, साम, बुद्ध), वयं रक्षामः, सोमनाथ, आलमगीर, गोली, सोना ओर खून, धार्मपुत्र, मोती, हृद्य की परख(1918), अमर अभिलाषा (1932), बहते ऑंसू, हृद्य की प्यास (1932), आत्मदाह(1937), पत्थर युग के दो बुत (1960, बंबई के नानावती कांड पर), |
कहानियॉं | अंबपालिका, प्रबुद्ध, भिक्षुराज, बावर्चिन, हल्दीघाटी में, बाणवधू, दुखवा मैं कासो कहॅूं मोरी सजनी |
आत्मकथा | यादों की परछाइयॉं, मेरी आत्मकहानी |
गद्यकाव्य | मरी खाल की हाय, जवाहर |
सियाराम शरण गुप्त 4 सितम्बर 1895 –29 मार्च 1963 |
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काव्य-संग्रह | मौर्य विजय(1914), अनाथ(खंड काव्य), दूर्वादल, (खंड काव्य), विषाद(खंड काव्य),, आद्रा(खंड काव्य), आत्मोत्सर्ग, पाथेय, मृण्मयी, बापू(खंड काव्य), उन्मुख, दैनिकी, नकुल, नोआखली, गोपिका(खंड काव्य), सुनंदा(खंड काव्य), उन्मुक्त (नाट्यकाव्य), कृष्णा (काव्य), गीता संवाद(अनूदित), अनुरूपा, अमृत पुत्र, जय हिंद |
कविताएॅं | एक फूल की चाह (लंबी कविता) |
नाटक | पुण्य पर्व(1933) |
उपन्यास | गोद, अंतिम आकांक्षा, नारी |
कहानी संग्रह | मानुसी |
निबंध-संग्रह | झूठा सच |
रामकुमार वर्मा 11 जून 1905 |
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काव्य-संग्रह | रूपराशि, निशीथ, चित्ररेखा, आकाशगंगा, अंजलि, चंद्रकिरण, एकलव्य (प्रबंध), उत्तर रामायण (प्रबंध) |
नाटक | बादल की मृत्यु (आधुनिक ढंग की पहली एकांकी), कौमुदी महोत्सव, विजय पर्व, अशोक का शोक, नीहर की ज्योति, नाना फड़नवीस, महाराणा प्रताप, जय आदित्य, जय बांग्ला, पृथ्वी का स्वर्ग, संत तुलसीदास, समुद्रगुप्त पराक्रमांक, भगवान बुद्ध, अहिल्याबाई, स्वयंवरा, अनुशासन पर्व, सम्राट कनिष्क, कुंती का परिताप, सरजा वाजी, कर्मवीर कर्ण, जग बंग्ला |
एकांकी | पृथ्वीराज की ऑंखें, औरंगजेब की आखिरी रात, रेशमी टाई, चारी मित्र, विभूति, सप्तकिरण, रूपरंग, रजत रश्मि, दीपदान, ऋतुराज, रिमझिम, इंद्रधानुष, पांचजन्य, कौमुदी महोत्सव, मयुरपंख, जूही के फूल |
निबंध-संग्रह | कबीर का रहस्यवाद, साहित्य समालोचना |
आलोचना | साहित्य समालोचना, कबीर का रहस्यवाद, हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास |
जगदीश चंद्र माथुर (1917 – 1978) |
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नाटक | कोणार्क, शारदीया, पहला राजा, दशरथनंदन, रघुकुल रीति, कुॅंवरसिंह की टेक |
एकांकी | भोर का तारा, खंडहर, घोंसले, ओ मेरे मन |
संस्मरण | दस तस्वीर |
भगवती चरण वर्मा सामाजिक यथार्थवादी उपन्यासकार |
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नाटक | कर्ण, सबसे बड़ा आदमी (एकांकी), रूप्या तुम्हें खा गया, वसीयत (एकांकी), तारा (काव्यनाटक), शक्ति (काव्यनाटक), द्रोपदी (काव्यनाटक), महाकाल (काव्यनाटक) |
उपन्यास | चित्रलेखा(1934, पाप और पुण्य की समस्या, पात्र-कुमारगिरि, चाणक्य, बीजगुप्त, चित्रलेखा, चंद्रगुप्त), पतन, धुप्पल (आत्मकथात्मक), तीन वर्ष (1937), टेढे मेढे रास्ते, भूले बिसरे चित्र, सामर्थ्य और सीमा, रेखा, सीधी सच्ची बातें, सबहिं नचावत राम गोसाई, प्रश्न और मरीचिका, आखिरी दॉंव, युवराज चूण्डा, चाणक्य, अपने खिलौने |
कहानियॉं | दो बॉंके, मुगलों ने सल्तनत बख्श दी, इंस्टालमेंट, प्रायश्चित, राख और चिंगारी, प्रजेंट्स |
भुवनेश्वर प्रसाद | |
नाटक | ऊसर(1938, एकांकी हास्य नाटक), तॉंबे के कीड़े(1946 एकांकी हास्य नाटक), कारवां (एकांकी हास्य नाटक संकलन), स्ट्राइक (एकांकी), आजादी की नींद (एकांकी), सिकंदर (एकांकी) |
कहानियॉं | सूर्यपूजा, भेड़िये |
सुदर्शन | |
नाटक | ऑनरेरी मजिस्ट्रेट(1927), एकांकी–माई हेड(1926) |
कहानी संग्रह | सुदर्शन सुधा, तीर्थ यात्रा, पुष्पलता, गल्पमंजरी, सुप्रभात, परिवर्तन, पनघट |
कहानियॉं | हार की जीत, कवि की स्त्री, एंथेस का सत्यार्थी, कमला की बेटी |
लक्ष्मणसिंह चौहान | |
नाटक | कुली प्रथा(1913), गुलामी का नशा(1924), उत्सर्ग, एक ही समाधि |
उपेंद्रनाथ अश्क
सामाजिक यथार्थवादी उपन्यासकार |
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काव्य-संग्रह | चॉंदनी रात, अजगर |
नाटक | जय पराजय, अंधीगली, उड़ान, छटा बेटा, पैंतरे, कैद, अलग अलग रास्ते, बड़े खिलाड़ी, अंजोदीदी, तफ़ूान से पहले, स्वर्ग की झलक, पड़ोसिन का कोट, भॅंवर, आपस का समझौता, पर्दा उठाओ, लौटता हुआ दिन, लक्ष्मी का स्वागत, देवताओं की छाया में, चरवाहे, पक्का गाना, तौलिए, परदा उठाओ परदा गिराओ, साहब को जुकाम है, पच्चीस श्रेष्ठ एकांकी (संग्रह), पायी, सूखी डाली, जोंक, आपस का समझौता, विवाह के दिन |
निबंध-संग्रह | मंटो मेरा दुश्मन |
उपन्यास | सितारों के खेल, गिरती दीवारें (1947 पात्र चेतन), गर्म राख, बड़ी बड़ी ऑंखें, पत्थर अल पत्थर, निमिषा, शहर में घूमता आईना, एक नन्हीं कन्दील, बॉंधों न नाव इस ठॉंव (दो भाग 1974), पलटती धारा |
कहानियॉं | गोखरू, अंकुर, चट्टान, डाची, पिंजरा, मेमने, काले साहब, कैप्टेन रशीद, टेबुल लैंड, जादुई शासन की गति (संग्रह), कांगडा का तेली |
रिपोर्ताज | रेखायें और चित्र, पहाडों में प्रेममय संगीत |
संस्मरण | रेखाएँ औैर चित्र, मंटो मेरा दुश्मन, ज्यादा अपनी कम परायी |
बाबू गुलाबराय | |
निबंध-संग्रह | ठलुआ क्लब, फिर निराशा क्यों, मेरी असफलताएँ, कुछ उथले कुछ गहरे, मन की बातें, मेरे निबंध |
आत्मकथा | मेरी असफलताएँ |
आलोचना | सिद्धांत और अध्ययन, काव्य के रूप, अध्ययन और आस्वाद, नवरस |
रायकृष्णदास | |
कृतियाँ | साधना, प्रवाल, छायापथ |
शिवपूजन सहाय (भोलानाथ) (1893 से 1963) |
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निबंध-संग्रह | कुछ |
उपन्यास | देहाती दुनिया (1926), ग्राम सुधार, वे दिन वे लोग, स्मृतिशेष |
आत्मकथा | मेरा जीवन |
रेखाचित्र | वे दिन वे लोग |
संपादन | हिमालय, बालक मतवाला, रूपाभ |
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी | |
निबंध-संग्रह | पंचपात्र, निबंध– क्या लिखू |
विश्वनाथ प्रसाद मिश्र | |
आत्मकथा | मेरी अपनी कथा |
आलोचना | बिहारी की वाग्विभूति, वाड-मय विमर्श , हिंदी का समसामयिक साहित्य, हिंदी नाट्य साहित्य का विकास, हिंदी साहित्य का अतीत |
संपादन | घनआनंद ग्रंथावली, पद्माकर ग्रंथावली, केशव ग्रंथावली, भिखारीदास ग्रंथावली, रामचरित मानस |
सत्यदेव परिव्राजक | |
यात्रवृत | मेरी जर्मन यात्रा, यात्री मित्रा, यूरोप की सुखद स्मृतियॉं |
आत्मकथा | स्वतंत्रता की खोज में |
राहुल सांकृत्यायन (प्रगतिवादी उपन्यासकार) (1893 – 1963) |
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निबंध-संग्रह | घुमक्कड़शास्त्र, अथातो घुमक्कड जिज्ञासा |
उपन्यास | जीने के लिए (सामाजिक), सिंह सेनापति (ऐतिहासिक,पात्रः लिच्छवि, सेनापति, रोहिणी, आचार्य बाहुलाश्व, भामा), मधुर स्वप्न, जय यौधेय, विस्मृत यात्री, दिवोदास विस्मृति के गर्भ में (रोमानी), सोने की ढाल (रोमानी) |
कहानी संग्रह | सतमी के बच्चे, वोल्गा से गंगा |
संस्मरण | बचपन की स्मृतियॉं, जिनका में कृतज्ञ, मेरे असहयोग के साथी |
यात्रावृत | तिब्बत में सवा वर्ष, मेरी यूरोप यात्रा, मेरी तिब्बत यात्रा, रूस में पच्चीस मास, घुमक्कड़शास्त्र, यात्रा के पन्ने, किन्नर देश में, मेरी चीन यात्रा, दर्शन-दिग्दर्शन, बारहवीं सदी, भागों नहीं दुनिया को बदलो, दिमागी गुलामी |
आत्मकथा | मेरी जीवनयात्रा |
अन्य–भक्तिकाल को सूफी युग कहा। |
सुभद्राकुमारी चौहान (1904-1948) |
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काव्य-संग्रह | त्रिधारा, मुकुल |
कविताएँ | झांसी की रानी, जलियावाला बाग में वसंत |
कहानी संग्रह | बिखरे मोती |
कहानियॉं | बिखरे मोती, उन्मादिनी, पापी पेट |
रामधारीसिंह दिनकर 30 सितंबर 1908 24 अप्रैल 1974 |
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काव्य-संग्रह | प्रणभंग(1929, खंडकाव्य), रेणुका(1935), हुंकार(1938), रसवंती(1939), द्वंद्वगीत(1940), कुरूक्षेत्र(1946), धूपछॉंह(1946), सामधेनी(1947), बापू(1947), इतिहास के ऑंसू(1951), धूप और धुऑं(1951), रश्मीरथी(1954), नीम के पत्ते(1954), दिल्ली(1954), सूरज का ब्याह(1955), नील कुसुम(1955), नये सुभाषित(1957), सीपी और शंख(1957), कविश्री(1957), उर्वशी(1961 में खंडकाव्य) परशुराम की प्रतीक्षा(1963), कोयला और कवित्व(1964), मृत्तितिलक(1964), आत्मा की आँखें (1964 अनुवाद डी-एच लारेंस), हारे को हरिनाम (1970), चक्रवाद |
नाटक | उर्वशी (काव्य नाटक) |
निबंध-संग्रह | अर्द्धनारीश्वर, मिट्टी की ओर, रेती के फूल, हमारी सांस्कृतिक एकता, पंत, प्रसाद और मैथिलीशरण, संस्कृति के चार अधयाय(साहित्य अकादमी) शुद्ध कविता की खोज, राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय साहित्य, वट वृक्ष, धर्म, नैतिकता और विज्ञान |
आलोचना | पंत, प्रसाद और मैथिलीशरण, शुद्ध कविता की खोज |
1972 में उर्व”ाी खंडकाव्य के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार |
हरिवंशराय बच्चन
(1907 इलाहबाद से 2003 मुम्बई) |
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काव्य-संग्रह | खैयाम की मधुशाला (1935), मधुशाला(1935), मधुबाला(1936), मधुकलश(1937), निशानिमंत्रण(1938), एकांत संगीत(1939), आकुल आंतर (1943), सतरंगिनी, मिलनयामिनी, प्रणय पत्रिका, टूटी हुई कड़ियाँ |
कविताएॅं | बंगाल का अकाल, खादी के फूल, सूत की माला, धार के इधर उधर, आरती और अंगारे, त्रिभंगिमा, चार खेमे चौसंठ खूंटे, दो चट्टाने, जाल समेटा |
आत्मकथा | क्या भूलूॅं क्या याद करूॅं, नीड़ का निर्माण फिर, बसेसे से दूर, दशद्वार से सोपान तक, प्रवासी की डायरी |
संस्मरण | नए पुराने झरोखे |
पंत के दो सौ पत्र बच्चन के नाम |
बालकृष्ण शर्मा नवीन (राष्ट्रवादी कवि) (1897 से 1960) |
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काव्य-संग्रह | कुंकुम (पहला काव्य संग्रह), उर्मिला (प्रबंध काव्य), रश्मिरेखा, अपलक, विनोबास्तवन, क्वासि, हम विषपायी जन्म के |
कविताएॅं | साकी, आज खड्ग की धार कुंठिता, कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ |
कहानियॉं- | मधुवन |
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नरेंद्र “ार्मा (1923 बुलंदशहर से 1989) |
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काव्य-संग्रह | शूल फूल, कर्णफूल, मिट्टी के फूल, प्रभातफेरी, प्रवासी के गीत, पलाशवन, ग्राम्या, हंसमाला, रक्तचंदन, अग्निशास्त्र, कदलीवन, उत्तर काव्य(प्रबंध), द्रोपदी(खंडकाव्य), सुवर्णा, हँसमाला |
संपादन | हिमालय, बालक मतवाला, रूपाभ भारत |
रामेश्वर शुक्ल अंचल | |
काव्य-संग्रह | मधुलिका, अपराजिता, लाल चूनर, किरणबेला, करील, वर्षांत के बादल, अपराधिता(प्रबंध) |
उपन्यास | चढ़ती धूप, नयी इमारत, उल्का, मरूप्रदीप |
सोहन लाल द्विवेदी | |
काव्य-संग्रह | कुणाल, चित्र, युगधार |
उदयशंकर भट्ट | |
काव्य-संग्रह | विसर्जन, मानसी, अमृत और विष, युगदीप, यथार्थ और कल्पना, एकला चलो रे, विजय पथ |
नाटक | सागर विजय, विक्रमादित्य, विद्रोहिणी, अम्बा, कमला, मुक्तिदूत, शक विजय, अंतहीन अंत, क्रान्तिकारी, नया समाज, पार्वती, यह स्तंत्रता का युग है, दाहर अथवा सिंध पतन, |
काव्य नाटक | वि”वामित्र, मत्स्यगंधाा, राधा, अशोक वननंदिनी, कालिदास, नहुषनिपात, एकला चला रे |
एकांकी | वापसी, अभिनव एकांकी, स्त्री का हृद्य, चार एंकाकी (संग्रह), समस्या का अंत, धूमिशाखा, नये मेहमान, अंधकार और प्रकाश, आदिम युग परदे के पीछे, आज का आदमी, सात प्रहसन (संग्रह), नेता, उन्नीस और पैंतीस, वर निर्वाचन, बड़े आदमी की मृत्यु, आदिम युग, प्रथम विवाह, गिरती दीवारे, वैवस्वत मनु |
उपन्यास | वह जो मैने देख, नये मोड, लोक-परलोक, सागर लहरें और मनुष्य,(प्रगतिवादी) (1956, बंबई की मछुवा बस्ती बरसोवा पर केंद्रित पात्रः रत्ना, माणिक, डाक्टर पांडुरंग), एक नीड दो पंछी, शेष-अशेष |
टिप्पणी
ऽ सन् 1935 में एम- फार्स्टर के सभापतित्व में पेरिस में ‘प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसियेशन’ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्मरणथा का प्रथम अधिवेशन हुआ।
ऽ सन 1936 में सज्जद जहीर और डॉ- मुल्कराज आनन्द के प्रयत्नों से भारतवर्ष में भी इस ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ का पहला अधिवेशन हुआ। जिसमें प्रेमचंद सभापति के रूप में रहे।
ऽ 1937 में शिवदान सिंह चौहान का एक लेख ‘भारत में प्रगतिशील साहित्य की आवश्यकता’ छपा।
ऽ प्रगतिवादी लेखक हैं – नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल, रांगेय राघव, त्रिलोचन, शिवमंगल सिंह सुमन, रामविलास शर्मा
ऽ पंत ने कहा – इस युग की कविता सपनों में नहीं पल सकती।
ऽ ‘हमारी कसौटी पर केवल वही साहित्य खरा उतरेगा जिसमें उच्च चिंतन हो, स्वाधीनता का भाव हो, सौन्दर्य का सार हो, जो हममें गति, बेचैनी और संघर्ष पैदा करे, सुलाए नहीं, क्योंकि अब और सोना मृत्यु का लक्षण है।
ऽ प्रेमचंद का यह भाषण प्रगतिवाद का नीतिशास्त्र बन गया।
नागार्जुन (वैद्यनाथ सिंह)
प्रगतिवादी उपन्यासकार |
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काव्य-संग्रह | सतरंगी पंखों वाली, प्यासी पथरायी ऑंखें, ऐसे भी हम क्या, ऐसे भी तुम क्या, आखिर ऐसा कया कह दिया मैने, पुरानी जुतियों का कोरस, रत्नगर्भा, तालाब की मछलिया, तुमने कहा था, खिचड़ी विप्लव देखा हमने, हजार-हजार बाहों वाली, कहा है यह कटहल, भूमिजा(खंडकाव्य), मैं मिलटरी का बूढ़ा घोड़ा, भसमांकुर |
कविताएॅं | बादल को घिरते देखा है, पाषाणी, चंदना, रवींद्र के प्रति, सिंदुर तिलकित भाल, तुम्हारी यह दंतुरित मुस्कान, ओ जन-जन के सजग चितेरे, गुलाबी चुड़िया, तन गयी रीढ़, यह तुम थी, जोत की फॉंक, भादौ की तलैया, प्रेत का ब्यान, मास्टर और अकाल, अकाल और उसके बाद |
