नाम | स्थान/वर्ष | संस्थापक | विशेष |
पारसी नाटक मंडली
(हिंदू डेमेटिक कोर) |
1853 बंबई | पेस्तन जी घनजी भाई मास्टर | आगा हश्र, नारायण प्रसाद बेताब, राधेश्याम कथावाचक, इसमें पहला हिंदुस्तानी नाटक ‘राजा गोपीचंदर’ 26 नबंबर 1853 को खेला गया। |
श्रीरामलीला नाटक मंडली या हिंदी नाट्य समिति | 1889 | माधव शुक्ल | अव्यावसायिक नाटक मंडलियों में सबसे प्राचीन, 1908 में नाम बदल कर हिंदी नाट्य समिति |
नागर नाटक मण्डली | |||
भारतेन्दु नाटक मण्डली | काशी
1908 |
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हिंदी नाट्य परिषद् | कलकता | ||
बनारस थियेटर | बनारस | 1868 में जानकीमंगल नाटक का मंचन किया | |
कविता वर्धनी सभा | 1870 काशी | ||
रत्नाकर रसिक मंडल | 1933 काशी | ||
नटराज | 1954 काशी | ||
प्रगति | 1968 काशी | ||
नीटा | प्रयाग | ||
आर्य नाट्य सभा | प्रयाग | ||
रंगशाला | प्रयाग | ||
रंगवाणी | प्रयाग | ||
अभिनय | प्रयाग | ||
हिंदी नाट्य समिति | लखनऊ | ||
राष्ट्रीय नाट्य परिषद | लखनऊ | ||
उद्यन | लखनऊ | ||
नाट्यभारती, दर्पण, कला संगम | कानपुर | ||
संगीत नाटक अकादमी | 1953 दिल्ली | ||
लिटिल थियेटर ग्रुप | दिल्ली | ||
दिशांतर | दिल्ली | ||
यात्रिक | दिल्ली | ||
अनामिका | कलकता 1955 | ||
संगीत कला मंदिर | कलकता | ||
अदाकर | कलकता | ||
थियेटर यूनिट | बंबई | ||
राष्ट्रीय विद्यालय | बंबई | ||
पृथ्वी थियेटर | 1944 | पृथ्वीराज कपूर | |
भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) | 1942 | कमला देवी चट्टोपाध्याय | |
एसियन थियेटर इन्स्टीट्यूट | 1945 दिल्ली | नया नाम 1959 में राष्ट्रीय विद्यालय कर दिया |
2019-11-30