अभिव्यक्ति और माध्यम 11 » कथा-पटकथा

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कथा-पटकथा

प्रश्न – पटकथा क्या है?

उत्तर – पटकथा शब्द दो शब्दों के मेल से बना है-‘पट’ और ‘कथा’। कथा का मतलब आप सभी जानते हैं-कहानी। और पट का अर्थ होता है-परदा! अर्थात ऐसी
कथा जो परदे पर दिखाई जाए। चाहे वो परदा बड़ा हो या छोटा। यानी कि सिनेमा और टेलीविजन दोनों ही माध्यमों के लिए बनने वाली फिल्मों, धारावाहिकों आदि का मूल आधार पटकथा ही होती है।

प्रश्न – किस साहित्यकार ने कथा के बारे में कहा कि ”पटकथा कुछ और नहीं कैमरे से फ़िल्म के परदे पर दिखाए जाने के लिए लिखी हुई कथा है।”

उत्तर – मनोहर श्याम जोशी ने।

प्रश्न – ‘पटकथा लेखन-एक परिचय’ नमक पुस्तक किसके द्वारा लिखी गई है?

उत्तर – मनोहर श्याम जोशी के द्वारा।

प्रश्न – किसी भी फ़िल्म यूनिट या धारावाहिक बनाने वाली कंपनी को ‘पटकथा’ तैयार करने के लिए, सबसे पहले क्या चीज चाहिए होती है?

उत्तर – कथा,  यदि कथा ही नहीं होगी तो पटकथा कैसे बनेगी?

प्रश्न – ‘स्क्रीनप्ले’ किसे कहते हैं?

उत्तर – फ़िल्म या टी-वी- की पटकथा की संरचना नाटक की संरचना से बहुत मिलती है। अंग्रेजी में इसे ही ‘स्क्रीनप्ले’ कहते हैं।

प्रश्न – पटकथा की संरचना (स्क्रीनप्ले) के अंग बताइए।

उत्तर –

  1. पात्र और चरित्र
  2. नायक और प्रतिनायक
  3. घटनास्थल
  4. दृश्य
  5. द्वंद्व (टकराहट)
  6. समाधान

प्रश्न – नाटक और फ़िल्म की पटकथा में क्या अंतर होता हैं?

उत्तर –

बिन्दु नाटक फ़िल्म
दृश्य नाटक के दृश्य लंबे होते हैं। फ़िल्म के दृश्य छोटे होते हैं।
घटनास्थल नाटक के घटनास्थल सीमित होते हैं। फ़िल्म के घटनास्थल असीमित होते हैं।
सजीवता नाटक फ़िल्म की अपेक्षा अधिक सजीव कला माध्यम है। फ़िल्म नाटक की अपेक्षा कम सजीव कला माध्यम है।
विकासक्रम नाटक में कथा का विकास रेखीय होता है। फ़िल्म में कथा का विकास कई प्रकार से होता है। जैसे – फ्लैश बैक या फ्लैश फॉरवर्ड।

प्रश्न – फ़िल्म में कथा के विकास की ‘फ्लैश बैक या फ्लैश फॉरवर्ड’ तकनीक क्या है?

उत्तर – फ्लैश बैक वो तकनीक होती है, जिसमें आप अतीत में घटी किसी घटना
को दिखाते हैं और फ्लैश फॉरवर्ड में आप भविष्य में होने वाले किसी हादसे को पहले दिखा देते हैं। फ्लैश बैक या फ्लैश फॉरवर्ड दोनों युक्तियों का प्रयोग करने के बाद हमें वर्तमान में आना जरूरी होता है। ताकि दर्शकों के मन में किसी किस्म का असमजंस न रहे।

प्रश्न – पटकथा लेखन में दृश्य का क्या महत्व है?

उत्तर – पटकथा की मूल इकाई होती है दृश्य। एक स्थान पर, एक ही समय में लगातार चल रहे कार्य व्यापार के आधार पर एक दृश्य निर्मित होता है। इन तीनों में से किसी भी एक के बदलने से दृश्य भी बदल जाता है।

प्रश्न – पटकथा लेखन में कंप्यूटर की क्या भूमिका है?

उत्तर – कंप्यूटर पर ऐसे सॉफ्टवेयर आ गए हैं, जिनमें पटकथा लेखन का प्रारूप बना बनाया होता है, साथ ही साथ वो आपको ये बताने में भी सक्षम होते हैं कि आपकी पटकथा में कहाँ-कहाँ पर गड़बड़ रही है। अकसर उसे सुधारने के सुझाव भी आपको ये सॉफ्टवेयर दे सकते हैं, उसे स्वीकार करना न करना आपकी सूझबूझ और इच्छा पर निर्भर करता है।

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