उपन्यास | रतिनाथ की चाची(1948), बलचनामा(1952), नई पौध, बाबा बटेसरनाथ(1954), दुखमोचन(1956), वरूण के बेटे(1957), कुंभीपाक, हीरक जयंती, उग्रतारा, इमरतिया, जमनिया के बाबा, चेहरे नए पुराने |
जात्री नाम से मैथिली में लिखते थे। चित्रा (मैथिली काव्य-संग्रह) |
केदारनाथ अग्रवाल (1911 बांदा से 2000) |
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काव्य-संग्रह | युग की गंगा, फूल नहीं रंग बोलते है, पंख और पतवार, गुलमेंहदी, कहे केदार खरी खरी, अपूर्वा, मार प्यार की थापें आत्मगंध, हे मेरी तुम, नींद के बादल, आग का आइना, लोक अलोक |
कविताएॅं | बासंती हवा, चंद्रगहना से लौटती बेर, आज नदी बिल्कुल उदास थी, केन किनारे पाल्थी मारे, केन हमारी तड़प रही है |
निबंध-संग्रह | समय समय पर |
रांगेय राघव (प्रगतिवादी उपन्यासकार) (1923 आगरा से 1962) |
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काव्य-संग्रह | अजेय खंडर, मेधावी, पांचाली (खंड), पिघलते पत्थर, राह के दीपक (संकलन) |
नाटक | स्वर्गभूमि का यात्री, रामानुज, विरूढ़क |
उपन्यास | घरौंदे, (1946, इनका पहला उपन्यास) विषादमठ, हुजूर, सीधा-साधा रास्ता, 1951 राई और पर्वत, छोटी सी बात, प्रतिदान, उबाल (शहरी जीवन से संबंधित), पथ का पाप, आखिरी आवाज (ग्राम जीवन), कब तक पुकारूं(1957), नट, चमार, भंगी समुदाय की जीवनकथा पर, धरती मेरा घर (1960)ऑंचलिक उपन्यास है, मुर्दों का टीला (ऐतिहासिक,1948, मोहन जोदडो की पृष्ठभूमि में आर्य आक्रमण को लेकर), चीवर, अंधेरे के जुगनू, पक्षी और आकाश, राह न रूकी, देवकी का बेटा, यशोधरा जीत गयी, लोई का ताना, रत्ना की बात, भारती का सपूत, लखिमा की ऑंखे, धूनी का धुआँ, बोलते खंडहर |
कहानी संग्रह | रामराज्य का वैभव, देवदासी, समुद्र के फेन, अधूरी मूरत, जीवन के दाने, अंगारे न बुझे, ऐयाश मुर्दे, इंसान पैदा हुआ |
कहानियॉं | पंच परमेश्वर, गदल |
रिपोर्ताज | तूफानों के बीच (बंगाल के अकाल पर) |
त्रिलोचन (वासुदेव सिंह) प्रगतिवादी काव्यधारा 1917 से |
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काव्य-संग्रह | धरती, मिट्टी की बारात, ताप के ताये हुए दिन, फूल नाम है एक, शब्द, उस जनपद का कवि हॅूं, गुलाब और बुलबुल, दिगंद्धा, अरघान, तुम्हें सौपता हॅूं, सबका अपना आकाश, अकहनी भी कुछ कहनी है, दिगंत, चेती, अमोला, मेरा घर, जीने की कला |
कहानियॉं | देशकाल, रोजनामचा |
आलोचना | काव्य का अर्थबोध, मुक्तिबोध की कविताएँ |
प्रिय छंद–सॉनेट |
रामविलास शर्मा (प्रगतिशील आलोचक) (1912 से 2000) |
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काव्य-संग्रह | रूपतरंग, सदियाें के साये जाग उठे (कविता) |
नाटक | पाप के पुजारी |
निबंध-संग्रह | आस्था और सौंदर्य, भाषा साहित्य और संस्मरणकृति, विराम चिह्न, मार्क्सवाद और प्रगतिशील साहित्य, परंपरा का मूल्यांकन, मानव सभ्यता का विकास, भाषा युगबोधा ओर कविता, कथा-विवेचना और गद्यशिल्प, भारत में अंग्रेजीराज और मार्क्सवाद, मार्क्स और पिछड़े हुए समाज |
उपन्यास | चार दिन |
आत्मकथा | मैं क्रांतिकारी कैसे बना, अपनी धरती अपने लोग |
जीवनी | निराला की साहित्य साधाना (तीन खंड) |
आलोचना | प्राचीन भारत के भाषा परिवार, मार्क्स और पिछड़े हुए समाज, प्रगति और परंपरा, प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ, आस्था और सौंदर्य, भाषा साहित्य और संस्मरणकृति, मार्क्सवाद और प्राचीन साहित्य का मूल्यांकन, आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिंदी आलोचना, 1955 महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण, निराला की साहित्य साधाना, लोकजागरण और हिंदी साहित्य, नयी कविता और अस्तित्ववाद, भारतेंदु हरि”चंद्र, भारतेंदु और उनका युग भारतेंदु युग और हिंदी भाषा की विकास परंपरा, भाषा और समाज, परंपरा का मूल्यांकन भारतीय इतिहास की समस्याएँ, मार्क्सवाद और प्रगतिशील साहित्य, स्वाधाीनता और राष्ट्रीय साहित्य, कथा विवेचन और गद्य शिल्प, मार्क्स, त्रतस्की और एशियाई समाज, प्रगतिशील विचारधारा और केदारनाथ अग्रवाल, भारतीय इतिहास और ऐतिहासिक भौतिकवाद, निराला, भारत में अंग्रेजी राज्य और मार्क्सवाद, प्रेमचंद और उनका युग |
भारतेन्दु का साहित्य व्यापक स्तर पर गदर से प्रभावित उक्ति है। भारतेन्दु युग के बारे में कहा – वास्तव में ऐसा सजीव और चेतन युग एक बार ही आया है। छायावाद को भारतीय जनता के संघर्ष का साहित्य कहा। |
प्रयोगवाद
प्रयोगवाद का आरंभ अज्ञेय के संपादकत्व में प्रकाशित ‘तार सप्तक’ 1943 से माना जाता है। अज्ञेय ने सभी कवियों को जो तार सप्तक में थे। राहों का अन्वेषी कहा है। तार सप्तक के पाँच कवि अपने आपको मार्क्सवादी घोषित करते हैं। उन्होंने अपने लिये प्रयोगशील और प्रयोग “ाब्दों का उल्लेख ककिया है, प्रयोगवाद का नहीं।
प्रयोगवाद “ाब्द का सर्वप्रथम प्रयोग नन्ददुलारे वाजपेयी ने एक निबंध ‘प्रयोगवादी’ रचनाओं में किया। अज्ञेय ने दूसरा सप्तक की भूमिका में इसका विरोध किया।
तार सप्तक के कवि – अज्ञेय, मुक्तिबोध, रामविलास शर्मा, नेमिचंद्र जैन, गिरिजाकुमार माथुर, भारतभूषण अग्रवाल, प्रभाकर माचवे।
दूसरा सप्तक 1951 में अज्ञेय ने ही तैयार किया। 1952 में पटना रेडियो से उन्होंने ‘नयी कविता’ नाम की घोषणा की। सन् 1954 में जगदीश गुप्त के संपाकदकत्व में ‘नयी कविता’ पत्रिका का प्रकाशन भी होने लगा।
दूसरा सप्तक के कवि थे – शमशेर बहादुर सिंह, भवानीप्रसाद मिश्र, शकुन्तला माथुर, हरिनारायण व्यास, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती।
सन् 1956 में नकेन के ‘प्रपद्यवाद’ का प्रकाशन हुआ। इसमें नरेश मेहता, केसरी कुमार, नलिन विलोचन शर्मा शामिल हैं। इन्होंने कहा कि असली प्रयोगवादी नकेन ही है। वस्तुतः वे रूपवादी थे।
तीसरा सप्तक (1959) में आया। इसके कवि थे – प्रतापनारायण त्रिपाठी, कीर्ति चौधरी, मदन वात्स्यायन, कैदारनाथ सिंह, कँुवरनारायण, विजयदेवनारायण साही तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना।
सन् 1979 में चौथा सप्तक आया।
अज्ञेय 7 मार्च 1911 – 4 अप्रेैल 1987 |
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काव्य-संग्रह | भग्न दूत(1933), चिंता(1942), इत्यलम(1946), प्रिजन डेज एंड अदर पोएम्स(अंग्रेजी 1946), हरी घास पर क्षण भर(1949), बावरा अहेरी(1954), इंद्रधनुष रौंदे हुए(1957), अरी ओ करूणा प्रभामय(1959), आंगन के पार द्वार(1961), पूर्वा(1965), सुनहले शैवाल(1966), कितनी नावों में कितनी बार(1967), क्योंकि में जानता हॅूं(1969), सागर मुद्रा(1970), पहले मैं सन्नाटा बुलाता हॅूं(1974), महावृक्ष के नीचे(1977), नदी की बॉंक पर छाया(1981), सृजना के क्षण |
नाटक | उत्तर प्रियदर्शी(काव्यनाटक,1967) |
निबंध-संग्रह | त्रिशंकु(1943), आत्मनेपद(1960), हिंदी साहित्य: एक आधुनिक परिदृश्य(1967), सब रंग कुछ राग(कुट्टिचातन नाम से 1969), आलावाल(1971), भवन्ती(1972), लिखी कागद कोरे(1972), अंतरा(1975), जाग लिखी(1977), केंद्र और परिधि अद्यतन(1977), स्रोत और सेतु(1978), सवंत्सर(1978), शाश्वती(1979), युगसंधियो पर घाट के किनारे, सर्जना और संदर्भ |
उपन्यास | शेखर: एक जीवनी(दो भाग 1940 से 44 पात्र शशि, शेखर), नदी के द्वीप(1951, पात्र -भुवन रेखा, गौरा और चंद्रमोहन), अपने अपने अजनबी(1961, पात्र- योटके, सेल्मा, अनेक आलोचक इसे अस्तित्वादी मानते हैं), |
कहानी संग्रह | विपथगा(1937), परंपरा(1944), कोठरी की बात(1945), शरणार्थी(1948), जयदोल(1951), अमरवल्लरी व अन्य कहानियॉं(1954), कडियॉं और अन्य कहानियॉं(1957), पठार का धीरज, गैंग्रीन, अछूते फूल और अन्य कहानियॉं(1960), ये तेरे प्रतिरूप(1961), जिज्ञासा और अन्य कहानियॉं(1965) रोज, मेजर चौधारी की वापसी, श=ुा, हिली बोन की बतखें, पुलिस की सीट, मैना, सिगनिलर, रेल की सीटी, हरसिंगार, |
संस्मरण | स्मृतिलेखा |
यात्रवृत | अरे यायावर रहेगा याद(1953), एक बूॅंद सहसा उछली(1960) |
संपादन | आधुनिक हिंदी साहित्य निबंध संग्रह(1942), नये एकांकी(1952), पुष्करिणी(1959), दिनमान, प्रतीक (दिल्ली) |
अज्ञेय निजता की सुरक्षा के कवि हैं। किन्तु हम हैं द्वीप, हम धारा नहीं है। ये उपमान मैले हो गए हैं मौन भी अभिव्यंजना है। जितना तुम्हारा सच है उतना ही कहो। |
मुक्तिबोध (13नवंबर 1917 – 11सितंबर 1964) |
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काव्य-संग्रह | चॉंद का मुॅंह टेढ़ा (1964), भूरी भूरी खाक धूल (1980) |
कविताएॅं | एक आत्म वक्तव्य, चॉंद का मुॅंह टेढ़ा है, चकमक की चिंगारियॉं, भूल-गलती, दिमागी गुहांधकार, ब्रह्मराक्षस, अंधेरे में |
निबंध-संग्रह | नयी कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध(1964), समीक्षा की समस्या, एक साहित्यिक की डायरी(1964) नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र(1971), |
उपन्यास | विपात्र |
कहानी संग्रह | काठ का सपना(1967), क्लाड ईथरली, सतह से उठता आदमी(1971) |
आलोचना | कामायनी: एक पुनर्विचार,(1967), एक साहित्यिक की डायरी, नयी कविता का आत्मसंघर्ष, नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र(1971), भारत: इतिहास और संस्कृति (प्रतिबंधित) का ) |
संपादन | नया खून (साप्ताहिक अखबार) |
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भवानी प्रसाद मिश्र (1913 से 1985) |
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काव्य-संग्रह | अनाम तुम आते हो, त्रिकाल संध्या, परिवर्तन जिए, मानसरोवर दिल, बुनी हुई रस्सी, (साहित्य अकादमी) खुशबू के शिलालेख, कालजयी(प्रबंध), इदम् न मम् |
कविताएॅं | कमल के फूल, वाणी की दीनता, टूटने का सुख, सतपुड़ा के जंगल, सन्नाटा, गीत फरोश, असाधारण, स्नेहपथ, चकित है दुःख |
निबंध-संग्रह | जिन्होंने मुझे रचा, कुछ नीति कुछ राजनीति |
नेमिचंद्र जैन | |
काव्य-संग्रह | एकांत, अचानक हम फिर |
निबंध-संग्रह | अधूरे साक्षात्कार, रंगदर्शन, बदलते परिप्रेक्ष्य, जनान्तिक |
आलोचना | अधूरे साक्षात्कार, रंगदर्शन, बदलते परिप्रेक्ष्य, जनान्तिक |
संपादन | मुक्तिबोध रचनावली, नटरंग(नाटय समीक्षा पर) |
शमशेर बहादुर सिंह (1911 से 1993 ) |
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काव्य-संग्रह | सुकूल की तलाश में, कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी हॅूं नहीं मैं (साहित्य अकादमी), इतने अपने पास, बात बोलेगी, काल तुझसे होड़ है मेरी (कबीर सम्मान), टूटी हुई बिखरी हुई, विविध शमशेर, कहीं बहुत दूर से सुना है |
कविताएँ | वाम वाम वाम दिशा, अमन का राग, प्रदिता, चुका भी हॅूं नहीं मैं, टूटी हुई बिखरी हुई, एक पीली शाम , सलोना जिस्म आओ न, अभिव्यक्ति का संघर्ष |
रिपोर्ताज | प्लाट का मोर्चा, दोआब |
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना (प्रयोगधार्मी रचनाकार) (1927 से 1983) |
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काव्य-संग्रह | काठ की घंटियॉं, गर्म हवाएँ, बासॅं का पुल, एक सूनी नाव में, कुआनों नदी, जंगल का दर्द, खूटियों पर टंगे लोग (साहित्य अकादमी) |
नाटक | बकरी, लड़ाई, कल भात आयेगा, अब गरीबी हटाओ |
उपन्यास | सोया हुआ जल, पागल कुत्तों का मसीहा, कच्ची सड़क, उड़ते हुए रंग, अंधेरे पर अंधेरा |
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नरेश मेहता | |
काव्य-संग्रह | मेरा समर्पित एकांत(1953), वनपाखी सुनो(1957), बोलने दो चीढ़ को (1962), सं”ाय की एक रात(1962), उत्सवा, महाप्रस्थान(1975), शबरी(1977 प्रबंधकाव्य, शबरी की कथा है), प्रवाद पर्व(1977, खण्डकाव्य। इसमें सीता वनवास के करुण प्रसंग की कथा है।), चैत्या, अरण्या (साहित्य अकादमी) |
कविताएँ | समय देवता (मेरा समर्पित एकांत से) |
नाटक | खंडित यात्रएॅं, संशय की एक रात द्धकाव्यनाटकऋ, अपराधी कौन, सरोवर के फूल, महाप्रस्थान (काव्यनाटक, इसमें पाण्डवों के हिमालय में गलने की कथा है), सुबहे के घण्टे |
उपन्यास | डूबते मस्तूल(1954 यह नरेश मेहता का पहला उपन्यास है), यह पथ बंधु था (1962), धूमकेतु: एक श्रुति (1962), दो एकांत (1964), नदी यशस्वी है (1967), प्रथम फाल्गुन (1968), उत्तर कथा (1979 में पहला भाग, 1982 में दूसरा भाग, मालवा क्षेत्र के मध्यवर्गीय जीवन का चित्रण) |
कहानियॉं | चॉंदनी, अनबीता व्यतीत, तथापि, निशाजी, एक समर्पित महिला |
धर्मवीर भारती मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार (1926 इलाहबाद से 1997) |
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काव्य-संग्रह | ठंडा लोहा(1952, काव्य संग्रह), अंधा युग(1955, प्रतीकवादी काव्य नाटक है, धर्मवीर भारती ने इसे अंधो के माध्यम से ज्योति की कथा कहा है। इसकी भाषा वृतगंधीगद्य है), सात गीत वर्ष(1959, प्रद्युम्न गाथा इस संग्रह की लम्बी कविता है), कनुप्रिया(1959, युद्ध और इतिहास की व्यर्थता को संकेतित करता, राधाकृष्ण प्रेम पर रचित है), मेरी वाणी गैरिक वासना, सपना अभी भी(1993 व्यास सम्मान) आद्यान्त(1999), साँस की कलम से, शब्दिता |
नाटक | अंधा युग(1954 गीतिनाट्य), नदी प्यासी थी(एकांकी) |
निबंध-संग्रह | ठेले पर हिमालय, कहनी-अनकहनी, पश्यंती, मानव मूल्य और साहित्य |
उपन्यास | गुनाहों का देवता(पात्रःचंदर, सुधाा, पम्पी, गेसू, विनती), सूरज का सातवॉं घोड़ा(धर्म कथा शैली मे रचित, पात्रः किस्सागो मणिक मुल्ला, यह एक प्रयोगधार्मी रचना है) |
कहानियॉं | गुल की बन्नो, सावित्री नंबर 2, बंद गली का आखिरी मकान |
संस्मरण | काले मेघा पानी दे |
