विश्व हिन्दी सम्मेलन
| 1. प्रथम | ||
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वर्ष |
स्थान नागपुर, भारत |
बोधवाक्य वसुधैव कुटुम्बकम् |
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यह राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के सहयोग से आयोजित किया गया इसमें विनोबा जी ने संदेश दिया। 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें पारित किये गए प्रस्ताव थे-वर्धा में विश्व हिंदी पीठ की स्थापना हो, संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए और विश्व हिंदी सम्मेलनों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए अत्यंत विचारपूर्वक एक योजना बनाई जाए। |
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| 2. द्वितीय | ||
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वर्ष |
स्थान पोर्ट लुई, मारीशस |
बोधवाक्य वसुधैव कुटुम्बकम् |
| भारत की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्ण सिंह ने 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लिया। 17 देशों के 181 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। | ||
| 3. तृतीय | ||
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वर्ष |
स्थान नई दिल्ली, भारत |
बोधवाक्य वसुधैव कुटुम्बकम् |
| 4. चतुर्थ | ||
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वर्ष |
स्थान पोर्ट लुई, मारीशस |
बोधवाक्य वसुधैव कुटुम्बकम् |
| 5. पंचम | ||
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वर्ष |
स्थान त्रिनिदाद और टोबैगो, पोर्ट ऑफ स्पेन |
बोधवाक्य अप्रवासी भारतीय और हिंदी |
| 6. षष्ट | ||
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वर्ष |
स्थान लंदन, इंग्लैंड |
बोधवाक्य हिंदी और भावी पीढ़ी |
| 7. सप्तम | ||
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वर्ष |
स्थान पारामरिबा, सूरीनाम |
बोधवाक्य विश्व हिंदी-नई शताब्दी की चुनौतियॉं |
| 8. अष्टम | ||
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वर्ष |
स्थान न्यूयार्क, अमेरिका |
बोधवाक्य विश्वमंच पर हिंदी |
| 9. नवम | ||
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वर्ष |
स्थान जोहांसबर्ग दक्षिण अफ्रीेका |
बोधवाक्य भाषा की अस्मिता और हिंदी का वैश्विक संदर्भ |
| 10. दशम | ||
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वर्ष |
स्थान भोपाल, भारत |
बोधवाक्य जगत: विस्तार और संभावनाएँ |
| 11. एकादश | ||
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वर्ष 18-20 अगस्त 2018 |
स्थान
पोर्ट लुई, मारीशस |
बोधवाक्य
हिंदी विश्व और भारतीय संस्कृति |
| 12. द्वादश (प्रस्तावित) | ||
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वर्ष |
स्थान देवास, मध्य प्रदेश, भारत |
बोधवाक्य |
