हिन्दी साहित्य का इतिहास » हिंदी इतिहास ग्रंथ

इतिहास ग्रंथ लेखक समय विशेष
इस्तवार दाला लितरे-त्यूर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी गार्सा दातासी 1839 (1) फ्रेंच भाषा में।

(2) 738 हिंदी उर्दू लेखकों का विवरण वर्णक्रमानुसार। हिन्दी के 72 कवियों को शामिल किया।

शिवसिंह सरोज शिवसिंह सेंगर 1883 (1) एक हजार कवियों का विवरण।

(2) जन्म तिथि व रचना की तिथि।

द माडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान जार्ज ग्रियर्सन 1888 (1) हिंदी साहित्य के इतिहास को 11 भागों में बांटा।

(2) 16वीं 17वीं शताब्दी को स्वर्णकाल कहा।

(3) पहली बार कालक्रम के अनुसार विवरण।

मिश्रबंधु विनोद (चार भाग) मिश्रबंधु(गणेश बिहारी मिश्र, श्याम बिहारी मिश्र, शुकदेव बिहारी मिश्र) तीन 1913 चौथा 1934 (1)  पाँच हजार कवियों का आठ प्रकरणों में विवरण।

(2) रामचंद्र शुक्ल – ‘‘कवियों के परिचयात्मक विवरण मैंने प्रायः मिश्रबंधु विनोद से ही लिए हैं।’’

A Scatch of Hindi Literature Adwin Greeks 1917
ए हिस्ट्री ऑफ इंडियन लिट्रेचर F.E. K 1920
हिंदी साहित्य का इतिहास आचार्य रामचन्द्र शुक्ल 1929 (1) नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी से हिंदी शब्द सागर की भूमिका के रूप में प्रकाशित।

(2) वीरगाथा काल में साहित्यिक पुस्तकों की संख्या 12 मानी है।

(3) हिंदी साहित्य का सर्वप्रथम सुव्यवस्थित इतिहास ग्रंथ।

हिंदी भाषा और साहित्य श्यामसुंदर दास 1930
हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास अयोध्यासिंह उपाध्याय 1930
हिंदी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास सूर्यकांत शास्त्री 1930 (1) ‘‘समय समय पर इतिहास पुनः लिखना चाहिए। इसलिए नहीं कि बहुत से नवीन तत्वों को खोजा गया है, बल्कि नए दृष्टिकोण सामने आते हैं।
हिंदी साहित्य का इतिहास रमाशंकर शुक्ल रसाल 1931 (1) आदिकाल को बाल्यकाल कहा।

(2) मध्यकाल को किशोरावस्था कहा।

(3) आधुनिक काल को युवावस्था कहा

आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास कृष्ण शंकर शुक्ल 1934
हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास डा० रामकुमार वर्मा 1938 (1) 639 ई0 से 1963 ई0 तक के साहित्य को लिया।

(2) अपभ्रंश काव्य को हिंदी काव्य परंपरा से जोड़ते हुए स्वयंभू को हिंदी का पहला कवि माना।

(3) वीरगाथा काल को संधिकाल कहते हुए इससे पूर्व चारणकाल की स्थापना की।

राजस्थानी साहित्य की रूपरेखा मोतीलाल मनेरिया 1939
जैन इतिहास की पूर्व पीठिका तथा हमारा अभ्युत्थान हीरालाल जैन 1939
मॉडर्न हिन्दी लिटरेचर डॉ० इंद्रनाथ मदान 1939
हिंदी साहित्य की भूमिका हजारी प्रसाद द्विवेदी 1940 (1) साहित्य की परंपरा के अध्ययन को प्रमुख माना।
हिंदी साहित्य का उद्भव और विकास हजारी प्रसाद द्विवेदी 1952
हिंदी साहित्य का आदिकाल हजारी प्रसाद द्विवेदी 1952 (1) कालखंड विशेष पद्धति पर आधारित।
हिंदी साहित्य का अतीत डॉ० विश्वनाथ प्रसाद मिश्र 1960
हिंदी साहित्य का वृहत् इतिहास नागरी प्रचारिणी सभा 1961
हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास डॉ० विश्वनाथ त्रिपाठी 1985
हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास बच्चन सिंह 1996 (1) ‘‘यदि पिष्टपेषण नहीं करना है तो नया इतिहास लिखा ही जाएगा।’’

(2) आदिकाल को अपभ्रंशकाल कहा।

हिंदी साहित्य डॉ० धीरेंद्र वर्मा
हिंदी साहित्य का इतिहास डॉ० नगेंद्र
रीतिकाव्य की भूमिका डॉ० नगेन्द्र
हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास रामस्वरूप चतुर्वेदी
हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास गणपतिचंद्र गुप्त 1965 (1) जैन कवि शालिभद्र सूरि को हिंदी का पहला कवि माना।
हिंदी साहित्य का इतिहास दर्शन नलिनी विलोचन शर्मा
हिंदी भाषा और साहित्य का इतिहास आचार्य चतुरसेन शास्त्री
हिंदी साहित्य का आधुनिक इतिहास डॉ० लक्ष्मीससागर वार्ष्णेय
उत्तर भारत की संत परंपरा परशुराम चतुर्वेदी
हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास डॉ० सुमन राजे महिला लेखकों पर आधारित

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