आलोचना | साहित्य और मानव मूल्य |
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रघुवीर सहाय (9 दिसंबर1929 – 30 दिसंबर1990) |
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काव्य-संग्रह | दूसरा सप्तक(1951), सीढ़ियों पर धूप में(1960), आत्म हत्या के विरूद्ध(1967), हॅंसों हॅंसों जल्दी हॅंसों(1975), लोग भूल गये हैं(1982), कुछ पत्ते कुछ चिट्ठियॉं(1989) |
कविताएँ | रामदास की हत्या |
नाटक | बरनम वन (“ोक्सपियर के नाटक मैकबेथ का अनुवाद) |
निबंध-संग्रह | शेष कहानियॉं, दिल्ली मेरा परदेश(1976), लिखने का कारण(1978), अर्थात्, और होंगे जो मारे जायेंगे(1983), ऊबे हुए सुखी(1983), यथार्थ यथास्थिति नहीं(1984), सीढ़ियों पर धूप में (इसके निबंध है–लेखक के चारों ओर, दिल्ली बसंत, आदि दिल्ली के एक संपादक से भेंट) |
कहानी संग्रह | रास्ता इधर से है(1972), जो आदमी हम बना रहे हैं(1983), सीढ़ियों पर धूप में (कहानी), |
पंक्तियाँ राष्ट्रगीत में भला कौन वह भारतभाग्य विधाता है। फटा सुथन्ना पहने जिसका गुन हरचरना गाता है। मैंने गोद में बच्चा लिए स्त्री को बस में चढ़ते देखा और मेरे मन में दूर तक कुछ फिसलता सा चला गया। |
कुॅंवरनारायण
19 सितंबर 1927, उत्तर प्रदेश |
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काव्य-संग्रह | चक्रव्यूह(1956), परिवेश : हम तुम(1961), आत्मजयी (प्रबध,1965,हिंदुस्तानी अकादमी से पुरस्कृत), अपने सामने(1979), कोई दूसरा नहीं (1993, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, भवानीप्रसाद मिश्र पुरस्कार, शतदल पुरस्कार), इन दिनों(2003), बाजश्रवा के बहाने(2008) |
कहानी संग्रह | अकारों के आसपास(1972,प्रेमचंद पुरस्कार) |
आलोचना | आज और आज से पहले(1998), मेरे साक्षात्कार(1999), साहित्य के कुछ अंतविष्यक संदर्भ(2003) |
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केदारनाथ सिंह 1934 से |
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काव्य-संग्रह | अभी बिल्कुल अभी(1960), जमीन पक रही है (1980 जमीन, रोटी, बैल कविताएँ), यहॉं से देखो, अकाल में सारस, उत्तर कबीर तथा अन्य कविताएँ |
कविताएँ | बाघ लम्बी कविता |
निबंध संग्रह | मेरे समय के शब्द, कब्रिस्तान में पचांयत |
आलोचना | आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान, मेरे समय के शब्द, कल्पना और छायावाद, बिंब विधान का विकास |
गिरिजा कुमार माथुर (1918 से 1994) |
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काव्य-संग्रह | मंजीर(1914), नाश और निर्माण(1946), धूप के धान(1955), शिला पंख चमकीले(1961), छायामन छूना मन, भीतरी नदी की यात्र, साक्षी रहे वर्तमान, कल्पान्तर, अभी कुछ और, मैं वक्त के हॅूं सामने, पृथ्वीकल्प, मुझे और अभी कहना है। |
नाटक | इंदुमती (काव्यनाटक), पृथ्वीकल्प (काव्यनाटक), रोटी और कमल, जन्म कैद (एकांकी) |
आलोचना | नयी कविता: सीमाएँ और संभावनाएँ |
चंद्रकिरण सोनरिक्सा | |
उपन्यास | चंदन चांदनी |
आनंद प्रकाश जैन | |
उपन्यास | कुड़ाल की ऑंखे, तॉंबे के पैसे (ऐतिहासिक उपन्यास) |
भारत भूषण अग्रवाल प्रयोगधार्मी रचनाकार |
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काव्य-संग्रह | अनुपस्थित लोग, कागज के फूल, छवि के बंधान, मुक्तिमार्ग, जागते रहो, ओ प्रस्तुत मन, उतना वह सूरज है, |
नाटक | पलायन, सेतुबंधान (काव्यनाटक), अग्निलीक (काव्यनाटक) |
उपन्यास | लौटती लहरों की बॉंसुरी |
संस्मरण | लीक अलीक |
प्रभाकर माचवे प्रयोगधर्मी रचनाकार |
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काव्य-संग्रह | स्वप्नभंग, मेपल, क्षणभंगुर, संगीनों का साया |
उपन्यास | सॉंचा, परंतु, जो, द्वाभा, किसलिए, द्यूत, दर्द के पैबंद, तीस-चालीस-पचास |
निबंध-संग्रह | खरगोश के सींग |
यात्रवृत | गोरी नजरों में हम |
देवराज | |
काव्य-संग्रह | आहत आत्माएँ, इला और अमिताभ(प्रबंध काव्य), धरती और स्वर्ग, उर्वशी ने कहा, इतिहास पुरूष |
उपन्यास | अजय की डायरी (मनोविश्लेषणात्मक), पथ की खोज, बाहर-भीतर, रोड़े और पत्थर, मैं वे और आप, न भेजे गए पत्र |
आलोचना | छायावाद का पतन, साहित्य चिंता, आधुनिक समीक्षा प्रतिक्रियाएँ |
जगदीश गुप्त नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | नाव के पॉंव, हिमदंश, आदिमएकांत, शम्बूक (प्रबंध), हिमविद्ध |
नाटक | शम्बूक (काव्यनाटक) |
आलोचना | नयी कविताः शक्ति और सीमा, नयी कविता स्वरूप और समस्यायें |
लक्ष्मीकांत वर्मा प्रयोगधार्मी रचनाकार |
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काव्य-संग्रह | अतुकांत, तीसरा पक्ष, आधुनिक कवि-15, चित्रकूट चरिता(खंडकाव्य) |
कविताएँ | अपना अपना जूता, सिर पर जूता पैर में टोपी |
नाटक | आदमी का जहर, अपना अपना जूता |
उपन्यास | खाली कुर्सी की आत्मा, टेरीकोटा, एक कटी हुई जिंदगी, एक कटा हुआ कागज |
आलोचना | नयी कविता के प्रतिमान, नये प्रतिमान पुराने निकष |
लघुमानव शब्द का नयी कविता में प्रचलन करने वाले |
विपिन कुमार अग्रवाल | |
काव्य-संग्रह | नंगे पैर |
नाटक | तीन अपाहिज(हास्य नाटक, यह 11 नाटकों का संग्रह है), ऊॅंची नीची टॉंग का जंघिया(हास्य नाटक), उत्तर प्रश्न, उल्टा सीधा स्वेटर, रेल कब आयेगी, यह पूरा नाटक एक शब्द है, कूडे़ का पीपा, लोटन, खोये हुए आदमी की खोज |
आलोचना | आधुनिकता के पहलू |
वीरेंद्र कुमार जैन | |
काव्य-संग्रह | अनागता की ऑंखे, यातना का सूर्य पुरूष, शून्य पुरूष और वस्तुएँ |
उपन्यास | अनुत्तर योगी (तीन खंड, महावीर के जीवन पर), मुक्तिदूत |
राजकमल चौधरी | |
कविताएँ | मुक्तिप्रसंग, कंकावली |
नाटक | भग्नस्तूप का एक अक्षय स्तंभ (हास्य नाटक) |
उपन्यास | नदी बहती थी, मछली मरी हुई, एक अनार एक बीमार, देहगाथा, बीस रानियों का बाईस्कोप, अग्निस्नान, शहर था शहर नहीं था, ताश के पत्तों का शहर |
सौमित्र मोहन | |
काव्य-संग्रह | लुकमान अली |
कैलाश वाजपेयी | |
काव्य-संग्रह | संक्रांत, भविष्य घट रहा है, महास्वप्न का मध्यावंर(प्रबंध) पृथ्वी का कृष्ण पक्ष (व्यास सम्मान), हवा में हस्ताक्षर (साहित्य अकादमी) |
श्रीराम वर्मा | |
काव्य-संग्रह | शब्दों की शताब्दी, कालपात्र |
श्रीकांत वर्मा (1931 बिलासपुर से 1986) |
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काव्य-संग्रह | दिनारंभ, मायादर्पण, जलसागर, मगध (साहित्य अकादमी), भटका मेघ |
उपन्यास | दूसरी बार |
कहानी संग्रह | टेरसो, टुकड़ों में बंटी जिंदगी, ठंड, झाड़ी संवाद |
निबंध-संग्रह | जिरह |
रिपोर्ताज | मुक्तिफौज |
साक्षात्कार | बीसवीं शताब्दी के अंधेरे में |
यात्रवृतांत | अपोलो का रथ |
दूधनाथ सिंह | |
काव्य-संग्रह | अपनी शताब्दी के नाम |
नाटक | यमगाथा |
निबंध-संग्रह | लौट आ ओ धार |
उपन्यास | नमो अंधकार |
कहानियॉं | गुप्त दान, रीछ, इंतजार, दुःस्वप्न, आइसबर्ग, सपाट चेहरे वाला आदमी, माई का शोकगीत, सुखांत, ममी तुम उदास क्यों हो, प्रतिशोध, रक्तपाल |
आलोचना | निराला: आत्महंता आस्था |
अशोक वाजपेयी | |
काव्य-संग्रह | एक पतंग अनंत में, तत्पुरूष, शहर अब भी संभावना है, कहीं नहीं वहीं (साहित्य अकादमी), बहुरि अकेला, अमर मेरी काया (शहर अब भी संभावना है का एक खंड), थोड़ी सी जगह, अभी कुछ और |
निबंध | फिलहाल, कवि कह गया है |
आलोचना | फिलहाल, कविता का गल्प, कविता का जनपद, कवि कह गया है, कुछ पूर्वाग्रह |
धूमिल (1936 से 1975) |
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काव्य-संग्रह | संसद से सड़क तक(1972), कल सुनना मुझे (साहित्य अकादमी), सुदामा पांडे का प्रजातंत्र |
कविताएँ | मोचीराम, घर में वापसी |
लीलाधार जगूड़ी | |
काव्य-संग्रह | नाटक जारी है, इस यात्र में, रात अब भी मौजूद है, बची हुई पृथ्वी, घबराये हुए शब्द, भय भी शक्ति देता है, ईश्वर की अध्यक्षता में, अनुभव के आकाश में चॉंद |
कविताएँ | इस व्यवस्था में, अंतर्देशीय चिड़िया-2 |
चंद्रकांत देतवाले | |
काव्य-संग्रह | हड्डियों के छिपा ज्वर, दीवार पर खून से, लकड़बग्गा हॅंस रहा है, रोशनी के मैदान की तरफ़, पत्थर की बेंच, पत्थर फेंक रहा हूँ (साहित्य अकादमी) |
विनोद कुमार शुक्ल | |
काव्य-संग्रह | वह आदमी नया गरम कोट पहन कर विचार की तरह चला गया |
उपन्यास | नौकर की कमीज(1979), खिलेगें तो देखेंगे(1996), दीवार में एक खिड़की रहती थी(1997) |
कहानियॉं | महाविद्यालय |
रामदरश मिश्र नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | बैरंग बेनाम चिट्ठियॉं, पक गयी है धूप, कंधो पर सूरज, दिन एक नदी बन गया, मेरे प्रिय गीत, बाजार को निकले हैं लोग(गजल संग्रह), आग की हँसी (2015 में साहित्य अकादमी), आम के पत्ते (व्यास सम्मान) |
उपन्यास | पानी की प्राचीर, जल टूटता हुआ, सूखता हुआ तालाब, बीच का समय, अपने लोग, रात का सफर, आकाश की छत, बिना दरवाजे का मकान, दूसरा घर |
कहानियॉं | खाली घर, एक वह, दिनचर्या, सर्पदंश, सड़क |
आत्मकथा | मैं जहॉं खड़ा हॅूं |
आलोचना | हिंदी उपन्यास: एक अंतर्यात्रा |
डॉ- विनय | |
काव्य | एक पुरूष और(प्रबंध काव्यः विश्वामित्र और उर्वशी की पुराकथा), कई अंतराल, दूसरा राग, पुनर्वास का दंड(प्रबंध), हरी पत्तियों का आत्मदाह |
नाटक | एक प्रश्न मृत्यु, पहला विद्राही (काव्यनाटक), रंगब्रह्म (काव्यनाटक) |
नरेंद्र मोहन | |
काव्य-संग्रह | इस हादसे में, सामना होने पर |
आलोचना | लंबी कविता का रचना विधान |
विजेन्द्र | |
काव्य-संग्रह | त्रास, चैत की लाल टहनी, ऋतु का पहला फूल |
ठाकुर प्रसाद सिंह | |
काव्य-संग्रह | हारी हुई लड़ाई लड़ते हुए, वंशी और मादल, महामानव (प्रबंध काव्य, छायावादोत्तर, गांधी जी के जीवन पर) |
उपन्यास | सात घरों का गॉंव (ऑंचलिक), कुब्जा सुंदरी |
अजीत कुमार | |
काव्य-संग्रह | अंकित होने दो, अकेले कंठ की पुकार |
यात्रवृत | सफरी झोले में, अकित होने दो (रेखाचित्र, संस्मरणमरण, डायरी, यात्रवृत का संकलन) |
संस्मरण | दूर वन में |
बालस्वरूप राही | |
काव्य-संग्रह | जो नितांत मेरी है |
उदय प्रकाश | |
काव्य-संग्रह | अबूतर-कबूतर, सुनो कारीगर, रात में हारमोनियम |
कहानियॉं | डिबिया, तिरिछ, हीरालाल का भूत, दद्दू तिवारी, रामसजीवन की प्रेमकथा, टेपचू, वारेन हेस्टिंग्स का सॉंड, पॉलगोमरा का स्कूटर, दरियाई घोड़ा और अंत में प्रार्थना, पीली छतरी वाली लकड़ी, दिल्ली की दीवार, मोहनदास (लघु उपन्यास), |
बलदेव वंशी | |
काव्य-संग्रह | कोई आवाज नहीं, काला इतिहास |
मणिमधुकर | |
काव्य-संग्रह | बलराम के हजारों हाथ |
नाटक | रस गंधव (हास्य नाटक), बुलबुल सराय, दुलारी बाई, खेला पोलमपुर, इकतारे की ऑंख, सारे सर्वनाम, इलायची बेगम, सुने बोधिवृक्ष, छत्रभंग (संगीत) फूले मंदे (काव्यनाटिका), सलवटों में संवाद (एकांकी संग्रह) |
उपन्यास | सफेद मेमने, पिंजरे में पन्ना |
ऋतुराज | |
काव्य-संग्रह | एक मरणधार्मा और अन्य |
कन्हैयालाल नंदन | |
काव्य-संग्रह | मुझे मालूम है |
कुमारेंद्र पारसनाथ सिंह | |
काव्य-संग्रह | इतिहास का संवाद |
आलोक धान्वा (1948 मुगेर बिहार) |
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काव्य-संग्रह | दुनिया रोज बनती है, जनता का आदमी, भागी हुई लड़कियाँ, ब्रूनों की बेटियाँ |
देवेंद्र कुमार | |
काव्य-संग्रह | बहस जरूरी है |
राजेश जोशी | |
काव्य-संग्रह | एक दिन बोलेंगे पेड़, दो पॅंक्तियों के बीच, मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी |
नाटक | जादू जंगल |
मलयज | |
काव्य-संग्रह | जख्म पर धूल |
आलोचना | कविता से साक्षात्कार |
मंगलेश डबराल (1948) | |
काव्य-संग्रह | पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, (साहित्य अकादमी), आवाज भी एक जगह है |
संपादन | एक बार आयोवा(डायरी) |
सोमदत्त | |
काव्य-संग्रह | किस्से अरबों हैं |
सुनीता जैन | |
काव्य-संग्रह | हो जाने दो मुक्त |
उपन्यास | बिंदु |
रणजीत | |
काव्य-संग्रह | झुलसा हुआ रक्तकमल, इतिहास का दर्द, प्रगतिशील कविता के मील के पत्थर (संपादन) |
श्याम विमल | |
काव्य-संग्रह | इतना जो मिला |
गिरधार राठी | |
काव्य-संग्रह | बाहर भीतर, निमित्त, उनींदे की लोरी |
शैलेश जैदी | |
काव्य-संग्रह | अब किसे वनवास दोगे(प्रबंध) |
पी-डी- निर्मल | |
काव्य-संग्रह | विधुरा(प्रबंध) |
कुमार विकल | |
काव्य-संग्रह | एक छोटी सी लड़ाई, रंग खतरे में है, निरुपमादत्त मैं बहुत उदास हॅूं |
कविताएँ | विपाशा की हार(लंबी कविता) |
अरुण कमल (1954) | |
काव्य-संग्रह | अपनी केवल धार, सबूत, नये इलाके में, पुतली में संसार |
आलोचना | कविता और समय |
असद जैदी | |
काव्य-संग्रह | बहनें तथा अन्य कविताएँ, कविता का जीवन |
विष्णु खरे (1940 छिंदवाड़ा) |
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काव्य-संग्रह | मरू प्रदेश और अन्य कविताएँ (टी-एस-इलियट), एक रूमानी समय में (1970), खुद अपनी आँख में (1978), सबकी आवाज के पर्दे में (1994), पिछला बाकी, काल और अवधि के दरमियान |
आलोचना | आलोचना की पहली किताब (1983) |
प्रकाश मनु | |
काव्य-संग्रह | छूटता हुआ घर |
उपन्यास | पापा के जाने के बाद |
शिरीष ढोकले | |
काव्य-संग्रह | प्रदक्षिणा है यह |
नरेंद्र जैन | |
काव्य-संग्रह | उदाहरण के लिए |
लीलाधार मंडलोई | |
काव्य-संग्रह | मगर एक आवाज, रात बिरात |
कुमार अंबुज | |
काव्य-संग्रह | किवाड़ क्रूरता, अनंतिम |
शील | |
काव्य-संग्रह | लाल पंखों वाली चिड़िया |
नाटक | बेकारी संघर्ष |
नीलाभ | |
काव्य-संग्रह | चीजें उपस्थित हैं |
ज्ञानेंद्रपति | |
काव्य-संग्रह | गंगातट |
भगवत रावत | |
काव्य-संग्रह | सच पूछो तो |
गोरख पांडेय | |
काव्य-संग्रह | स्वर्ग से विदाई, जागते रहो सोनेवालों |
गोविंद मिश्र | |
काव्य-संग्रह | ओ प्रकृति मॉं |
उपन्यास | लाल-पीली जमीन, हुजूर दरबार, वह अपना चेहरा, उतरती हुई धूप, तुम्हारी रोशनी में, धीर-समीर, पॉंच ऑंगनों वाला घर, फूल इमारतें और बंदर, कोहरे में कैद रंग (साहित्य अकादमी), धूल पौधों पर (सरस्वती सम्मान) |
कहानी संग्रह | गिद्ध, आसमान कितना नीला, हताबाज |
निबंध-संग्रह | परतों के बीच |
विष्णुदत्त राकेश | |
काव्य-संग्रह | देवरात(खंडकाव्य) |
विष्णु गोपाल कृष्ण | |
काव्य-संग्रह | मरूताई |
शंभूनाथ सिंह (नवगीतकार) | |
काव्य-संग्रह | रूपरश्मि, छायालोक, उदयाचल, दिवालोक, समय की शिला पर, दर्द जहॉं नीला है |
नाटक | दीवार की वापसी |
संपादन | नवगीत दशक 1,2,3 नवगीत अर्द्धशती |
गोपालदास नीरज नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | संघर्ष, अंतर्ध्वनि, विभावरी, बादल बरस गयो, गीत भी अगीत भी |
रविंद्र भ्रमर नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | सोन मछली मन बंसी, रवींद्र भ्रमरगीत |
उमाकांत मालवीय नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | मेहंदी और महावर, सुबह रक्तपलाश की |
उपन्यास | मॉं |
रमेश रंजक नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | मिट्टी बोलती है, इतिहास दुबारा लिखो, दरिया का पानी |
जगदीश श्रीवास्तव नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | तारीखें |
आरसीप्रसाद सिंह नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | कलापी, पांचजन्य |
गोपाल सिंह नेपाली नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | पंछी, रागिनी |
दुष्यंत कुमार (नवगीतकार) |
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काव्य-संग्रह | एक कंठ विषपायी, साये में धूप (गजल संग्रह), सूर्य का स्वागत, आवाजों के घेरे |
नाटक | एक कंठ विषपायी (काव्यनाटक), मसीहा मर गया |
उपन्यास | ऑंगन में एक वृक्ष, छोटे छोटे सवाल, छोटी जिंदगी |
वीरेंद्र मिश्र नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | गीतम, झुलसा है छायावट धूप में |
चंद्रदेव सिंह नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | पॉंच जोड़ बॉंसुरी |
अनूप अशेष (नवगीतकार) | |
काव्य-संग्रह | लौट आयेंगे सगुण पंछी |
कुॅंवर बेचैन नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | भीतर सांकल बाहर सांकल, शामियाने काकरे(गजल संग्रह) |
देवेंद्र शर्मा इंद्र | |
काव्य-संग्रह | पंख कटी मेहराबें, यात्रा में साथ साथ |
नईम नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | पथराई ऑंखे |
नचिकेता नवगीतकार |
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काव्य-संग्रह | आदमकद खबरें |
राजेंद्र गौतम—नवगीतकार | |
काव्य-संग्रह | नदी पर्व क्या है |
प्रतापनारायण | |
काव्य-संग्रह | नलनरेश (प्रबंध) |
द्वारिका प्रसाद मिश्र | |
काव्य-संग्रह | कृष्णायन (यह अवधी में रचित महाकाव्य है, यह छायावादोत्तर काल का है) |
बलदेव प्रसाद मिश्र | |
काव्य-संग्रह | साकेत संत (भरत के चरित्र पर), रामराज्य |
गुरूभक्त सिंह भक्त | |
काव्य-संग्रह | नूरजहॉं, (प्रबंध काव्य), विक्रमादित्य (प्रबंधकाव्य, कथानक विशाखदत्त के देवीचंद्रगुप्त पर आधारित) |
अनूप शर्मा | |
काव्य-संग्रह | सिद्धार्थ, बर्द्धमान |
श्यामनारायण पांडेय | |
काव्य-संग्रह | हल्दीघाटी (महाकाव्य), जौहर |
मोहनलाल महतो वियोगी | |
काव्य-संग्रह | आर्यावर्त (पृथ्वीराज चौहान व गौरी युद्ध पर रचित, प्रबंधकाव्य) |
हरदयाल सिंह | |
काव्य-संग्रह | दैत्यवंश (यह ब्रजभाषा में रचित महाकाव्य है। यह छायावादोत्तर काल का है), रावण |
रघुवीरशरण मित्र | |
काव्य-संग्रह | जननायक |
गोपालशरण सिंह | |
काव्य-संग्रह | जगदालोक, माधवी, संचिता, ज्यांतिष्मती |
माधवप्रसाद मिश्र | |
काव्य-संग्रह | पुष्पांजलि (1916, संकलन) |
कहानी | मन की चंचलता (1900 में सुदर्शन में छपी) |
माध्वप्रसाद सप्रे | |
कहानी | टोकरी भर मिट्टी (1901) |
आनंद कुमार | |
काव्य-संग्रह | अंगराज |
करील | |
काव्य-संग्रह | देवार्चन |
परमेश्वर द्विज | |
काव्य-संग्रह | मीरा, युगद्रष्टा प्रेमचंद |
श्यामनारायण प्रसाद | |
काव्य-संग्रह | झॉंसी की रानी |
कुशवाहा | |
काव्य-संग्रह | तांत्या टोपे |
रामानंद तिवारी | |
काव्य-संग्रह | पार्वती |
गिरिजादत्त शुक्ल | |
काव्य-संग्रह | तारक वधा |
कहानियॉं | पंडित और पंडितानी |
नटवरलाल सनेही | |
काव्य-संग्रह | गॉंधीमानस |
रामखेलावन | |
काव्य-संग्रह | चंद्रगुप्त मौर्य |
आचार्य तुलसी | |
काव्य-संग्रह | अग्नि परीक्षा |
अरूण पोदार | |
काव्य-संग्रह | महाभारती |
कमलेश | |
काव्य-संग्रह | दिग्विजय, दूब के आँसू |
परमानन्द | |
काव्य-संग्रह | निष्कासिता |
आत्मकथा | आपबीती |
लक्ष्मीकांत विद्याभूषण | |
काव्य-संग्रह | युगपुरूष चाणक्य |
कृष्णकुमार कौशिक | |
काव्य-संग्रह | तुलसीदास |
आनंद मिश्र | |
काव्य-संग्रह | प्रियदर्शी |
मोहन अवस्थी | |
काव्य-संग्रह | अभिशप्त |
गोपालराम शर्मा | |
काव्य-संग्रह | सारथी |
गोविंद वल्लभ पंत | |
काव्य-संग्रह | पुरूषोत्तम राम, मुक्ति यज्ञ |
नाटक | वरमाला, अंतःपुर का छिद्र, ययाति, अप्सारा , तुलसीदास, काशी का जुलाहा, कंजूसी की खोपड़ी, अंगूर की बेटी, राजमुकुट, सिंदूर की बिंदी, सुहागबिंदी |
वी- डी- महाजन | |
काव्य-संग्रह | श्री गॉंधीचरितमानस (अवधी में) |
तुलसीराम शर्मा | |
काव्य-संग्रह | पुरूषोत्तम |
प्रभागचंद्र | |
काव्य-संग्रह | अमिताभ |
जगन्नाथ प्रसाद मिलिंद | |
नाटक | प्रताप प्रतिज्ञा, समपर्ण, गौतम नंद (सारे ऐतिहासिक सांस्कृतिक) |
उपन्यास | स्वतंत्रता की बलिवेदी |
जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी | |
काव्य-संग्रह | ब की बहार, पिक्चरपूजा, अनुप्रास का अन्वेषण |
चंडी प्रसाद हृद्येश | |
उपन्यास | मनोरमा, मंगलप्रभात |
भगवती प्रसाद वाजपेयी | |
उपन्यास | मीठी चुटकी, पतिता की साधाना, पिपासा, निमंत्रण |
कहानियॉं | मिठाई वाला, निंदिया लागी |
प्रतापनारायण श्रीवास्तव | |
उपन्यास | विदा (1929), विजय (1937), विनाश के बादल, बेकसी का मजार |
उषादेवी मित्र | |
उपन्यास | वचन का मोल, जीवन की मुस्कान, पिया पद्यचारी |
कहानियॉं | पिंड कहॉं |
भगवती चरण वर्मा (सामाजिक यथार्थवादी उपन्यासकार) |
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काव्य-संग्रह | मधुकण, प्रेम संगीत, मानव |
कविताएँ | हम दीवानों की क्या हस्ती है, आज यहॉं कल वहॉं चले, चली आ रही भेेैंसागाड़ी |
नाटक | कर्ण, सबसे बड़ा आदमी (एकांकी), रूप्या तुम्हें खा गया, वसीयत (एकांकी), तारा (काव्यनाटक), शक्ति(काव्यनाटक), द्रोपदी (काव्यनाटक), महाकाल (काव्यनाटक) |
उपन्यास | चित्रलेखा(1934, पाप और पुण्य की समस्या, पात्र-कुमारगिरि, चाणक्य, बीजगुप्त, चित्रलेखा, चंद्रगुप्त), पतन (धुप्पल, आत्मकथात्मक), तीन वर्ष, टेढे मेढे रास्ते, भूले बिसरे चित्र, सामर्थ्य और सीमा, रेखा, सीधी सच्ची बातें, सबहिं नचावत राम गोसाई, प्रश्न और मरीचिका, आखिरी दॉंव, युवराज चूण्डा, चाणक्य, अपने खिलौने |
कहानियाँ | दो बॉंके, मुगलों ने सल्तनत बख्श दी, इंस्टालमेंट, प्रायश्चित, राख और चिंगारी, प्रजेंट्स |
जैनेंद्र कुमार (1905 – 1990) मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार |
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निबंध-संग्रह | पूर्वोदय, मंथन, समय और हम, जड़ की बात, साहित्य का श्रेय और प्रेम, सोच विचार, ये और वे इतस्ततः |
उपन्यास | परख 1929 (पात्रःकट्टो), सुनीता 1935 (पात्रः श्रीकांत, सुनीता, हरिप्रसन्न), त्यागपत्र 1937 (पात्र-मृणाल), कल्याणी (1939), सुखदा (1952), जयवर्द्धन (1956), मुक्तिबोध (1965), अनंतर (1968), अनामस्वामी (1974), दशार्क (1983), विवर्त, व्यतीत, जयवर्धन |
कहानियाँ | तत्सत्, जानह्वी, हत्या, खेल, वातायन, अपना अपना भाग्य, बाहुबली, ध्रुवतारा, नीलम देश की राजकन्या, कः पंथः, फाँसी, एक रात, पाजेब, स्पर्धा, दो चिड़ियॉं, एक दिन, पत्नी, |
इलाचंद्र जोशी (मनोवैज्ञानिक) |
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उपन्यास | सन्यासी (1941, पात्र रामदास की हत्या कविता से नन्दकिशोर), पर्दे की रानी(पात्रः निरंजना, मनमोहन तथा इंद्रमोहन), प्रेतछाया (पात्रः पारसनाथ), निर्वासित (पात्रःमहीप), जिप्सी (पात्रःरंजन, मनिया, शोभना), जहाज का पंछी, लज्जा, मुक्तिपथ, सुबह के भूले, भूत का भविष्य, ऋतुचक्र, घृणामयी (पात्रःलज्जा) |
कहानी संग्रह | खंडहर की आत्माएँ, डायरी के नीरस पृष्ठ, आहुति, दीवाली और होली |
आलोचना | साहित्य सर्जना, विवेचना, साहित्य संतरण, विशेषण, साहित्य चिंतन |
मन्मथनाथ गुप्त | |
उपन्यास | बहता पानी, शहीद और शोहदे |
यशपाल—प्रगतिवादी (1903 से 1976) |
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निबंध | चक्कर क्लब, देखा सोचा समझा गया, बात बात में बात, गॉंधी की शव परीक्षा, न्याय का संघर्ष |
उपन्यास | दादा कामरेड 1941 (पात्रःशैला, हरीश, यशपाल का पहला उपन्यास), दिव्या (ऐतिहासिक, पात्रःदिव्या, पृथुसेन, मारिश, रूद्रधीर, देवी मल्लिका), पार्टी कामरेड, देशद्रोही, मनुष्य के रूप (1949), अमिता (1956), झूठा-सच (देश विभाजन, पहला भाग वतन और देश 1958 दूसरा भाग देश का भविष्य 1960), बारह घंटे (1963), अप्सरा का श्राप (1965), मेरी तेरी उसकी बात(1974), क्यों फॅंसे |
कहानी संग्रह | फूलों का कुर्ता, पिंजड़े की उड़ान |
कहानियॉं | परदा, मक्रील, कुछ न समझ सका, सूखी गंडेरी, ज्ञानदान, अभिशाप्त, तर्क का तूफान, भस्मावृत चिनगारी, वो दुनियॉं, फूलोें का कुर्ता, धर्मयु, उत्तराधिकारी, उत्तमी की मॉं, तुमने क्यों कहा कि मैं सुंदर हॅूं, पिंजरे की उड़ान, चित्र का शीर्षक, दो मुॅंह की बात, पाप का कीचड़, सच बोलने की भूल |
आत्मकथा | सिंहावलोकन |
अमृतलाल नागर सामाजिक यथार्थवादी |
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नाटक | युगावतार, उतार-चढ़ाव, बात की बात, चंदन वन, चक्करदार सीढ़ियॉं और अंधेरा, चुक्कड पर |
उपन्यास | महाकाल (बंगाल के अकाल पर 1947, अमृतलाल का पहला उपन्यास) बूॅंद और समुद्र, 1956 (महाकाव्यात्मक, भारतीय नारी के जीवन का चित्रण), शतरंज के मोहरे (1959), सुहाग के नुपूर (1960), अमृत और विष (1966), सात घॅूंघट वाला मुखड़ा (1968), मानस का हंस (1972), एकदा नैमिषारण्ये (1972), नाच्यो बहुत गोपाल (1978 भंगी जीवन पर), खंजन नयन (1981), बिखरे तिनके (1982), अग्निगर्भा (1983), करवट (1985), पीढ़ियॉं (1990), नवाबी मसनद, सेठ बांकेमल |
कहानियॉं | गरीब की हाय, नवाबी चक्कर, गोरखधंधा, कालदंड की चोरी |
फणीश्वरनाथ रेणु आंचलिक उपन्यासकार (1921 पूर्णिया से 1977) |
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उपन्यास | मैला ऑंचल (1954 मिथिला के पूर्णिया जिले के मेरीगंज गॉंव पर, पात्रः बालदेव, कालीचरण, लक्ष्मी, बावनदास, कमली तथा डाक्टर, यह रेणु का पहला उपन्यास है), परती परिकथा (1957), दीर्घतया (1964), जुलूस (1965), कितने चौराहे (1966), पल्टू बाबू रोड़ (1979), कलंकमुक्ति |
कहानियॉं | तीसरी कसम, लाल पान की बेगम, ठुमरी, अग्निखोर, आदिम रात्रि की महक, संवदिया, एक श्रावणी दोपहर की धूप |
रिपोर्ताज | ऋणजल धनजल, एकलव्य के नोट्स, नेपाली क्रांति कथा |
संस्मरण | वन तुलसी की गंधा, श्रुत अश्रुत पूर्व, ऋणजल-धनजल |
भीष्म साहनी (प्रगतिवादी उपन्यासकार) |
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नाटक | हानुश, कबिरा खड़ा बाजार में, माधवी, मुआवज़ा |
उपन्यास | झरोखे, (1967 भीष्म साहनी का पहला उपन्यास), कडियॉं (1970), तमस(1971), बसंती (1980), मय्यादास की माड़ी (1988), कुंतो (1993), नीलू नीलिमा नीलोफर (2000) |
कहानी संग्रह | चीफ की दावत, इंद्रजाल, वांगचू, पहला पाठ, भटकी राख, शोभायात्रा, निशाचरी, गुलेल का खेल, भाग्यरेखा, पटरियाँ, पाली, डायन |
आत्मकथा | आज के अतीत |
हजारी प्रसाद द्विवेदी ऐतिहासिक उपन्यासकार (1907 बलिया उ-प्र- – 1979) |
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उपन्यास | बाणभट्ट की आत्मकथा(1944), चारूचद्रलेखा (पात्रः सीदीमौला, राजा सातवाहन, चंद्रलेखा), पुनर्नवा (समुद्रगुप्त, आर्थक, देवरात, सुमेर काका, चंद्रा, लोरिक चंदा की कथा इसी मे नियोजित की गई है), अनामदास का पोथा |
निबंध-संग्रह | नाखून क्यों बढ़ते हैं, ठाकुर की बटोर, कालिदास की लालित्य योजना, अशोक के फ़ूल, विचार और वितर्क, कल्पता, विचार प्रवाह, कुटज, मधयकालीन धर्मसाधना, आलोकपर्व, शिरीष का फ़ूल, बसंत आ गया, देवदारू, आम फिर बौरा गये, प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद |
आलोचना | हिंदी साहित्य की भूमिका(1940), सूर साहित्य, कबीर(1942), हिंदी साहित्य का आदिकाल(1952), मध्यकालीन बोध का स्वरूप(1970), मेघदूत एक कहानी, कालिदास की लालित्य योजना, भाषा साहित्य और देश, हिंदी साहित्य का उद्भव और विकास, संदेश रासक, नाथ संप्रदाय |
संपादन | विश्व भारती पत्रिका |
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लक्ष्मी नारायण लाल प्रयोगशील उपन्यासकार |
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नाटक | अंधा कुऑं, सुंदर रस, मादा कैक्टस, रातरानी , दर्पन, सूर्यमुख, कलंकी, मि0 अभिमन्यु, कर्फ़्यू, अब्दुला दीवाना, रक्तकमल, गंगाद्वार, व्यक्तिगत, खेल नहीं नाटक, यक्ष प्रश्न, चतुर्भुज राक्षस, एक सत्य हरिश्चंद्र, संस्मरणकार धवज, सगुन पंछी, गंगा माटी, पंच पुरूष, सूखा सरोवर (काव्यनाटक), उत्तर युद्ध, नरसिंह कथा, राम की लड़ाई |
एकांकी | ताजमहल के ऑंसू, पर्वत के पीछे, नाटक बहुरंगी, दूसरा दरवाजा |
उपन्यास | धरती की ऑंखें, बया का घोसला और सॉंप, रूपाजीवा, प्रेम एक पवित्र नदी, काले-काले फूलों का पौधा, बसंत की प्रतीक्षा, देवीना, मन वृंदावन, बड़ी चंपा-छोटी चंपा |
विष्णु प्रभाकर | |
निबंध-संग्रह | हम जिनके ऋणी |
नाटक | डॉक्टर, नव प्रभात, समाधि, युगे युगे क्रांति, टूटते परिवेश, कुहासा और किरण, सत्ता के आर पार, अब और नहीं, गांधार की भिक्षुणी, श्वेतकमल, बंदिनी (प्रभात कुमार मुखोपाधयाय के देवी का अनुवाद) |
एकांकी | प्रकाश और परछाई, इंसान, बारह एकांकी, सीमारेखा |
उपन्यास | ढ़लती रात, कांत, तट के बंधन, स्वप्नमयी, दर्पण का व्यक्ति, कोई तो, अर्द्धनारीश्वर, संकल्प (तीन उपन्यासों का संकलन) |
कहानी संग्रह | धरती अब भी घूम रही है |
संस्मरण | मेरे अग्रज मेरे मीत |
यात्रवृत | हॅंसते निर्झर: दहकती भट्टी |
जीवनी | आवारा मसीहा (शरतचंद्र पर) |
भैरव प्रसाद गुप्त प्रगतिवादी उपन्यासकार |
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नाटक | चंदवरदायी |
उपन्यास | शोले, मशाल, गंगा मैया, जंजीरे और नया आदमी, सती मैया का चौरा, धरती, आशा, कालिंदी, रंभा, बांदी, नौ जबान, भाग्यदेवता, अंतिम अध्याय (व्यंग्य उपन्यास), नौजवान, आदमी और जंजीरें |
कहानियॉं | चाय का प्याला, मंगली की टिकुली, चुपचाप, ज्योतिष, झण्डा बाबा, लोहे की दीवार, सोने का पिंजडा, एक खामोश मौत, अपरिचय का घेरा, यही जिंदगी है, कदम के नीचे, घुरघुआ, फूल एक मकान एक मौत, आप क्या कर रहे हैं, ऑंख की पट्टी, चरम बिंदु |
राही मासूम रजा (1927 से 1992) |
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कविता संग्रह | (उर्दू) मौजे गुल, नया साल, अजनबी शहर: अजनबी रास्ता, अट्ठारह सौ सतावन (हिंदी-उर्दू महाकाव्य) |
उपन्यास | आधा गॉंव (1966 गाजीपुर के एक गॉंव गंगोली पर केंद्रित, यह इनका पहला उपन्यास है), टोपी शुक्ला (1969), हिम्मत जौनपुरी (1969), ओस की बूॅंद (1970), दिल एक सादा कागज (1973) सीन-75 (1977), कटरा बी आर्जू (1978), असंतोष के दिन, नीम का पेड़, महोब्बत के सिवा (उर्दू) |
कहानी संग्रह | मैं एक फेरीवाला |
जीवनी | छोटे आदमी की बड़ी कहानी |
विवेकी राय | |
निबंध-संग्रह | बबूल, फिर बैतलवा डाल पर, जलूस रूका है, गंवई पॉंव की गंधा में |
उपन्यास | बबूल, पुरूष पुराण, लोक_ण, श्वेत पत्र, सोनामाटी, समर शेष है, मंगल भवन |
रिपोर्ताज | बाढ़!! बाढ़!! बाढ़!! |
राजेंद्र अवस्थी | |
उपन्यास | सूरज किरण की छॉंव, जंगल के फूल, बीमार शहर, जाने कितनी ऑंखे, मछली बाजार |
यात्रवृत | सैलानी की डायरी |
शैलेश मटियानी | |
उपन्यास | हौलदार, चिट्टी रसैन, चौथी मुट्ठी, मुख सरोवर के हॅंस, बोरीवली से बोरीबंदर तक(रिपोर्ताज शैली मे), आकाश कितना अनंत है, बावन नदियों का संगम |
कहानियॉं | प्यास, घोड़े, हारा हुआ |
संस्मरण | लेखक की हैसियत से |
सच्चिदानंद धूमकेतू | |
उपन्यास | माटी की महक |
उदयराज सिंह | |
उपन्यास | अंधरे के विरूद्ध |
हिमांशु जोशी | |
उपन्यास | कगार की आग, बुरॉं”ा फूलते तो हैं, समय साक्षी है, छाया मत छूना मन |
हिंमाशु श्रीवास्तव | |
उपन्यास | रथ के पहिए, कथा सूर्य की नयी यात्रा |
जगदीश चंद्र | |
उपन्यास | धरती धन न अपना, यादों का पहाड़, आधा पुल, मुट्ठी भर कॉंकर, कभी न छोडें़ खेत, टुण्डा लाट, नरक कुंड में वास, घासगोदाम |
गिरिधार गोपाल प्रयोगधार्मी रचनाकार |
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उपन्यास | चॉंदनी रात के खंडर |
कृष्णचंद्र शर्मा भिक्खु | |
उपन्यास | लाल ढांग, मौत की सराय (ऐतिहासिक) |
नरेंद्र कोहली | |
नाटक | शंबूक की हत्या |
उपन्यास | अवसर, युद्ध की ओर, युद्ध, अभिज्ञान, दीक्षा (इसमे रामकथा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा गया है तथा राष्ट्रीय मानवीय पक्षों से जोड़ा गया है), जंगल की कहानी, साथ सहा गया दुख, टप्पर गाड़ी, शंखनाद, क्षमा करना जीजी |
कन्हैयालाल ओझा | |
उपन्यास | मकड़ी का जाल, अर्थांतर, सिंधु-सीमांत, सर्वनाम, सम्भवामि (हड़प्पा पर) |
राजीव सक्सेना | |
उपन्यास | पणिपुत्री सोमा (ऐतिहासिक |
कृष्णबलदेव वैद | |
नाटक | हाय हाय क्या |
उपन्यास | उसका बचपन, गुजरा हुआ जमाना, नसरीन, विमल ऊर् जाएॅ ंतो कहॉं, दर्द ला दवा, काला-कोलॉज, नर-नारी |
आनन्द यादव (आनन्द रतन यादव) मराठी लेखक |
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उपन्यास | जूझ (1990 में साहित्य अकादमी) |
ओम थानवी | |
संपादन | जनसत्ता अखबार में कार्यरत् |
राजेंद्र यादव | |
उपन्यास | उखडे़ हुए लोग, सारा आकाश, मंत्रविद्ध, एक इंच मुस्कान, प्रेत बोलते हैं, अनदेखे अनजाने पूल, शह और मात |
कहानियॉं | शहर के बीच एक वृक्ष, किनारे से किनारे तक, मेहमान, टूटना, अभिमन्यु की आत्महत्या, देवताओं की मूर्तियॉं, जहॉं लक्ष्मी कैद है, छोटे-छोटे ताजमहल, प्रतीक्षा, ढोल और अपने पार, एक दुनियॉंः समानांतर (संग्रह), यहॉं वहॉं पहॅंचने की दौड़ |
मोहन राकेश | |
नाटक | आषाढ़ का एक दिन (1958), लहरों के राजहंस (1963, अश्वघोष के सौन्दर्यानन्द पर), आधे अधूरे, 1969 दो अंक पूर्वार्ध और उत्तरार्ध (इसका प्रथम मंचन ओमपुरी के निर्देशन में सन् 1969 में दिशांतर नाट्य संस्मरणथा द्वारा हुआ), पैर तलें की जमीन (हास्य नाटक), छतरियॉं, रात बीतने तक (ध्वनि नाटक), पॉंच परदे, एकांकी–अंडे के छिलके |
उपन्यास | अंधेरे बंद कमरे, न आने वाला कल, अंतराल |
कहानियॉं | कई एक अकेले, पॉंचवे माले की लैट, मिस पाल, मलबे का मालिक, सेफ्रटीपिन, एक और जिंदगी, जख्म, ठहरा हुआ चाकू, जानवर और जानवर, मवाली |
यात्रवृत | आखिरी चट्टान तक |
संस्मरण | समय सारथी |
निर्मल वर्मा (नई कहानी) |
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निबंध-संग्रह | शब्द और स्मृति, कला का जोखिम, हर बारिश मे, शताब्दी के ढलते वर्षाें में, दूसरे शब्दों में , ढलाने से उतरते हुए |
उपन्यास | वे दिन (1964 यह निर्मल वर्मा का पहला उपन्यास है, पात्रः मैं, रायना), लाल टीन की छत (1974), एक चिथड़ा सुख, (1979), रात का रिपोर्टर (1989), अंतिम अरण्य (2000) |
कहानियॉं | परिंदे, दहलीज, लंदन की एक रात, कुत्ते की मौत, जलती झाड़ी, बीच बहस में, हिल स्टेशन, लवर्स, एक दिन का मेहमान, पिछली गर्मियों में, कव्वे और कालापानी, तीन एकांत, सूखा व अन्य कहानियाँ |
यात्रवृत | चीड़ों पर चॉंदनी, धुंध से उठती धूल, हर बारिश में |
आलोचना | शब्द और स्मृति |
गिरीश अस्थाना | |
उपन्यास | धूप छाहीं रंग, धूलभरे चेहरे |
गिरिराज किशोर | |
नाटक | प्रजा ही रहने दो, घास और घोड़ा, चेहरे चेहरे किसके चेहरे, नरमेधा, केवल मेरा नाम लो, जुर्म आयद |
उपन्यास | लाग, जुगलबंदी, यथा प्रस्तावित यात्रयें, चिड़ियाघर, पहला गिरमिटिया (गांधीजी के अफ्रीका प्रवास पर), दो, परिशिष्ट, अंतधर्वंस, ढाई घर, इंद्रसुनें, दावेदार, तीसरी सत्ता |
कहानियॉं | नया, चार मोती, बेआब, नीम के फूल, पेपरवेट, रिश्ता |
शानी | |
उपन्यास | काला जल, कस्तूरी, सॉंप और सीढ़ी, पत्थरों में बंद आवाज, नदी और सीपियॉं |
कहानियॉं | इमारत ढहाने वाला |
जगदंबा प्रसाद दीक्षित महानगरीय बोधा के उपन्यासकार |
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उपन्यास | मुरदाघर, कटा हुआ आसमान, अकाल |
गोपाल उपाध्याय | |
उपन्यास | एक टुकड़ा इतिहास |
महीपसिंह (महानगरीयबोधा के उपन्यासकार) | |
उपन्यास | यह भी नहीं |
शिवसागर मिश्र | |
उपन्यास | अक्षत, दूब जनम आयी, जनमेजय बचो, मगध की जय, अजन्मा वह, राज तिलक |
गंगाप्रसाद विमल | |
उपन्यास | मृगांतक, मरीचिका, कहीं कुछ और, अपने से अलग |
कहानियॉं | प्रश्नचिह्न, एक और विदाई |
आलोचना | समकालीन कहानी का रचना विधान |
ख्वाजा बदी उज्जमा | |
उपन्यास | एक चूहे की मौत (महानगरीय जीवन पर), छठा तंत्र, सभापर्व, छाको की वापसी |
देवेश ठाकुर | |
उपन्यास | भ्रगभंग, प्रिय शबनम |
योगेश गुप्त | |
उपन्यास | उनका फेैसला |
कहानियॉं | एंक्लोजर |
कमलेश्वर (नई कहानी) (1932 मैनपुरी से 2007) |
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नाटक | अधूरी आवाज, चारूलता |
उपन्यास | एक सड़क सत्तावन गलियॉं, काली ऑंधी, समुद्र में खोया हुआ आदमी, डाक बंगला, आगामी अतीत, लौटे हुए मुसाफिर, तीसरा आदमी, कितने पाकिस्तान (साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत), वही बात |
कहानियॉं | राजा निरबंसिया, खोया हुआ आदमी, तला”ा, पीला गुलाब, खोई हुए दि”ााएॅं, एक अ”लील कहानी, नीली झील, मॉंस का दरिया, इतने अच्छे दिन, देवा की मॉं, कस्बे का राजा, हमपेशा सोलह छतों वाला घर जिंदा मुर्दे |
रिपोर्ताज | क्रांति करते हुए आदमी का देखना |
संपादन | सारिका, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर |
मनोहर श्याम जोशी (1935 कुआऊं से 2006 दिल्ली) |
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उपन्यास | कुरू कुरू स्वाहा(व्यंग्य उपन्यास), कसप, क्याप, ट-टा-प्रोफेसर, हरिया हरकुलिस की कहानी, हमजाद, नेता जी कहिन, हमलोग (दूरदर्शन धारावाहिक की पटकथा) |
व्यंग्य संग्रह | एक दुर्लभ व्यक्तित्व, कैसे किस्सागो, मंदर घाट की पोड़ियाँ, षष्ठी वल्लभ पंत, इस देश का यारों क्या कहना |
संस्मरण | लखनऊ मेरा लखनऊ, पश्चिमी जर्मनी पर एक उड़ती नजर |
साक्षात्कार लेख | बातों-बातों में, इक्कीसवीं सदी |
धारावाहिक | हम लोग, बुनियाद, मुंगेरीलाल के हसीन सपने |
संपादन | दिनमान, साप्ताकि हिंदुस्तान |
श्रीलाल शुक्ल | |
उपन्यास | सूनी घाटी का सूरज (1957 यह श्रीलाल शुक्ल का पहला उपन्यास है) अज्ञातवास, (1963) रागदरबारी(1968, रिपोर्ताज “ौलीऋ, पूर्वांचल का शिवपालगंज गॉंव सीमाएॅं टूटती हैं, 1973 मकान, 1976 पहला पड़ाव, 1987 बिस्रामपुर का संत 1998 (भूदान आंदोलन पर) आदमी का जहर, |
अमरकांत (1925 बलिया) |
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उपन्यास | सूखा पत्ता, सूखजीवी, ग्राम सेविका, कंटीली राह के फूल, काल उजले दिन, दीवार और ऑंगन बीच की दीवार, इन्हीं हथियारों से |
कहानी संग्रह | देश के लोग, मित्र मिलन, मौत का नगर, कुहासा |
कहानियॉं | जिंदगी और जोंक, बहादुर, दोपहर का भोजन, डिप्टी कल्कटरी, खलनायक, हत्यारे, बस्ती, मूस, सप्ताहांत, महान |
संपादन | सैनिक (पत्र), कहानी (पत्रिका) |
केवल सूद | |
उपन्यास | मुर्गीखाना |
महेंद्र भल्ला | |
उपन्यास | एक पति के नोट्स, दूसरी तरफ़, उड़ने से पे”तर, दो देश और तीसरी उदासी |
कहानियॉं | तीन चार दिन |
हरिशंकर परसाई (1922 से 1995) |
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उपन्यास | रानी नागफनी की कहानी (व्यंग्य उपन्यास), तट की खोज |
कहानी संग्रह | हँसते हैं रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे |
कहानियॉं | भोलाराम का जीव |
निबंध-संग्रह | भूत के पॉंव पीछे, निंदारस, सदाचार का ताबीज, निठल्ले की डायरी, शिकायत मुझे भी है, बेईमानी की परत, पगडडियों का जमाना, और अंत में |
व्यंग्य लेख | वैष्णव की फिसलन, तिरछी रेखाएँ, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर |
पत्रिका | वसुधा |
रमेश बक्षी | |
नाटक | देवयानी का कहना है, तीसरा हाथी, बामाचार, कसे हुए तीर |
उपन्यास | अठारह सूरज के पौधे, बैसाखियों वाली इमारत, खुले आम, चलता हुआ लावा, एक घिसा हुआ चेहरा, हम तिनके |
मार्कण्डेय | |
उपन्यास | अग्निबीज, सानेल का फूल |
कहानियॉं | हंसा जाई अकेला, आदर्शों का नायक, बीच लोग, भूदान, माही, गुलरा के बाबा, महुए का पेड़, पान फूल |
आलोचना | कहानी की बात |
शिवप्रसाद सिंह | |
निबंध-संग्रह | शिखरों के सेतु |
नाटक | घाटियॉं गूॅंजती है, चिरंजीत, तस्वीर उसकी |
उपन्यास | अलग-अलग वैतरणी, गली आगे मुड़ती है, शैलूष, औरत, मंजुशिमा, वैश्वानर, नीला चॉंद, कुहरे में युद्ध, दिल्ली दूर है |
कहानियॉं | खैरा पीपल कभी न डोले, नन्हो, आरपार की माला, मुर्दासराय, इन्हें इंतजार है, दादी मॉं, बिंदा महाराज |
जीवनी | उत्तरयोगी (श्री अरविंद पर) |
हृदयेश | |
उपन्यास | हत्या, एक कहानी अंतहीन, सफेद घोड़ा काला सवार, सांड, पुनर्जन्म, दंडनायक, पगली घंटी, गांठ |
काशीनाथ सिंह | |
नाटक | घोआस |
उपन्यास | अपना मोर्चा (छात्र आंदोलन पर) |
कहानियॉं | सुधीर घोषाल, कहानी सराय मोहन की, अपना रास्ता लो बाबा, चाय घर में मृत्ये चोट, हस्तक्षेप, सूचना, कविता की नई तारीख, लालकिले का बाज |
सतीश जमाली | |
नाटक | आदमी आजाद है |
उपन्यास | प्रतिबद्ध कहानियॉं– प्रथम पुरूष, सहपाठी, निर्णय, चुनौती |
रमाकांत | |
उपन्यास | जुलूस वाला आदमी, तीसरा देश, प्यारा फर्जी अदब, छोटे-छोटे महायुद्ध |
स्वयंप्रकाश (समकालीन कहानी) (1947 इंदौर) |
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उपन्यास | बीच में विनय, ईंधन |
कहानी संग्रह | सूरज कब निकलेगा, आएंगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी, संधान |
संपादन | वसुधा (पत्रिका भोपाल से) |
पंकज बिष्ट | |
उपन्यास | लेकिन दरवाजा (महानगरीय जीवन पर), उस चिड़िया का नाम |
रमेश उपाधयाय | |
नाटक | पेपर वेट |
उपन्यास | दंडद्वीप, स्वप्नजीवी, हरे फ़ूल की खुशबू |
कहानियॉं | किसी बहाने |
कामतानाथ | |
उपन्यास | समुद्र तट पर खुलने वाली खिड़की, एक और हिंदुस्तान, तुम्हारे नाम, कालकथा |
मंजूर एहतेशाम | |
नाटक | तसबीह |
उपन्यास | सूखा बरगद, दास्तान ए लापता |
अब्दुल बिस्मिल्लाह | |
नाटक | झीनी-झीनी बीनी चदरिया, मुखडा क्या देखे |
संजीव | |
उपन्यास | किसनगढ़ के अहेरी, सर्कस, सावधाान! आखिरी दिन, पुनर्वास |
कहानियॉं | आप यहॉं हैं |
रमेशचंद्र शाह | |
नाटक | मारा जाई खुसरो |
निबंध-संग्रह | समानांतर, बागार्थ, शैतान के बहाने, साहित्य में आज का गतिरोध, समकालीन रचना में स्वतंत्रता का अर्थ |
उपन्यास | गोबर गणेश, किस्सा गुलाम, आखिरी दिन, पुनर्वास |
आलोचना | छायावाद की प्रासंगिकता, जयशंकर प्रसाद, वागर्थ, समानांतर भारतीय साहित्य के निर्माता, अज्ञेय: भागर्थ का वैभव |
वीरेंद्र जैन | |
उपन्यास | डूब, पार, पंचनामा |
सुरेश कांत | |
उपन्यास | धम्मं शरणम् |
कमलाकांत त्रिपाठी | |
उपन्यास | पाहीघर(1857 के स्वाधीनता संग्राम की पृष्ठभूमि में अवध की जनता में मानसिक उद्वेवन की कथा), बेदखल |
सुरेंद्र वर्मा | |
नाटक | द्रौपदी (1970), सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक (1975), आठवॉं सर्ग 1976 (कुमारसंभव के आठवें सर्ग पर), सेतुबंध, नायक खलनायक और विदूषक, नींद क्यों रात भर नहीं आती, वे नाक से बोलते है, मरणोपरांत, हरी घास पर घंटे भर, शनिवार को दो बजे, छोटे सैयद बडे सैयद, शकुंतला की अंगूठी, एक दूनी एक, कैद ए हयात |
उपन्यास | अंधेरे से परे, मुझे चॉंद चाहिए (1993, पात्रःयशोदा, वर्षा वशिष्ठ (नायिका), दिव्या कात्याल, हर्ष (नायक), दो मुर्दाें के लिए गुलदस्ता |
असगर बजाहत (1946 फतेहपुर) |
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नाटक | इन्ना की आवाज, वीरगति, फिरंगी लौट आये, सबसे सस्ता गोश्त (संकलन), पॉंच नाटक (संकलन), जिस लाहौर नहीं देखया वो जन्मेई नई, समिधा, अकी, नुक्कड़ नाटक |
उपन्यास | सात आसमान, पहर दोपहर, रात में जागने वाले, कैसी अग्नि लगाई |
कहानी संग्रह | दिल्ली पँहुचना है, स्वीमिंग पूल, सब कुछ कहाँ, आधी बानी, मैं हिंदू हँू, कुछ बूँद (धारावाहिक), कहानियॉं — केक |
रामकुमार भ्रमर | |
उपन्यास | कांचघर |
शमशेर सिंह नरूला | |
उपन्यास | एक पंखड़ी की तेज धार |
प्रयाग शुक्ल | |
उपन्यास | गठरी, लौट कर आने वाला दिल |
श्याम व्यास | |
उपन्यास | एक प्याला तालाब |
ओमप्रकाश दीपक | |
उपन्यास | कुछ जिंदगानियॉं बेमतलब |
हरिप्रकाश त्यागी | |
उपन्यास | दूसरा आदमी लाओ |
सुरेंद्र तिवारी | |
नाटक | दीवारें |
उपन्यास | फिर भी कुछ |
कहानी संग्रह | वार्ड नम्बर टू |
रवींद्र कालिया | |
उपन्यास | खुदा सही सलामत ह |
कहानियॉं | कहानी अधूरी ही है, छाया मद्ध |
यादवेंद्र शर्माचंद्र | |
उपन्यास | हजार घोड़ों का सवार, ढ़ोलन कुंजकली |
कहानियॉं | स्वयं के निगलते हुए, महापुरूष |
सुदर्शन चौपड़ा | |
नाटक | अपनी पहचान |
उपन्यास | सम्मोहन |
द्रोणवीर | |
उपन्यास | टूटे हुए सूर्य |
अनिरूद्ध पांडेय | |
उपन्यास | पन्ना पुखराज |
मुद्राराक्षस | |
नाटक | तिलचट्टा (हास्य नाटक), योर्स फूथफुली (हास्य नाटक), मरजीना (हास्य नाटक), तेंदुआ (हास्य नाटक), गफांए, संतोला (हास्य नाटक), आला अफसर (अनुवाद गोगोल के द गर्वनमेन्ट ऑफिसर का) |
उपन्यास | हम सब मंसाराम, दंडविधाान |
कहानियॉं | मुठभेड़ |
भगवान सिंह | |
उपन्यास | अपने अपने राम, महाभीषण |
रवींद्र वर्मा | |
उपन्यास | निन्यानबे |
मायानंद मिश्र | |
उपन्यास | पुरोहित |
भगवानदास मोरवाल | |
उपन्यास | काला पहाड़ |
कहानियॉं | पहली हत्या, ललिहार, जीने के लिए, सूर्यास्त से पहले |
रघुवंश | |
उपन्यास | अर्थहीन |
यात्रवृत | हरी घास, ए पार बंग्ला ओ पार बंग्ला (बंग्ला शंकर से अनुवाद) |
आलोचना | साहित्य का नया परिप्रेक्ष्य, ऽ आधाुनिक साहित्य का परिप्रेक्ष्य |
ममता कालिया (1940 मथुरा) |
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नाटक | आप न बदलेंगे |
उपन्यास | बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, एक पत्नी के नोट्स, सॉंची, दौड़, लड़कियाँ |
कहानी संग्रह | पच्चीस साल की लड़की, थियेटर रोड़ के कौवे |
उषा प्रियंवदा | |
उपन्यास | पचपन खंबे लाल दीवारें (सुषमा नायिका), रूकोगी नहीं—-राधिका?, जय यात्र |
कहानियॉं | वापसी, जिंदगी और गुलाब के फूल, एक कोई दूसरा, फिर बसंत आया |
कृष्णा सोबती 18 फरवरी 1925 गुजरात |
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उपन्यास | डार से बिछुड़ी(1958), मित्रे मरजानी 1967 (लंबी कहानी के रूप में चर्चित), सूरजमुखी अँधेरे में(1972 पात्रःरती), जिंदगीनामा (1979 की पंजाब विभाजन पूर्व स्थिति पर), दिल ओ दानि”ा(1993), यारों के यार, आदमीनामा, ए लड़की (1991), समय सरगम (2000) |
कहानी संग्रह | बादलों के घेरे |
कहानियॉं | मित्रे मरजानी, डार से बिछुडी, यारों की यार, तीन पहाड़, नामपट्टिका का, ए लड़की (लंबी कहानियॉं हैं), बादलों के घेरे |
संस्मरण | हम हशमत, शब्दों के आलोक में (शब्द चित्र) |
1981 में शिरोमणी 1982 में हिंदी अकादमी 2001 में शलाका 1980 में साहित्य अकादमी 1996 में साहित्य अकादमी फैलोि”ाप |
मन्नू भंडारी (नई कहानी) (1931 मध्यप्रदेश) |
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नाटक | बिना दीवारों के घर, महाभोज (उपन्यास का नाट्य रूपांतरण) |
उपन्यास | एक इंच मुस्कान (1962, पति राजेन्द्र यादव के साथ), आपका बंटी (1971 पात्रः शकुन और जय, तलाकशुदा पति-पत्नी और उनके बच्चे पर), महाभोज (1979 राजनीतिक विसंगतियों पर रचित, पात्रः दा साहब, बिससेर, बिंदा), स्वामी |
कहानी संग्रह | एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, त्रिशंकु, आँखों देखा झूठ |
कहानियॉं | क्षण, यही सच है, आकाश के आईने में, कृषक, मैं हार गयी, तीन निगाहों की एक तस्वीर, एक लैट सैलाब, ऑंखों देखा झूठ, रेत की दीवार, त्रिशंकु, अलगाव, तीसरा आदमी, एखाने आकाश नेई |
आलोचना | संकल्प का सौंदर्यशास्त्र |
शशिप्रभा शास्त्री | |
उपन्यास | अमलतास, नावें, सीढ़ियां, उम्र एक गलियारे की, मीनारें |
मृदुला गर्ग (1938) |
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निबंध | रंग ढंग, चुकते नहीं सवाल |
नाटक | एक और अजनबी, तुम लौट जाओ, जादू का कालीन |
उपन्यास | उसके हिस्से की धूप, चितकोबरा, अनित्य, मै और मैं, कठगुलाब, वंशज |
कहानियॉं | कितनी कैदें, टुकड़ा-टुकड़ा आदमी ऊर् सैम, डैफोडिल जल रहे हैं, ग्लेिशियर से, शहर के राम, दुनिया का फायदा, उसका विद्रोह, संगति-विसंति (कहानी संग्रह दो खंडो में) |
सुधा अरोड़ा (1948) |
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कहानी संग्रह | बगैर तराशे हुए, युद्ध विराम, महानगर की भौतिकी, काला शुक्रवार, काँसे का गिलास, औरत की कहानी |
लेख संग्रह | औरत की दुनिया बनाम दुनिया औरत की |
जीवनी | ज्योतिबा फूल |
ओमप्रकाश बाल्मीकि | |
कविता संग्रह | सदियों का संताप, बस बहुत हो चुका |
कहानी संग्रह | सलाम, घुसपैठिये |
आत्मकथा | झूठन |
लेख | दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र |
मधु कांकरिया | |
उपन्यास | पत्ताखोर |
कहानी संग्रह | सलाम आखिरी, खुले गगन के लाल सितारे, बीतते हुए, अंत में ईशु |
कृष्णनाथ | |
यात्र वृतांत | लद्दाख में राग-विराग, किन्नर धर्मलोक, स्पीति में बारिश, पृथ्वी परिक्रमा, हिमाल यात्र, अरुणाचल प्रदेश |
कृश्नचंदर | |
उपन्यास | शिकस्त, जरगाँव की रानी, सड़क वापस जाती है, आसमान शैतान है, एक गधे की आत्मकथा, अन्नदाता, हम वहशी हैं, जब खेत जागे, बावन पत्ते, एक वायलिन समुद्र किनारे, कागज की नाव, मेरी यादों के किनारे |
कहानी संग्रह | एक गिरिजा-ए-खंदक, यूकेलिप्ट्स की डाली |
कहानियाँ | महालक्ष्मी का पुल, आईने के सामने, जामुन का पेड़ |
राजी सेठ | |
उपन्यास | तत्सम्, निष्कवच |
कहानियॉं | यह कहानी नहीं, पुल |
निरूपमा सेवती | |
उपन्यास | पतझड़ की आवाजें, बंटता हुआ आदमी, मेरा नरक अपना है |
मृणाल पांडेय | |
नाटक | मौजूदा हालात को देखते हुए, जो राम रचि राखा, काजर की कोठरी, आदमी जो मछुवारा नहीं था, चोर निकल के भागा |
उपन्यास | विरूद्ध, पटरंगपुर पुराण, देवी, रास्तों पर भटकते हुए |
कहानियॉं | चार दिन की जवानी तेरी, यानि कि एक बात थी, बचुली चौकीदारिन |
मंजुल भगत | |
उपन्यास | अनारो, लेडी क्लब |
कहानियॉं | सफ़फेद कौैआ, मृत्यु की ओर, बूॅंद, गुलमोहर के गुच्छे |
कुसुम कुमार | |
नाटक | ओम क्रांति क्रांति, सुनो शेफाली, दिल्ली ऊॅंची सुनती है, संस्कार को नमस्कार, रावणलीला, मरसिया, पवन चतुर्वेदी की डायरी, मादा मिट्टी |
उपन्यास | हीरामन हाई स्कूल |
कमल कुमार | |
उपन्यास | अपार्थ |
चित्र मुद्गल | |
उपन्यास | एक जमीन अपनी |
इला डालमियां | |
उपन्यास | छत पर अपर्णा |
नासिरा शर्मा | |
उपन्यास | सात नदियॉं: एक समुंदर, शाल्मली, जिंदा मुहावरे, ठीकर की मंगनी |
कहानियॉं | खुदा की वापसी |
प्रभा खेतान | |
उपन्यास | आओ, पेपे घर चलें, छिन्नमस्ता (पात्रःप्रिया), अपने अपने चेहरे, पीली ऑंधी |
मैत्रेयी पुष्पा | |
उपन्यास | बेतवा बहती रही, इदन्नमम (नायिकाःमंदा), चाक, झूला नट, स्मृतिदंश, विजन, अग्नपांखी, अल्मा कबूतरी |
कहानियॉं | चिंटार, ललमलियॉं |
मेहरून्निसा परवेज | |
उपन्यास | उसका घर, ऑंखाें की दहलीज |
सूर्यबाला | |
उपन्यास | मेरे संधिपत्र |
कुसुम अंसल | |
उपन्यास | अपनी अपनी यात्रा |
अलका सरावगी | |
उपन्यास | कलिकथा: वाया बाईपास, शेष कादंबरी |
कहानी संग्रह | कहानी की तलाश में, दूसरी कहानी |
शिवानी | |
उपन्यास | चौदह फॅेरे, कृष्णकली |
कहानियॉं | सती, करिये छिमा |
कृष्णा अग्निहोत्री | |
उपन्यास | टपरेवाले |
मालती लफ़कर | |
उपन्यास | इन्नी |
रजनी पणिकर | |
उपन्यास | महानकर की गीता, दूरियॉं |
मालती जोशी | |
उपन्यास | पाषाण युग |
मीनाक्षी पुरी | |
उपन्यास | जाने पहचाने अजनबी |
कांता भारती | |
उपन्यास | रेत की मछली |
मैत्रेयी देवी | |
उपन्यास | झिपया, न हन्यते |
पद्मा सचदेवा | |
उपन्यास | भटको नहीं धनंजय |
यात्रावृत | मैं कहती हॅूं ऑंखिन देखी |
साक्षात्कार | मितवाघर, दीवानखाना |
ऋता शुक्ल | |
उपन्यास | अग्निपर्व |
प्रतिभा डावर | |
उपन्यास | वह मेरा चॉंद |
ब्रजनंदन सहाय | |
नाटक | सत्यभामा |
उपन्यास | सौन्दर्योपासक (सामाजिक उपदेश प्रधान), राधाकांत (सामाजिक उपदेश प्रधान) |
लक्ष्मीनारायण मिश्र (समस्यामूलक नाटककार) |
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नाटक | अशोक, सन्यासी, राक्षस का मंदिर, मुक्ति का रहस्या, राजयोग, सिंदूर की होली, आधीरात, गरूड़धवज, नारद की वीणा, वत्सराज, दशाश्वमेघ, कवि भारतेंदु, वितस्ता की लहरें, चक्रव्यूह, वैशाली में वसंत, जगतगुरू, अपराजिता, धरती का हृदय, चित्रकूट, मृत्युंजय |
सेठ गोविंददास | |
नाटक | कुलीनता, शेरशाह, कर्ण, कर्त्तव्य, सिंहल द्वीप, रहीम, कवि भारतेंदु महाप्रभु, वल्लभाचार्य, अशोक, भिक्षु से गृहस्थ, गृहस्थ से भिक्षु, स्नेह वा स्वर्ग (गीतिनाट्य) |
यात्रवृत | सुदूर दक्षिण पूर्व, पृथ्वी की परिक्रमा |
आत्मकथा | आत्मनिरीक्षण |
हरिकृष्ण प्रेमी | |
नाटक | रक्षाबंधन, शिवसाधना, प्रतिशोध, आहुति, स्वप्नभंग, मित्र, विषपान, प्रथम जौहर, शतरंज के खिलाड़ी, प्रकाशस्तंभ, भग्नप्राचीर, विदा, सॉंपों की सृष्टि, रक्तदान, साहिनी-महिवाल, अमरगान, सीमा संरक्षण, अमर बलिदान, शक्ति साधना, अमृतपुत्री, स्वर्णविहिन (काव्य), पातालविजय, आन का मान, जौहर, छाया उद्धार, बंधन |
एकांकी | मातृ मंदिर, राष्ट्रमंदिर, न्याय मंदिर, वाणी मंदिर |
परिपूर्णानन्द वर्मा | |
नाटक | नाना फड़नवीस, सन् सत्तावन की क्रांति, वाजिद अलीशाह |
सिद्धनाथ कुमार | |
नाटक | सृष्टि की सॉंझ और अन्य काव्य नाटक |
रामवृक्ष बेनीपुरी (1899 मुजफ्रफरपुर से 1868) |
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नाटक | अंबपाली, तथागत, विजेता चाणक्य, सीता की मॉं |
एकांकी | सच्चा धार्म, सप्तरश्मि, ईद और होली, एकादशी, पंचभूत, चतुष्पथ (संकलन) |
निबंध-संग्रह | गेंहॅूं और गुलाब, बंदे वाणी विनायकौ |
उपन्यास | पतितों के देश में |
कहानी | चिता के फूल |
यात्रवृत | पैरों में पंख बॉंधकर, राह बीती, लोहे की दीवार के दोनों ओर |
संस्मरण | लाल तारा, (रेखाचित्र) माटी की मूरतें, (रेखाचित्र), गेहॅूं और गुलाब, मील के पत्थर, जंजीरे और दीवारें |
बलराज साहनी | |
नाटक | कच देवयानी, पुनरावृति (काव्यनाटक) |
केदारनाथ मिश्र प्रभात | |
काव्य-संग्रह | कैकेयी (प्रबंधकाव्य), कर्ण (खण्डकाव्य), शुभ्रा (गीतिकाव्य), बैठो मेरे पास, ऋतम्बरा (प्रबंध काव्य, यह प्रलयवर्णन से प्रारंभ होकर मानव सृष्टि के भविष्य पर रचित) |
नाटक | अंगुलिमाल (काव्यनाटक– कालदान, संवर्त, स्वर्णाेदय) |
देवराज दिनश | |
नाटक | मानव प्रताप, यशस्वी भोज |
अमृत नाहटा | |
नाटक- | किस्सा कुरसी का |
प्रियदर्शी प्रकाश | |
नाटक | सभ्य सॉंप |
विभुकुमार | |
नाटक | तालों में बंद प्रजातंत्र, कहें ईसा सुनें मूसा |
आशीष सिन्हा | |
नाटक | एक उदास शाम |
सुदर्शन नारंग | |
नाटक | शवयात्रा |
विश्वेश्वर | |
नाटक | बहिष्कार |
मधुकर सिंह | |
नाटक | सुबह के लिए |
कहानियॉं | तीसरी सॉंस, शिकस्त |
दयाप्रकाश सिन्हा | |
नाटक | सॉंझ सबेरा, भॅंवर, दुश्मन, इतिहास चक्र, ओह अमरीका, कथा एक कंस की, सादर आपका, मेरे भाई मेरे दोस्त, सीढ़ियॉं |
ललित सहगल | |
नाटक | हत्या एक आकार की, वरदान, गुफावासी |
ज्ञानदेव अग्निहोत्री | |
नाटक | नेफा की एक शाम, वतन की आबरू, चिराग जल उठा, शुतुरमुर्ग (हास्य नाटक), अनुष्ठान, माटी जागी रे |
शंकर शेष | |
नाटक | मुर्तिकार, नयी सभ्यता के नये नमूने, रत्नगर्भा, विवाह मंडप, बेटों वाला बाप, तिल का ताड़, बिन बाती के दीप, बंधान अपने अपने, फंदी, खजुराहों का शिल्पी, एक और द्रोणाचार्य, घरौंदा, अरे मायावी सरोवर, रत्नगर्भा आधी रात के बाद, बाढ़ का पानी |
ब्रजमोहन शाह | |
नाटक | त्रिशंकु (हास्य नाटक), शह ये मात (हास्य नाटक), युद्धमन, अलगोजा |
हमीदुल्ला | |
नाटक | समय संदर्भ (हास्य नाटक), एक और युद्ध (हास्य नाटक), उलझी आकृतियॉं (हास्य नाटक), दरिंदे (हास्य नाटक), घरबंद, दूसरा पक्ष, अपना अपना दर्द, उत्तर उर्वशी, हर बार |
सशील कुमार सिंह | |
नाटक | बापू की हत्या हजारहवीं बार, सूरज जल धारती पर, अँधेरे के राही, सिंहासन खाली है, चार यारों की यार, नागपाश, गुडबाई स्वामी, नारी की सलीब |
चिरंजीत | |
नाटक | बेकारी, (हास्य नाटक), संघर्ष (हास्य नाटक), |
बलराज पंडित | |
नाटक | पॉंचवॉं सवार (हास्य नाटक), लोग उदासी, एक और तथागत, जनाने दॉंत का अस्पताल |
प्रभाकर श्रोतिय | |
नाटक | इला, फिर से जहॉंपनाह |
आलोचना | संवाद, रचना एक यातना है, कालयात्री है कविता, मेघदूत: एक अंतर्यात्रा, जयशंकर प्रसाद की प्रासंगिकता |
शरद जोशी (1931 उज्जैन से 1991) |
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नाटक | अंधों का हाथी, एक था गधा उर्फ अलादाद खॉं |
निबंध | तिलस्म, जीप पर सवार इल्लिया, यथासंभव, श्रीगणेशाय नमः, भैसन्ह मांह रहता नित, बकुला, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, सरकार का जादू, बिल्लियों का अर्थशास्त्र, दूतावासों के चक्कर, हर फूल दिल्लीमुख, बंसी वाले का पुजारी, साहित्य का महाबली, बुद्धिजीवी, अर्थब्रह्म, नदी में खड़ा कवि, प्रभु हमें डॉक्ट्रेट से बचा, अब मैं रीतिकाल की ओर लौट रहा हॅूं, मधाुबाला से टीवी बाला तक, नये मेघदूत यत्र तत्र सर्वत्र, परिक्रमा किसी बहाने रहे, किनारे बैठ, दूसरी सतह, प्रतिदिन |
उपन्यास | मैं मैं केवल मैं, उर्फ कमलमुख बी-ए |
शंकर पुण्ताम्बेकर | |
नाटक | बचाओ मुझे डॉक्टरों से बचाओ, शीशे के टुकड़े |
विलास गुप्ते | |
नाटक | आदमी का गोश्त, आपके कर कमलों से |
आलोक शर्मा | |
नाटक | चेहरों का जंगल |
सत्यव्रत सिन्हा | |
नाटक | अमृतपुत्र |
विनोद रस्तोगी | |
नाटक | आजादी के बाद, नया हाथ, बर्फ्र की मीनार |
काव्य नाटक | सूतपुत्र |
एकांकी | बहू की विदा |
संतोष कुमार नौटियाल | |
नाटक | चाय पार्टियॉं |
कणद ऋषि भटनागर | |
नाटक | जहर, जनता का सेवक |
हबीब तनवीर (1923) |
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नाटक | आगरा बाजार, राज चंबा और चार भाई, गॉंव के गॉंव ससुरार मोर नॉंव दामाद, ख्याल ठाकुर पृथ्वीपालसिंह, चरनदास चोर, देख रहे हैं नैन |
सत्यप्रकाश सेंगर | |
नाटक | दीप से दीप जले |
रेवतीशरण शर्मा | |
नाटक | अपनी धरती |
राजेश जैन | |
नाटक | कोयल चली हंस की चाल |
सुरेंद्र गुलारी (हास्य नाटककार) | |
नाटक | दाल में काला, शाबास अनारकली |
करूणालय (प्रसाद), हिंदी का पहला काव्य नाटक माना जाता है।
रामसिंहासन राय | |
काव्यनाटक | मांस का विद्रोह |
वीरेंद्र नारायण | |
काव्यनाटक | सूरदास |
रामेश्वर सिंह कश्यप | |
काव्यनाटक | समाधाान, अपराजेय निराला |
मंजुला गुप्ता | |
काव्यनाटक | दुष्यंत प्रिया |
प्रभात कुमार भट्टाचार्य | |
काव्यनाटक | काठमहल |
लक्ष्मीनारायण भारद्वाज | |
काव्यनाटक | प्रतिश्रुत, अश्वत्थामा |
डॉ- चंद्रशेखर | |
काव्यनाटक | शिवधनुष रोशनी के सेतुबंध |
पारसनाथ गोवर्धन | |
काव्यनाटक | दंशित आस्थाएँ |
एब्सर्ड नाटक(हास्य नाटक),
भुवनेश्वर के संग्रह कारवॉं से एब्सर्ड नाटकों की शुरूआत होती है। महत्वपूर्ण है–
एकांकी———————जयशंकर प्रसाद के एक घूॅंट को हिंदी का पहला एकांकी माना जाता है। परंतु आधुनिक ढंग का पहला एकांकी बादल की मुत्यु (डॉ- राम कुमार वर्मा) को माना जाता है।
कहानी
नयी कहानी—-नयी कहानी आंदोलन 1956 के आसपास “ाुरू होता है जिसमें मुख्य रूप् से तीन कहानी कार-मोहन राके”ा, राजेंद्र यादव तथा कमले”वर, दो आलोचक नामवर सिंह व देवी”ांकर अवस्थी तथा एक कहानी पत्रिकाओं द्धकहानी, उपन्यासऋ, के संपादक भैरवप्रसाद गुप्त भाग लेते हैं।
कुछ अन्य कहानी कार भी आरंभ में इस आंदोलन से जुडे़–मार्कण्डेय, ि”ावप्रसाद सिंह, निर्मल वर्मा।
निर्मल वर्मा की कहानी परिंदे से नयी कहानी की “ाुरूआत होती है।
सचेतन कहानी– 1964 में आधर पत्रिका संचेतना के संपादक डॉ-महीप सिंह ने सचेतन कहानी का प्रवर्तन किया
सहज कहानी–अमृतराय
समकालीन कहानी–गंगाप्रसाद विमल
अकहानी–जगदीश चतुर्वेदी
समानांतर कहानी– —1971– कमलेश्वर—धर्मयु) में ऐयाश प्रेतों का विद्रोह नाम से इनका एक लेख छपा। इस आंदोलन की वाहिका सादिकी पत्रिका बनी।
सक्रिय कहानी–राकेश वत्स
विद्यालंकार | |
उपन्यास | न्याय की रात |
कहानी संग्रह | एक ओर हिंदुस्तानी का जन्म हुआ, हूक |
कमल जोशी | |
कहानियॉं | शौराजी, पत्थर की ऑंखें |
कमलाकांत वर्मा | |
कहानी संग्रह | खंडहर, तकली, पगडण्डी, |
सुरेश सिन्हा | |
कहानी संग्रह | पानी की मीनारें, नीली धुंध के आरपार, कई कुहरे, एक अपरिचित दायरा |
ज्ञानरंजन | |
कहानियॉं | फेस के इधर और उधर, घंट, बहिर्गमन, एक और अनुभव, पिता, संबंध, रचनाप्रक्रिया, यात्र, शेष होते हुए, सपना नहीं |
नीरज सिंह | |
कहानी संग्रह | मोहभंग, उसकी वापसी, एक होते हुए, तिलचट्टा |
शेखर जोशी (नई कहानी) (1932 अल्मोड़ा) |
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कहानियॉं | दाज्यू, कोसी की घटवार, शुभो दीदी, प्रश्नवाचक आकृतियॉं, मेंटल, बोझ, बच्चे का सपना, गाइड, प्रथम साक्षात्कार, नौरंगी, बीमार है, विडुवा, संवादहीन, किस्सागो, बिरादरी, नेकलेस, निर्णय, आशीर्वचन, डांगरीवाले, बदबू, हलवाहा, कौसी का घटवार साथ के लो |
शब्द चित्र | एक पेड़ की याद |
जितेंद्र भाटिया | |
कहानियॉं | शहादतनामा |
विवेकानंद | |
कहानियॉं | गुंजन शर्मा बीमार है, देर से आई बारात, लाल लकीर, शरीफ लोग, शिवालिंगम्, चाेंचले, मटुआ छाया |
अखिलेश | |
कहानी संग्रह | जलडमरूमधय, शापग्रस्त |
प्रकाश | |
कहानी संग्रह | अँधेरे के सिलसिले |
इसराइल | |
कहानी संग्रह | अर्थहीन |
वेद राही | |
कहानी संग्रह | हर रोज |
अमितेश्वर | |
कहानियॉं | हुक्कापाली, तीलियॉं |
दिनेश पालीवाल | |
कहानी संग्रह | तोताचश्य, स्वीकारोक्ति, गिरता जटायु |
रमेश बतरा | |
कहानी संग्रह | थप्पड़, लड़ाई |
विकल गौतम | |
कहानियॉं | शापित गंधर्व |
विजयमोहन सिंह | |
कहानियॉं | शेरपुर 15 मील, एक बंगला बने न्यारा, गमे हस्ती का हो किसके |
आलोचना | कथा समय |
रजिया सज्जाद जहीर | |
कहानी संग्रह | ज़र्द गुलाब |
नंददुलारे वाजपेयी | |
निबंध-संग्रह | जयशंकर प्रसाद, आधुनिक साहित्य, नया साहित्यः नये प्रश्न, कवि निराला, राष्ट्रीय साहित्य, प्रकीर्णिका हिंदी, साहित्य बीसवीं शताब्दी, महाकवि सूरदास, आधुनिक काव्य: रचना और विचार |
संपादन | सूरसागर, रामचरितमानस |
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शांतिप्रिय द्विवेदी | |
निबंध-संग्रह | संचारिणी, युग और साहित्य, सामयिकी, धारातल, प्रतिष्ठान, आधान, वृंत और विकास, साकल्प |
आलोचना | साहित्यकी, कवि और काव्य, सामयिकी, संचारिणी, युग और साहित्य, ज्योति विहग (पंत पर),हमारे साहित्य निर्माता |
संस्मरण | स्मृतियॉं और कृतियॉं |
देवेंद्र सत्यार्थी | |
निबंध-संग्रह | धरती गाती है, एक युग एक प्रतीक, रेखाएँ बोल उठी |
आत्मकथा | चांद सूरज के बीरन, नील यक्षिणी |
संस्मरण | रेखाएँ बोल उठीं |
बनासरीदास चतुर्वेदी | |
निबंध-संग्रह | साहित्य और जीवन, हमारे आराधय |
आत्मकथा | संस्मरण |
जीवनी | नीलकंठ गोर्की (गोर्की पर) |
संस्मरण | हमारे आराधय |
रेखाचित्र | संस्मरण, रेखाचित्र, सेतुबंध |
संपादन | विशाल भारत के प्रथम संपादक, (परवर्ती ब्रजमोहन वर्मा, मोहनसिंह सेंगर, श्रीराम शर्मा, अज्ञेय) |
अन्य–पद्मसिंह शर्मा के पत्र |
नगेंद्र (1915 – 2000) |
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निबंध-संग्रह | यौवन के द्वार पर, चेतना के बिंब, आस्था के चरण (1968), आलोचक की आस्था |
संस्मरण | चेतना के बिंब, रेखाचित्र |
यात्रावृत | तंत्रलोक से यंत्रलोक तक, अप्रवासी की यात्राएँ |
आत्मकथा | अर्ध कथा |
आलोचना | सुमित्रनंदन पंत(1938), साकेत: एक अध्ययन(1939), शोध और सिद्धांत, काव्यबिंब, हिंदी साहित्य की प्रवृतियॉं, विचार और अनुभूति, रीतिकाव्य की भूमिका, देव और उनकी कविता, रस सिद्धांत(1964), मिथक और साहित्य, आधुनिक हिंदी नाटक, कामायनी के अधययन की समस्याएँ, नयी समीक्षा: नये संदर्भ, साहित्य का समाजशास्त्र, भारतीय सौंदर्य की भूमिका, आधुनिक हिंदी कविता की मुख्य प्रवृतियॉं, शैली विज्ञान, भारतीय समीक्षा और आचार्य रामचंद्र शुक्ल की काव्य दृष्टि,अभिनव भारती, वक्रोक्ति जीवत (अनुवाद), ध्वन्यालोक तथा नाट्यदर्पण (इनकी देखरेख में आचार्य विश्वंभर ने किया), अरस्तू का काव्यशास्त्र, काव्य में उदात्त तत्व (लोजाइनिस के द सब्लाइम का अनुवाद), काव्य कला (होरेस के आर्स पोएटिका का अनुवाद), पाश्चात्य काव्यशास्त्र की परंपरा (सेंट्सबसरी के लोसाई क्रिटिकाई का अनुवाद) |
भदंत आनंद कोसल्यायन | |
निबंध-संग्रह | जो भूल न सका |
रिपोर्ताज | देश की मिट्टी बुलाती है |
संपादन | भिक्षु के पत्र |
वासुदेवशरण अग्रवाल | |
निबंध-संग्रह | पृथ्वीराज, कला और संस्मरणकृति |
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर | |
निबंध-संग्रह | जिंदगी मुस्कराई, बाजे पायलियाके घुंघरू, कारवॉं आगे बढ़ गये, जिंदगी लहलहायी, माटी हो गयी सोना, महके ऑंगन चहके द्वार |
रिपोर्ताज | झण बोले कण मुस्कायें |
संस्मरण | जिंदगी मुस्कराई |
रेखाचित्र | माटी हो गई सोना, दीप जले शंख बजे |
भगवतीशरण उपाधयाय | |
निबंध-संग्रह | ठॅूंठा आम (निबंध) |
यात्रावृत | वो दुनिया, सागर की लहरों पर |
रिपोर्ताज | खून के छींटे, इतिहास के पन्नों पर खून के धब्बे |
विद्यानिवास मिश्र (ललित निबंधाकार) | |
निबंध-संग्रह | चितवन की छॉंह तुम चंदन हम पानी, मेरे राम का मुकुट भीग रहा हे, जीवन अलभ्य हे, जावन सौभाग्य हे, शिरीष की याद आयी, ऑंगन का पंछी और बंजारा मन, मैने सिल पहॅंचाई, हिंदू धर्मः जीवन में सनातन की खोज, परंपरा बंधन नहीं, बसंत आ गया पर उत्कंठा नहीं, कॅंटीले तारों के आर पार, संचारिणी, कौन तू फुलवा बीननहारी, अस्मिता के लिए, भ्रमरानंद के पत्र, अंगद की नियति, कदम की फूली डाल, साहित्य की चेतना, महाभारत का काव्यार्थ, लागौ रंग हरी, अग्निरथ, देश-धर्म और साहित्य, तमाल के झरोखे से, व्यक्ति व्यंजना |
आलोचना | रीतिविज्ञान, नयी कविता की मुक्तधारा, साहित्य का प्रयोजन |
कुबेरनाथ राय (ललित निबंधकार) | |
निबंध-संग्रह | प्रिया नीलकंठी, रस आखेटक, गंधमादन, निषाद बॉंसुरी, विषाद योग, दृष्टि अभिसार, कामधेनु |
रमेश कुंतल मेघ | |
निबंध-संग्रह | क्योंकि समय एक शब्द है, अथातो सौंदर्य जिज्ञासा, साक्षी है सौंदर्य प्राश्निक |
आलोचना | आधुनिकताबोध और आधुनिकीकरण, मध्ययुगीन रसदर्शन, अथातो सौंदर्य जिज्ञासा, क्योंकि समय एक शब्द है, साक्षी है सौंदर्य प्राश्निक |
रवींद्र त्यागी | |
निबंध | शोकसभा, देवदार के पेड़, अतिथि कक्ष |
जानकी वल्लभ शास्त्री | |
काव्य-संग्रह | रूप-अरूप, शिप्रा, मेघगीत, अवन्तिका |
निबंध-संग्रह | मन की बात, जो न बिक सकी |
निराला के पत्र |
कृष्णदत्त पालीवाल | |
निबंध-संग्रह | नया सृजन नया बोध |
लक्ष्मी चंद्र | |
निबंध-संग्रह | कागज की किश्तियाँ |
श्रीनारायण चतुर्वेदी | |
निबंध-संग्रह | राजभवन की सिगरेटदानी |
लक्ष्मीकांत | |
निबंध-संग्रह | मैंने कहा |
कृष्णबिहारी मिश्र | |
निबंध-संग्रह | बेहया का जंगल, चुनाव जी गया, गॉंव हार गया |
विष्णुकांत शास्त्री | |
निबंध-संग्रह | कुछ चंदन की कुछ कपूर की |
नामवर सिंह (प्रगतिशील आलोचक) | |
निबंध-संग्रह | बकलमखुद |
आलोचना | इतिहास और आलोचना, आधाुनिक साहित्य की प्रवृतियॉं, छायावाद, कहानी: नई कहानी, कविता के नये प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, कला के विकास में अपभ्रंष का योग, वाद विवाद संवाद, काल मार्क्स: कला और साहित्यचिंतन, पृथ्वीराज रासो: भाषा और साहित्य |
नंदकिशोर नवल | |
निबंध-संग्रह | कविता की मुक्ति, प्रेमचंद का सौंदर्यशास्त्र, शब्द जहॉं सक्रिया है, दृश्यालेख |
आलोचना | निराला और मुक्तिबोध: चार लंबी कविताएँ, हिंदी आलोचना का विकास, महावीर प्रसाद द्विवेदी, मुक्तिबोध: ज्ञान और संवेदना, समकालीन हिंदी कवि |
संपादन | निराला की रचनावली, रूद्र समग्र |
लक्ष्मीशंकर व्यास | |
जीवनी | पराडकर जी और पत्रकारिता (बा-पि- पराडकर) |
घनश्यामदास बिडला | |
जीवनी | बापू (महात्मा गांधी पर) |
अन्य- डायरी के पन्ने |
रोमां रोला | |
जीवनी | महात्मा गॉंधीःविश्व के अद्वितीय पुरूष (हिंदी अनुवाद, महात्मा गॉंधी पर) |
रामचंद्र दिवाकर | |
जीवनी | महायोगी (श्री अरविंद) |
शिवरानी देवी | |
जीवनी | घर में (प्रेमचंद पर) |
मदनगोपाल | |
जीवनी | कलम का मजदूर (प्रेमचंद पर) |
गंगा प्रसाद पांडेय | |
जीवनी | महाप्राण निराला (निराला पर) |
ओंकार “ादर | |
जीवनी | गोर्की (गोर्की पर) |
सुधा चौहान | |
जीवनी | मिला तेज से तेज (सुभद्रा कुमारी चौहान पर) |
चंद्रशेखर शुक्ल | |
जीवनी | आचार्य रामचंद्र “ाुक्ल जीवनी और कृतित्व (रामचंद्र शुक्ल पर) |
शांति जोशी | |
आत्मकथा | परिव्राजक की कथा |
जीवनी | सुमित्रनंदन पंत जीवनी और साहित्य |
विष्णुचंद्र शर्मा | |
संस्मरण | इन लोगों के मध्य |
जीवनी | अग्निसेतु (काजी नजरूल इस्लाम), मुक्तिबोध की जीवनी, मुक्तिबोध की आत्मकथा |
रामकमल राय | |
जीवनी | शिखर से सागर तक (अज्ञेय) |
ब्रजरत्न दास | |
जीवनी | भारतेंदु की जीवनी |
बरूआ | |
जीवनी | माखनलाल चतुर्वेदी जीवनी |
आत्मकथा
हिंदी की पहली आत्मकथा बनारसीदास जैन की पद्य में लिखित अर्द्धकथानक (1941) मानी जाती है। पहली गद्य आत्मकथा भारतेंदु की ‘एक कहानी कुछ आपबीती कुछ जग बीती’ मानी जाती है।
राजेंद्र प्रसाद | |
आत्मकथा | आत्मकथा |
जीवनी | चेखव: एक इंटरव्यू |
हरिभाऊ उपाध्याय | |
आत्मकथा | साधना के पथ पर |
मूलचंद्र अग्रवाल | |
आत्मकथा | पत्रकार की आत्मकथा |
भवानीदयाल सन्यासी | |
आत्मकथा | प्रवासी की आत्मकथा |
इंद्र विद्यावाचस्पति | |
आत्मकथा | जीवन की झॉंकियॉं |
गंगाप्रसाद उपाधयाय | |
आत्मकथा | जीवन चक्र |
नरदेश शास्त्री | |
आत्मकथा | आपबीती जगबीती |
श्रीराम शर्मा | |
संस्मरण | प्राणों में सौदा, जंगल के जीव, बोलती प्रतिमा, शिकार, सन् बयालीस के संस्मरण |
आत्मकथा | सेवाग्राम की डायरी |
शिकार साहित्य के प्रणेता |
पी- डी- टंडन | |
आत्मकथा | राज से लपटें |
हंसराज रहबर | |
आत्मकथा | मेरे सात जन्म |
सत्यानंद अग्निहोत्री | |
आत्मकथा | मुझमें देवजीवन का विकास (हिंदी की पहली पद्य आत्मकथा) |
बलराज मधोक | |
आत्मकथा | जिंदगी का सफर |
स्वामी श्रद्धानंद | |
आत्मकथा | कल्याण मार्ग का पथिक |
प्रकाश चंद्र गुप्त (मार्क्सवादी आलोचक) | |
संस्मरण | पुरानी स्मृतियॉं |
रेखाचित्र | रेखाचित्र |
रिपोर्ताज | बंगाल का अकाल |
आलोचना | नया हिंदी साहित्य, आधुनिक हिंदी साहित्य, हिंदी साहित्य की जनवादी परंपरा |
विनय मोहन शर्मा | |
रेखाचित्र | रेखा और रंग |
भगवतीशरण सिंह | |
संस्मरण | रस गगन गुफा में |
मे- पी- चेलीशेव | |
संस्मरण | निरालाः जीवन और संघर्ष के मूर्तिमान रूप |
रामनाथ सुमन | |
संस्मरण | छायावाद युगीन स्मृतियॉं |
आलोचना | प्रसाद की काव्य कला |
महेशप्रसाद श्रीवास्तव | |
यात्रावृत | दिल्ली से मास्को |
मुनि कांता सागर | |
यात्रावृत | खंडहरों का वैभव, खोज की पगडंडियॉं |
प्रभाकर द्विवेदी | |
यात्रावृत | पार उतरि कहॅं जइहौ, धूप में सोई नदी |
दिनेश नंदिनी चौरड्या | |
गद्यकाव्य | शारदीया, दुपहरिया के फूल, उन्मन, स्पन्दन |
रामप्रसाद विद्यार्थी | |
गद्यकाव्य | शुभ्रा |
रघुवीर सिंह | |
गद्यकाव्य | शेष स्मृतियॉं |
ब्रह्म देव | |
गद्यकाव्य | निशीथ, ऑंसू भरी धारती, उदीची |
देवशर्मा | |
गद्यकाव्य | तरंगित हृद्य |
शिवदानसिंह चौहान (पहले मार्क्सवादी आलोचक) | |
रिपोर्ताज | लक्ष्मीपुरा |
आलोचना | 1937 में विशाल भारत में इनका एक लेख भारत में प्रगतिशील साहित्य की आवश्यकता छपा था, प्रगतिवाद, साहित्य की परख, आलोचना के मान, साहित्य की समस्याएँ, साहित्यानुशीलन |
संपादन | आलोचना’ के प्रथम संपादक तथा वर्तमान में नामवर सिंह इसके समालोचक आगरा से रामविलास शर्मा कुछ समय बाद ही बंद हो गई |
रामनारायण उपाध्याय | |
रिपोर्ताज | नववर्षांक समारोह में |
कैलाश नारद | |
रिपोर्ताज | धरती के लिए |
सतीकुमार | |
रिपोर्ताज | क्या हमनें कोई यंत्र रचा था |
नरोत्तम नागर | |
रिपोर्ताज | अपने ही घर में सरस्वती का अपमान, इंटरव्यू (निराला पर) |
किशोरीदास वाजपेयी | |
व्याकरण | हिंदी शब्दानुशासन |
मधुरेश | |
आलोचना | आज की हिंदी कहानी: विचार और प्रतिक्रिया |
संपादन | यशपाल के पत्र |
पंडित कृष्णशंकर शुक्ल | |
आलोचना | केशव की काव्यकला, कविवर रत्नाकर |
लक्ष्मीनारायण सुधांशु | |
आलोचना | काव्य में अभिव्यंजनावाद, जीवन के तत्व और काव्य के सिद्धांत |
जनार्दन प्रसाद झा द्विज | |
आलोचना | प्रेमचंद की उपन्यास कला |
गिरिजादत्त शुक्ल गिरीश | |
आलोचना | महाकवि हरिऔंध, गुप्त की काव्य धारा |
सत्येंद्र | |
आलोचना | गुप्तजी की कला |
आलोचना–
चंद्रबली सिंह (प्रगतिशील आलोचक) | |
आलोचना | लोकदृष्टि और साहित्य |
देवराज उपाध्याय | |
आलोचना | आधुनिक हिंदी कथा साहित्य और मनोविज्ञान |
मैनेजर पांडेय | |
आलोचना | साहित्य का समाजशास्त्र, साहित्य और इतिहास दृष्टि, भक्ति आंदोलन और सूरदास का काव्य, शब्द और कर्म अनभै सॉंचा (निबंध) |
रामस्वरूप चतुर्वेदी | |
आलोचना | मधययुगीन हिंदी काव्यभाषा, नवलेखन, भाषा और संवेदना, अज्ञेय: आधाुनिक रचना की समस्या, कामायनी: पुनर्मूल्यांकन, हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास, समकालीन हिंदी साहित्य: विविधा परिदृश्य |
रवींद्रनाथ श्रीवास्तव | |
आलोचना | शैलीविज्ञान की भूमिका, संरचनात्मक शैली विज्ञान, शैली विज्ञान और हिंदी का समाजशास्त्र, हिंदी भाषा क संरचना के विविध आयाम, आलोचना की नयी भूमिका, भाषा विज्ञान: सैद्धांतिक चिंतन |
देवीशंकर अवस्थी | |
आलोचना | विवेक के रंग, नयी कहानी: संदर्भ और प्रकृति, साहित्य विधााओं की प्रकृति |
इंद्रनाथ मदान | |
आलोचना | प्रेमचंद: एक विवेचन, आलोचना और काव्य, आधुनिक कविता का मूल्यांकन, आज का हिंदी उपन्यास, आधुनिकता और हिंदी आलोचना, महादेवी, कामायनी: मूल्यांकन और मूल्यांकन |
बच्चन सिंह | |
आलोचना | समकालीन साहित्य: आलोचना की चुनौती, आलोचक और आलोचना, आधाुनिक हिंदी आलोचना के बीजशब्द, साहित्य का समाजशास्त्र और रूपवाद, आधाुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास, हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास, हिंदी नाटक |
पंक्तियाँ – भारतेन्दु गद्य को ‘हँसमुख गद्य’ कहा। छायावादी काव्य को स्वच्छन्दावादी काव्य कहा। |
निर्मला जैन | |
आलोचना | पाश्चात्य साहित्य चिंतन, इतिहास और आलोचना के वस्तुवादी सरोकार, अंतस्थल का पूरा विप्लव: अंधेरे में, हिंदी आलोचना की बीसवीं सदी, कविता की प्रतिसंस्मरणार, नयी समीक्षा के प्रतिमान, रस सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र, आधुनिक साहित्य: मूल्य और मूल्यांकन |
बलदेव उपाध्याय | |
आलोचना | भारतीय साहित्यशास्त्र |
परमानंद श्रीवास्तव | |
आलोचना | समकालीन कविता का व्याकरण, शेखर एक जीवनी का महत्व, काव्य शास्त्र |
भगीरथ मिश्र | |
आलोचना | हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, हिंदी रीतिसाहित्य, भारतीय काव्यशास्त्र |
आनंदप्रसाद दीक्षित | |
आलोचना | रस सिद्धांत: स्वरूप और विश्लेषण, रस चिंतन के विविध आयाम |
सुरेशचंद्र गुप्त | |
आलोचना | आधुनिक हिंदी कवियों का काव्यसिद्धांत |
भोलानाथ तिवारी | |
आलोचना | अभिव्यक्ति विज्ञान |
रामचंद्र तिवारी | |
आलोचना | आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी गद्य साहित्य |
जगदीश कुमार | |
आलोचना | शमशेर का काव्यलोक |
विश्वनाथ त्रिपाठी | |
आलोचना | लोकवादी तुलसीदास, हिंदी आलोचना |
राममूर्ति त्रिपाठी | |
आलोचना | भारतीय काव्यशास्त्रः नव मूल्यांकन |
सिलसिला | |
आलोचना | समकालीन कहानी की पहचान, हिंदी कहानी: अस्मिता की तलाश, हिंदी कहानी का विकास, हिंदी उपन्यास का विकास, यशपाल: एक समर्पित व्यक्तित्व, राहुल का कथाकर्म |
सुनीति कुमारी चटर्जी | |
आलोचना | भारतीय आर्यभाषा और हिंदी |
हरदेव बाहरी | |
आलोचना | भाषा विज्ञान |
कुमार विमल | |
आलोचना | सौंदर्यशास्त्र के तत्व, कला विवेचन |
चंद्रभूषण तिवारी | |
आलोचना | आलोचना की धार |
देवेंद्रनाथ शर्मा | |
आलोचना | भाषा विज्ञान की भूमिका, पाश्चात्य काव्यशास्त्र, काव्य के तत्व |
प्रेमशंकर | |
आलोचना | प्रसाद का काव्य, भक्ति काव्य का समाजशास्त्र, भक्तिकाव्य की भूमिका, हिंदी स्वच्छंदतावादी काव्य |
विजयेंद्र स्नातक | |
आलोचना | कबीर |
शेफालिका | |
आलोचना | रेणु का कथा संसार |
रेखा खरे | |
आलोचना | निराला की कविताएँ और काव्य भाषा |
गोपालराम | |
आलोचना | हिंदी उपन्यास कोश |
अशोक चक्रधर | |
आलोचना | मुक्तिबोध की कविताई, मुक्तिबोध की समीक्षाई |
नलिन विलोचन शर्मा | |
आलोचना | साहित्य का इतिहास-दर्शन |
अमृतराय | |
एकांकी | रूसी लोग, राह चलते |
उपन्यास | धुआँ |
जवाहरलाल नेहरू (सन् 1889, इलाहाबाद (उ-प्र-) सन् 1964) |
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आत्मकथा | मेरी कहानी |
लेख | भारत की खोज, पिताके पत्र पुत्री के नाम (हिंदी अनुवाद) |
अवतार सिंह संधू (पाश) सन् 1950, तलवंडी सलेम गाँव, जिला जालंमार (पंजाब) मृत्युः सन् 1988 |
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रचनाएँ | लौह कथा, उड़दें बाजां मगर, साडै समिया बिच, लड़ेंगे साथी (पंजाबी), बीच का रास्ता नहीं होता, लहू है कि तब भी गाता है (हिंदी अनुवाद) |
शिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ जन्म – सन् 1911 में काशी में, सन् 1970 में |
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गीत संग्रह | ताल तलैया, गज़लिका, परीक्षा पचीसी |
उपन्यास | बहती गंगा, सुचिताच |
ऋतुराज जन्म- 1940 |
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कविता-संग्रह | एक मरणधर्मा और अन्य, पुल पर पानी, सुरत निरत और लीला मुखारविंद |
यतींद्र मिश्र जन्म -सन् 1977 में |
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काव्य-संग्रह | यदा-कदा, अयोमया तथा अन्य कविताएँ, ड्योढ़ी पर आलाप। |
आनंद कौसल्यायन बचपन का नाम हरनाम दास था। जन्म – सन् 1905 सन् 1988 निधन |
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रचनाएँ | भिक्षु के पत्र, जो भूल ना सका, आह! ऐसी दरिद्रता, बहानेबाजी, यदि बाबा ना होते, रेल का टिकट, कहाँ क्या देखा |
मिथिलेश्वर जन्म 31 दिसंबर 1950 को बिहार |
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उपन्यास | झुनिया, युद्धस्थल, प्रेम न बाड़ी ऊपजे और अंत नहीं |
कहानी संग्रह | बाबूजी, मेघना का निर्णय, हरिहर काका, चलखुसरो घर आपने |
गुरदयाल सिह | |
रचनाएँं | मढ़ी का दीवा, अथ-चादनी रात, पाँचवाँ पहर, सब देश पराया, साँझ-सबेरे |
आत्मकथा | क्या जानूँ मैं कौन? |
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वीरेन डंगवाल | |
कविता संग्रह | इसी दुनिया में और दुष्चक्र में स्रष्टा |
कैफ़ी आजमी | |
कविता संग्रह | झंकार, आखिर-ए-शब, आवारा सजदे, सरमाया और पि़्ाफ़ल्मी गीतों का संग्रह मेरी आवाज सुनो |
अपने रचनाकर्म के लिए कैफ़ी को साहित्य अकादेमी |
रवींद्रनाथ ठाकुर | |
कृतिया | नैवैद्य, पूरबी, बलाका, क्षणिका, चित्र और सांध्यगीत, काबुलीवाला और सैकड़ों अन्य कहानियाँ |
उपन्यास | गोरा, घरे बाइरे और रवींद्र के निबंध |
अपनी काव्य कृति गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार से |
सीताराम सेकसरिया (1892-1982) |
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कृतियाँ | स्मृतिकण, मन की बात, बीता युग, नयी याद और दो भागों में एक कार्यकर्ता की डायरी |
प्रहलाद अग्रवाल (1947) |
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कृतियाँ | सातवाँ दशक, तानाशाह, मैं खुशबू, |
अंतोन चेखव (1860-1904) |
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नाटक | वाल्या मामा, तीन बहनें, सीगल और चेरी का बगीचा। |
कहानियाँ | गिरगिट, क्लर्क की मौत, वान्का, तितली, एक कलाकार की कहानी, घोंघा, इओनिज, रोमांस,दुलहन। |
निदा फ़ाजली (1938) | |
कविता | लफजों का पुल |
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विद्यासागर नौटियाल | |
उपन्यास | उलझे रिश्ते, बीम अकेली, सूरज सबका है, उत्तर बायाँ है, झुंड से बिछुड़ा |
कहानी-संग्रह | टिहरी की कहानियाँ, सुच्ची डोर |
आत्मकथ्य | मोहन गाता जाएगा |
श्यामाचरण दुबे | |
समीक्षा | मानव और संस्कृति, परंपरा और इतिहास बोध, संस्कृति तथा शिक्षा, समाज और भविष्य, भारतीय ग्राम, संक्रमण की पीड़ा, विकास का समाजशास्त्र, समय और संस्कृति |
जाबिर हुसैन | |
कृतियाँ | जो आगे हैं, डोला बीबी का मजार, अतीत का चेहरा, लोगां, एक नदी रेत भरी |
चंद्रकांत देवताले | |
कृतियाँ | हड्डियों में छिपा ज्वर, दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हँस रहा है, भूखंड तप रहा है, पत्थर की बैंच, इतनी पत्थर रोशनी, उजाड़ में संग्रहालय |
एस- के- पोट्टेकाट (1913-1982) मलयालम के प्रसिद्ध कथाकार |
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कृतियां | प्रेम शिशु, विषकन्या और मूडुपडम्। |
साहित्य अकादमी तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित |
काका कालेलकर (मराठी लेखक) (1885 – 1982) |
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निबंध संग्र | जीवननो आनंद, अवारनवार |
यात्रा वृत्तांत | हिमालयनो प्रवास, लाेकमाता |
संस्मरण | स्मरण यात्रा |
आत्मचरित | धर्मोदय |
अन्य भारतीय भाषाओं की महत्वपूर्ण रचनाएँ |
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आग का दरिया | उर्दू उपन्यास | कुर्रतुल ऐन हैदर |
दीवाने गालिब | उर्दू | मिर्जा गालिब |
एक गधे की वापसी | उर्दू कहानी | कृश्नचंदर |
एक गधे की सर्गुजश्त | उर्दू कहानी | कृश्नचंदर |
हवाई किले | उर्दू कहानी | कृश्नचंदर |
अब्बू खाँ की बकरी | उर्दू कहानी | जाकिर हुसैन |
लिहाफ | उर्दू कहानी | इस्मत चुगताई |
हयवदन, तुगलक, रक्तकल्याण | कन्नड़ नाटक | गिरीश कर्नाड |
संस्कार | कन्नड़ | यू-आर- अनन्तमूर्ति |
ययाति | मराठी उपन्यास | खाण्डेकर |
घासीराम कोतवाल, सखाराम बाइंडर | मराठी उपन्यास | विजय तेंदुलकर |
कोसला | मराठी उपन्यास | भालचंद्र नेमाड़े |
कागज ते कैनवास | पंजाबी | अमृता प्रीतम |
प्रथम प्रतिश्रुति | बंगला उपन्यास | आशापूर्णा देवी |
गणदेवता | बंगला उपन्यास | ताराशंकर बंद्योपाध्याय |
पद्मा नदी का मांझी | बंगला उपन्यास | मानिक बंद्योपाध्याय |
अमृत संतान | उड़िया उपन्यास | गोपीनाथ महंती |
गुजरात के नाथ | गुजराती उपन्यास | कन्हैयालाल मणिकलाल मुंशी |
मछुवारे | तमिल उपन्यास | तकशी शिवशंकर पिल्लै |
आगरा बाजार | उर्दू नाटक | हबीब तनवीर |
हंसिनी, चैरी का बगीचा | नाटक | चेखव |
जीभ दिखाना | गुंटरग्रास की पुस्तक का हिंदी अनुवाद | विष्णुखरे |
विभिन्न आलोचना पद्धतियों का आरंभ |
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शास्त्रीय आलोचना | जगन्नाथ प्रसाद भानु की काव्य प्रभाकर |
लाला भगवानदीन की अलंकार मंजुषा से | |
तुलनात्मक आलोचना | पद्मसिंह शर्मा की बिहारी और सादी से 1907 में |
अनुसंधानपरक | नागरी प्रचारिणी पत्रिका |
परिचयात्मक आलोचना | सरस्वती में महावीर प्रसाद के आलोचनात्मक लेखों से |
व्याख्यात्मक आलोचना | बदरी नारायण चौधरी प्रेमघन से |
सैद्धांतिक आलोचना | रामचंद्र शुक्ल के काव्य में रहस्यवाद से |
ऐतिहासिक आलोचना | हजारी प्रसाद द्विवेदी |
रसवादी आलोचना | नगेन्द्र के रस सिद्धांत से |